अक्षय तृतीया जैसा शुभ मुहूर्त मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे खास माना जाता है। इस दिन खरीदारी करने के साथ ही दान पुण्य करने का भी विशेष महत्व होता है।
अक्षय तृतीया पर जौ खरीदना और दान करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जौ दान करना स्वर्ण दान करने के समान पुण्यदायी माना गया है। अक्षय तृतीया पर स्वर्ण खरीदने के साथ-साथ जौ भी जरूर खरीदें।
अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और दांपत्य जीवन खुशहाल रहने का आशीर्वाद देती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा से आपके घर में कभी धन वैभव की कमी नहीं होती।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल तृतीया को ब्रह्म देव के पुत्र अक्षय कुमार की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए इस दिन को अक्षय तृतीया कहा जाता है।
जल, कुंभ, शक्कर, सत्तू, पंखा, छाता, फल आदि चीजें शामिलहैं। कहते हैं कि जो लोग अक्षय तृतीया पर इन चीज ों का दान करते हैं, उनके घर मां लक्ष्मी स्वयं पधारती हैं और आर्थिक तंगी दूर करती हैं।
इस दिन समुद्र या गंगा स्नान करना चाहिए। प्रातः पंखा, चावल, नमक, घी, शक्कर, साग, इमली, फल तथा वस्त्र का दान करके ब्राह्मणों को दक्षिणा भी देनी चाहिए। ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। इस दिन सत्तू अवश्य खाना चाहिए ।
अक्षय तृतीया पर स्नान करते लक्ष्मी पूजन के बाद कामधेनु गाय को देशी घी के लड्डू और हरा चारा खिलाने से सारे पाप धुल जाते हैं और लक्ष्मी का वास होता है।
इस दिन से सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ माना जाता है। इसी दिन श्री बद्रीनारायण के पट खुलते हैं। नर-नारायण ने भी इसी दिन अवतार लिया था। श्री परशुरामजी का अवतरण भी इसी दिनहुआ था।
विधिपूर्वक देवी-देवताओं की पूजा की। गोले के लड्डू, पंखा, जल से भरे घड़े, जौ, गेहूँ, नमक, सत्तू, दही, चावल, गुड़, सोना तथा वस्त्र आदि दिव्य वस्तुएँ ब्राह्मणों को दान कीं।