NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 6 रजनी आरोह-भाग 1 हिंदी ( Rajani )
इस पोस्ट में हम आपके लिए NCERT Class 11 Hindi Aroh Book के Chapter-6 रजनी का पाठ सार लेकर आए हैं। यह सारांश आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आप जान सकते हैं कि इस कहानी का विषय क्या है। इसे पढ़कर आपको को मदद मिलेगी ताकि वे इस कहानी के बारे में अच्छी तरह से समझ सकें। इसके अलावा आप इस कहानी के अभ्यास प्रश्न भी पढ सकते हो। Rajani Summary of NCERT Class 11 Hindi Aroh Chapter 6.
अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. रजनी ने अमित के मुद्दे को गंभीरता से लिया, क्योंकि
(क) वह अमित से बहुत स्नेह करती थी।
(ख) अमित उसकी मित्र लीला का बेटा था।
(ग) वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी।
(घ) उसे अखबार की सुर्खियों में आने का शौक था।
उत्तर- (ग) वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी।
प्रश्न 2. जब किसी का बच्चा कमजोर होता है, तभी उसके माँ-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है तो उस टीचर से न ले ट्यूशन, किसी और के पास चले जाएँ • यह कोई मजबूरी तो नहीं है-प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताएँ कि यह संवाद आपको किस सीमा तक सही या गलत लगता है ? तर्क दीजिए।
उत्तर- अमित की समस्या को लेकर रजनी जब स्कूल के हैडमास्टर के पास गई और उन्होंने इस पर कोई कार्यवाही करने से इनकार कर दिया तो रजनी ने हिम्मत नहीं हारी और वह बोर्ड के निदेशक के पास समस्या का समाधान खोजने हेतु गई। जब उसने टीचर के द्वारा ट्यूशन के लिए जोर डालने की शिकायत की तो उस प्रसंग में शिक्षा निदेशक ने उसे यह उत्तर दिया। सामान्य रूप से निदेशक की बात ठीक लगती है, किन्तु यदि अमित के प्रसंग में देखा जाय तो साफ प्रकट हो जाता है
कि उस पर टीचर ने मैथ्स की ट्यूशन लेने का दबाव बनाया था, किन्तु जब अमित के माता-पिता आर्थिक मजबूरी के चलते अपने बेटे को मैथ्स की ट्यूशन नहीं दिलवा पाए तो टीचर ने जान-बूझकर उसके नम्बर काटकर उसे सजा दी। इस संदर्भ में देखने पर मुझे निदेशक का कथन गलत प्रतीत होता है।
प्रश्न 3. तो एक और आन्दोलन का मसाला मिल गया- फुसफुसाकर कही गई यह बात-
(क) किसने किस प्रसंग में कही ?
(ख) इससे कहने वाले की किस मानसिकता का पता चलता है ?
उत्तर- (क) यह बात रजनी के पति ने तब फुसफुसाते हुए कही जब रजनी टीचर्स की समस्याओं पर प्रकाश डाल रही थी।
(ख) इससे कहने वाले की इस मानसिकता का पता चलता है। कि उसे अपनी पत्नी का इस प्रकार आंदोलन करते हुए सबसे टक्कर लेना पसंद नहीं है। वह आम आदमी की तरह सब बवालों से दूर रहकर शांतिपूर्वक अपना जीवन-यापन करना चाहता है।
प्रश्न 4. ‘रजनी’ धारावाहिक की इस कड़ी की मुख्य समस्या क्या है ? क्या होता अगर-
(क) अमित का पर्चा सचमुच खराब होता ।
(ख) संपादक रजनी का साथ न देता।
उत्तर- ‘रजनी’ धारावाहिक की इस कड़ी की प्रमुख समस्या है – टीचर्स का अपने स्कूल के छात्रों को ट्यूशन लेने के लिए विवश करना, उन पर दबाव डालना और बात न मानने पर उन्हें कम अंक परीक्षा में देना। इस प्रकार शिक्षा जगत में व्याप्त भ्रष्टाचार को ही इस कड़ी की प्रमुख समस्या माना जा सकता है, जिसे ट्यूशन समस्या का नाम भी दिया जा सकता है।
(क) यदि अमित का पर्चा सचमुच खराब होता तो यह समस्या ही न उठती कि उसके नम्बर कम क्यों आए हैं ? तब रजनी शिकायत लेकर न तो हैडमास्टर के पास जाती, न शिक्षा निदेशक के पास, न संपादक के पास और न लोगों के बीच वह अमित को ही मेहनत करने का पाठ पढ़ाती।
(ख) यदि संपादक रजनी का साथ न देता, तो भी रजनी आंदोलन से पीछे हटने वाली नहीं थी। वह लोगों को इकट्ठा करती, उन्हें घर-घर जाकर सूचना देती और भले ही कम लोगों तक पहुँच पाती पर आंदोलन से पीछे नहीं हटती। उसका जुझारूपन उसे कोई न कोई रास्ता निकालने में मदद कर ही देता।
पाठ के आस-पास
प्रश्न 1. “गलती करने वाला तो है ही गुनहगार, पर उसे बर्दाश्त करने वाला भी कम गुनहगार नहीं होता” इस संवाद के संदर्भ में आप सबसे ज्यादा किसे और क्यों गुनहगार मानते हैं ?
