लिख् धातु रुप संस्कृत में – संस्कृत में लिख् धातु रुप – Sanskrit main Leekh Dhatu Roop
इस पोस्ट में लिख् धातु रुप संस्कृत में दिए गए हैं, धातु (क्रिया) दो प्रकार की होती है 1 परस्मैपदी और आत्मनेपदी इन दोनों के रूप अलग अलग चलते हैं। काल और अवस्था को संस्कृत भाषा में लकार कहते हैं। यहां पांचों लकार में लिख् धातु रुप (likh Dhatu Roop Sanskrit Main) दिए हैं। जो इन प्रकार नीचे दिए गए हैं
- 1. लट् लकार: – वर्तमान काल
- 2. लृट् लकार: – भविष्यकाल
- 3. लड़् लकार: – भूतकाल
- 4. लोट् लकार: – आज्ञा देने/ मांगने के लिए
- 5. विधिलिड़् लकार: – चाहिए के अर्थ में
लिख् (लिखना ) लट् लकार: वर्तमान काल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमपुरुष: | लिखति | लिखत: | लिखन्ति |
मध्यमपुरुष: | लिखसि | लिखथ: | लिखथ |
उत्तमपुरुष: | लिखामि | लिखाव: | लिखाम: |
लिख् (लिखना) लृट्लकार भविष्यकाल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमपुरुष: | लेखिष्यति | लेखिष्यत: | लेखिष्यन्ति |
मध्यमपुरुष: | लेखिष्यसि | लेखिष्यथ: | लेखिष्यथ |
उतमपुरुष: | लेखिष्यामि | लेखिष्याव: | लेखिष्याम: |
लिख् (लिखना ) लड़् लकार अतीतकाल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमपुरुष: | अलिखत् | अलिखताम् | अलिखन् |
मध्यमपुरुष: | अलिख | अलिखतम् | अलिखत |
उत्तमपुरुष: | अलिखम | अलिखाव | अलिखाम |
लिख् (लिखना ) लोट्लकार आज्ञा/आदेश
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमपुरुष: | लिखतु | लिखताम् | लिखन्तु |
मध्यमपुरुष: | लिख | लिखतम् | लिखत |
उत्तमपुरुष: | लिखानि | लिखाव | लिखाम |
लिख् (लिखना ) विधिलिड़् चाहिए के अर्थ में
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमपुरुष: | लिखेत् | लिखेताम् | लिखेयु: |
मध्यमपुरुष: | लिखे: | लिखेतम् | लिखेत |
उत्तमपुरुष: | लिखेयम् | लिखेव | लिखेम |
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