Makar Sankranti Festival : महत्व, परंपराएं और पारंपरिक खाद्य पदार्थ
Makar Sankranti Festival :- पतंग महोत्सव विभिन्न रंगों और उत्साह का पर्व है, जिसे “मकर संक्रांति” या “उत्तरायण” के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर जनवरी के मध्य यानी 14 जनवरी में आयोजित होने वाला यह उत्साहपूर्ण कार्यक्रम, सूर्य के उत्तरी गोलार्ध में संक्रमण का प्रतीक माना जाता है और यह सांस्कृतिक महत्व रखता है।
मकर संक्रांति का इतिहास बहुत पुराना है और यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य का उत्तरायण स्थान बदलने पर मनाया जाता है। यह पर्व समृद्धि, खुशी, और उत्साह के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति का पर्व पहले ‘उतरायण’ नाम से मनाया जाता था, दिन लोग पारंपरिक तरीके से भगवान सूर्य का पूजा करते हैं, इस यह पर्व सूर्य देवता को समर्पित होता है। इसे ‘मकर संक्रांति’ कहने का कारण है क्योंकि इस दिन सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश करते हैं।
लोग इस दिन के महत्त्व को धार्मिक उत्सव के लिए लोग सूर्य मंदिरों में जाते हैं और सूर्य की पूजा अर्चना करते हैं। यह भारतीय संस्कृति में ग्रहणों और सूर्य के परिवर्तन के अवसर को दर्शाने का एक महत्त्वपूर्ण दिन है। इस पावन पर्व के दिन लोग दान-धर्म, समाज सेवा और शुभ कार्यों को करने में विशेष महत्व समझते हैं। यह पर्व भारतीय समाज में एकता और समरसता का संदेश भी लेकर आता है।
मकर संक्रांति पर्व क्या खाना चाहिए
इस पवित्र दिन पर खास खाद्य पदार्थ और खिलौने जैसी चीजें लोग घरों में बनाकर परिवार में खुशियों और उत्साह ले आते हैं और इस पर्व को और भी रंगीन बनाती हैं। इस मकर संक्रांति पर बनाए जाने वाले पवित्र मिठाईयां और सब्जियां जो भगवान सूर्य अर्पित कर
तिल के लड्डू: मकर संक्रांति के दिन तिल के लड्डू बनाए जाते हैं जिसका भोग सूर्य देवता को देना शुभ माना जाता है,जो खास तौर पर गुड़ और तिल से बनते हैं। यह लोकप्रिय खाना भोजन में मिठास और पोषण दोनों प्रदान करता है।[1]
गुड़ और चावल के चिक्की: इस पवित्र दिन पर गुड़ और चावल के चिक्की भी बनाई जाती है। यह मिठास और सेहत का संगम होता है।
सरसों का साग और मक्की की रोटी: मकर संक्रांति के दिन पंजाब और हरियाणा में सरसों का साग और मक्की की रोटी बनाकर लोग खाते हैं।
मूली :- भारतीय धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मकर संक्रांति यानी उतरायण दिन सुबह खाली पेट मूली का सेवन करना सबसे गुणकारी माना जाता है। इस मूली खरीदने के लिए बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
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