उत्तर – सबसे बड़ा गुनहगार वह है जो उस गलत बात को बर्दाश्त करता है तथा अत्याचार एवं अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठाता। चारों तरफ फैली धांधलियों को देखकर भी जो चुप बैठे रहते हैं। वे ही सबसे बड़े गुनहगार हैं। हमें अत्याचार को चुपचाप बर्दाश्त न करके उसका सक्रिय विरोध करना चाहिए, उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
प्रश्न 2. स्त्री के चरित्र की बनी-बनाई धारणा से रजनी का चेहरा किन मायनों में अलग है ?
उत्तर- सामान्य स्त्री को प्रायः दुर्बल हृदय और सहनशील स्वभाव वाली मान लिया जाता है। इस कारण वह अन्याय का विरोध करने से बचती है। जबकि रजनी की विशिष्टता यह है कि वह अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाती है। उसमें लड़ने की सामर्थ्य है तथा वह अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकती। वह एक जुझारू महिला है।
प्रश्न 4. इस पटकथा में दृश्य संख्या का उल्लेख नहीं है। मगर गिनती करें तो सात दृश्य हैं। आप किस आधार पर इन दृश्यों को अलग करेंगे ?
उत्तर- इन दृश्यों को स्थान के आधार पर अलग-अलग किया जा सकता है, क्योंकि ये सातों दृश्य अलग-अलग स्थानों के हैं यथा-
पहला दृश्य – मध्यवर्गीय परिवार लीलाबेन, कांतिभाई के फ्लैट का एक कमरा।
दूसरा दृश्य – स्कूल के हैडमास्टर का कमरा ।
तीसरा दृश्य – रजनी का फ्लैट ।
चौथा दृश्य – डायरेक्टर ऑफ एजूकेशन के ऑफिस का बाहरी कक्षा
पाँचवाँ दृश्य – किसी अखबार का दफ्तर।
छठवाँ दृश्य – मीटिंग स्थल- खुला मैदान।
सातवाँ दृश्य – रजनी के फ्लैट का एक कमरा ।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंश में जो अर्थ निहित हैं, उन्हें स्पष्ट करते हुए लिखिए-
(क) वरना तुम तो मुझे काट ही देतीं।
(ख) अमित जब तक तुम्हारे भोग नहीं लगा लेता हम लोग खा थोड़े ही सकते हैं।
(ग) बस बस मैं समझ गया।
उत्तर- (क) काट देना- छोड़ देना।
स्पष्टीकरण-रजनी कहती है कि यदि वह लीला के घर न आती तो वह उसे अमित के पास होने की मिठाई नहीं खिलाती, उसे छोड़ देती।
(ख) भोग लगाना-खिला लेना ।
स्पष्टीकरण – अमित रजनी का बहुत बड़ा फैन है। वह उसकी आदर्श है। भोग देवियों को लगाया जाता है। अमित जब तक रसमलाई रजनी आंटी को नहीं खिला लेता तब तक घर में और किसी को खाने को नहीं मिलती। क्योंकि पहले देवी को भोग लगता है तब कोई चीज घरवालों को मिलती है।
(ख) थोड़े ही-नहीं
स्पष्टीकरण – रजनी को खिलाए बिना अमित घर वालों को भी मिठाई नहीं खाने देता।
(ग) बस बस – अधिक न कहें।
स्पष्टीकरण-संपादक कहता है, बस-बस अर्थात् अधिक कहने की आवश्यकता नहीं, मैं आपकी सारी बात समझ गया।
बोधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. पाठ के आधार पर रजनी के चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर- रजनी एक जुझारू एवं संघर्ष करने वाली महिला है जो अन्याय एवं अत्याचार को चुपचाप सहन नहीं करती, अपितु उसका सक्रिय विरोध करती है। वह निडर, वाकपटु एवं आत्मविश्वास से भरपूर महिला है। उसमें लोगों को अपनी बातों से प्रभावित करने की भी क्षमता है। वह दूसरों की मदद करने के लिए तथा सच का साथ देने के लिए सदैव तत्पर रहती है।
प्रश्न 2. रजनी ने जो प्रस्ताव बोर्ड को भेजा वह ज्यों का त्यों क्यों स्वीकार कर लिया गया ? इससे क्या ध्वनित होता है ?
