NCERT Solutions for Class 6th Chapter 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें Question
Ncert class 6 Hindi Chapter 4 ‘चाँद से थोड़ी-सी गप्पें’ नामक पाठ का सम्पूर्ण हिन्दी संप्रग व्याख्या एवं पाठ के अभ्यास प्रश्नों का सरल विश्लेषण किया गया है।
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पाठ-परिचय– इस कविता में कवि ने एक छोटी लड़की की पूर्णिमा के चाँद को देखकर उत्पन्न हुयी भावनाओं का वर्णन किया है। लड़की कहती है कि वैसे तो आप गोल-मटोल हैं परन्तु थोड़ा तिरछे दिखायी देते हैं । आपने जो तारों जड़ी आकाशरूपी चादर पहनी हुयी है उसमें आपका सारा शरीर ढका है, सिर्फ आपका गोल चेहरा दिखाई देता है । आपके तिरछे दिखाई देने का कारण आपकी घटने-बढ़ने की बीमारी है जो कभी ठीक नहीं होती ।
1.
गोल हैं खूब मगर
आप तिरछे नजर आते हैं जरा ।
आप पहने हुए हैं कुल आकाश
तारों-जड़ा;
सिर्फ मुँह खोले हुए हैं अपना
गोरा चिट्टा
गोल – मटोल,
सन्दर्भ एवं प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत’ में संकलित पाठ ‘चाँद से थोड़ी-सी गप्पें’ से लिया गया है। इसके रचयिता शमशेर बहादुर सिंह हैं। प्रस्तुत पद्यांश में कवि एक दस ग्यारह साल की लड़की के माध्यम से चाँद के आकार व वेशभूषा का वर्णन कर रहा है।
व्याख्या/ भावार्थ – लड़की चाँद को देखकर कह रही है आप वैसे तो बिल्कुल गोल आकार के हैं लेकिन जरा तिरछे भी दिखाई देते हैं । यह तारों भरा आकाश आपकी सितारों से जड़ी पोशाक है जिसमें से केवल आप का अत्यन्त गोरा और गोल मुॅह ही दिखाई देता हैं।
2.
अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त ।
आप कुछ तिरछे नजर आते हैं जाने कैसे
खूब हैं गोकि !
वाह जी वाह !
हमको बुद्ध ही निरा समझा है !
हम समझते ही नहीं जैसे कि
आपको बीमारी है
आप घटते हैं तो घटते ही चले जाते हैं,
और बढ़ते हैं तो बस यानी कि
बढ़ते ही चले जाते हैं
दम नहीं लेते हैं जब तक बिलकुल ही
गोल न हो जाएँ,
गोल ।
यह मरज आपका अच्छा ही नहीं होने में……
आता है।
सन्दर्भ एवं प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत’ में संकलित पाठ ‘चाँद से थोड़ी-सी गप्पें’ से लिया गया है। इसके रचयिता शमशेर बहादुर सिंह हैं। इन पंक्तियों के माध्यम से लड़की द्वारा चाँद के बदलते आकार को उसकी बीमारी बताते हुए कटाक्ष किया गया है।
व्याख्या/ भावार्थ – लड़की चाँद से कहती है आपकी यह आकाश की सितारों जड़ी पोशाक चारों दिशाओं तक फैली हुई है । वैसे तो आपकी छवि सुन्दर है लेकिन आप कुछ तिरछे भी दिखाई देते हैं। इसका कारण हमको अच्छी तरह पता है । आपको घटने-बढ़ने की बीमारी है। आप घटना शुरू करते हैं तो गायब ही हो जाते हैं और बढ़ने लगते हैं तो बिल्कुल गोल हो जाते हैं। आपका यह रोग कभी ठीक नहीं होता ।
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
कविता से
प्रश्न 1. ‘ आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि
(क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है । (ख) चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुयी है।
उत्तर– (क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
प्रश्न 2. कवि ने चांद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी ? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और उसका कारण भी बताओ ।
दिन
पूर्णिमा
कारण
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच
प्रथमा से अष्टमी के बीच
उत्तर– दिन
पूर्णिमा कारण
यह दिन पूर्णिमा ही हो सकता है क्योंकि कवि ने चन्द्रमा के मुख को गोल मटोल
बताया है जो पूर्णिमा को ही संभव है ।
प्रश्न 3. परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी नहीं है।
अनुमान और कल्पना नोट – परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी नहीं है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. चाँद संज्ञा है । चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है। नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि
(क) कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं ? (ख) इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो
उत्तर–
(क) ये सभी विशेषण ‘ई’ प्रत्यय जुड़ने से बने हैं।
(ख) उपयुक्त संज्ञा शब्द हैं
गुलाबी होंठ
कीमती कार
मखमली गलीचा ठंडी लस्सी कश्मीरी शाल ।
प्रश्न 2. • गोल-मटोल • गोरा चिट्टा
जंगली कबूतर
कविता में आए इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ है। ऐसे चार-चार शब्द-युग्म सोचकर लिखो और उनका
सफेद है और गोरा से मिलता-जुलता है जबकि मटोल अपने आप में कोई शब्द नहीं है यह शब्द मोटा से बना