उत्तर- रजनी का प्रस्ताव था कि “कोई भी टीचर अपने स्कूल के छात्र का ट्यूशन नहीं लेगा” ज्यों का त्यों इसलिए स्वीकार कर लिया गया क्योकि यह व्यावहारिक था। इससे इस प्रकार की समस्या जो अमित के साथ उत्पन्न हुई और किसी छात्र के साथ उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही ट्यूशन पर पूरी रोक भी इसमें नहीं है क्योंकि कमजोर बच्चों के लिए यदि ट्यूशन आवश्यक है तो कुछ अध्यापकों को अपने गुजारे के लिए भी ट्यूशन की जरूरत रहती है। इस प्रस्ताव से दोनो बातें पूरी हो रही थीं। बस टीचर अपने स्कूल के विद्यार्थियों को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकता था, जिससे जोर-जबर्दस्ती से ट्यूशन पढ़ने को विवश करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लग गया था।
इस प्रस्ताव से यह ध्वनित हो रहा है कि रजनी कमजोर बच्चों का ट्यूशन पढ़ने के खिलाफ न थी, साथ ही वह अध्यापकों द्वारा किसी को ट्यूशन पढ़ाने की भी विरोधी न थी। वह तो केवल जोर-जबर्दस्ती करके ट्यूशन पढ़ने के लिए विवश किए जाने का विरोध कर रही थी।
प्रश्न 3. अमित के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
उत्तर- • अमित लीलाबेन और कांतिभाई का पुत्र है, जिसने सातवीं कक्षा की परीक्षा दी है। उसके मैथ्स टीचर उसे मैथ्स की ट्यूशन लेने को बाध्य करते हैं, किन्तु माता-पिता की आर्थिक मजबूरी के कारण वह ट्यूशन नहीं ले पाता। परिणामतः टीचर वार्षिक परीक्षा में उसे केवल 72 नम्बर देता है, जबकि उसने सब प्रश्न सही किये थे। अमित मेधावी छात्र है। कक्षा में सदैव प्रथम या द्वितीय स्थान पाता रहा है, पर इस बार टीचर के अन्याय का शिकार होकर छठवाँ स्थान प्राप्त करता है जिसका उसे दुःख है।
प्रश्न 4. रजनी के चरित्र की कौन-सी विशेषताएँ आपको अच्छी लगीं और क्यों ?
उत्तर- रजनी एक संघर्षशील महिला है जो अन्याय एवं अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करती। उसका मानना है कि गुनाह करने वाला तो दोषी है ही साथ ही वे लोग भी दोषी हैं जो गुनहगार के विरुद्ध आवाज नहीं उठाते और चुपचाप उसे सहन करते रहते हैं। रजनी को जब यह पता चला कि अमित के साथ अन्याय हुआ है और सही सवाल करने पर भी उसे नम्बर इसलिए नहीं दिए गए क्योंकि उसने ‘सर’ के कहने पर भी ट्यूशन पढ़ना स्वीकार नहीं किया था, तो उसने इसकी शिकायत हैडमास्टर से की।
जब हैडमास्टर ने रजनी द्वारा शिकायत करने पर अपनी असमर्थता जाहिर की तो रजनी हताश नहीं हुई, अपितु उसने यह मामला एजूकेशन डायरेक्टर के सामने उठाया। उन्होंने जब कहा कि केवल आपकी ही शिकायत आई है तो रजनी ने छात्रों के अभिभावकों से मिलकर शिकायतों का ढेर लगवा दिया। मीटिंग की गई और साथ ही यह समस्या अखबार के सम्पादक के सामने रखी गयी। उनका पूरा सहयोग मिला और रजनी ने मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा कि बोर्ड हमारी इस मांग को स्वीकार करे कि स्कूल का कोई टीचर अपने विद्यार्थियों की ट्यूशन नहीं ले सकेगा
जिससे बच्चों पर ट्यूशन पढ़ने का दबाव नहीं रहेगा और उनके नम्बर नहीं काटे जा सकेंगे। यदि कोई टीचर अपने छात्रों को ट्यूशन पढ़ायेगा तो उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। रजनी का यह प्रस्ताव बोर्ड ने ज्यों का त्यों स्वीकार कर लिया और तब उसकी विजय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसके पति ने रजनी से कहा- आई एम प्राउड ऑफ यू। आई एम प्राउड ऑफ यू। । रियली।