सांचौर जिला दर्शन:- इस ब्लॉग पोस्ट में हम जालौर जिले से नवसृजित सांचौर जिला दर्शन (Sanchore) के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे, सांचौर जिले का क्षेत्रफल,भौगोलिक स्थिति,विधानसभा क्षेत्र, सांचौर जिले की सीमा, सांचौर की प्रमुख नदियां, सांचौर के प्रमुख फसलें, सांचौर जिले के खनिज, सांचौर जिले के उद्योग, सांचौर जिले का मानचित्र, सांचौर जिले के प्रमुख मेला व त्यौहार, सांचौर जिले की नहर परियोजना, सांचौर जिले का इतिहास व कला संस्कृति, Sanchore district tehsil list, Sanchore jila number, Rajasthan ka New Jila।
सांचौर जालोर जिले 4 तहसीलों (सांचौर, चितलवाना, रानीवाड़ा, व बागोड़ा) को जोड़कर 17 मार्च 2023 नया सांचौर जिला बनाया गया। इसकी विधिवत घोषणा श्री अशोक गहलोत माननीय मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के द्वारा 4 अगस्त 2023 को की गई। जालोर जिले के दो भाग करके सांचौर को नए जिले का रूप दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा 7 अगस्त 2023 को गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसमें पड़ोसी जिला बाड़मेर से किसी भी स्थान को नहीं जोड़ा गया है।
सांचौर जिला दर्शन
सांचौर जिले की भौगोलिक स्थिति
जिले का नाम | सांचौर |
पूर्व जिले का अंग | जालोर |
देश | भारत |
राज्य | राजस्थान |
संभाग | पाली |
तहसीलें | 4 |
उपखण्ड | 4 |
सीमावर्ती राज्य | गुजरात |
सीमावर्ती जिले | 4 |
क्षेत्रफल | 4500 वर्ग किलोमीटर |
जनसंख्या (2011) के अनुसार | लगभग 10 लाख |
भाषा | मारवाड़ी व हिंदी |
पिन कोड | 343041 |
वाहन पंजीकरण | RJ-46 |
जलवायु | अर्द्धशुष्क जलवायु |
भौगोलिक प्रशासनिक परिचय :-
✓घोषणा – 17 मार्च, 2023
✓मंत्रिमण्डल मंजूरी – 04 अगस्त, 2023
✓अधिसूचना जारी- 06 अगस्त, 2023
✓अधिसूचना लागू – 07 अगस्त, 2023
✓स्थापना दिवस – 07 अगस्त, 2023
जिला | सांचौर |
उद्घाटन कर्ता | श्री सुखराम बिश्नोई (श्रम राज्य मंत्री) |
प्रथम कलेक्टर | पूजा पार्थ |
प्रथम पुलिस अधीक्षक | सागर |
विधासभा सीटें | 2 (सांचौर व रानीवाड़ा) |
लोकसभा सीट | जालोर |
तहसील व उपखण्ड Information
तहसीलें | उपखण्ड |
सांचौर | सांचौर |
रानीवाड़ा | रानीवाड़ा |
चितलवाना | चितलवाना |
बागोड़ा | बागोड़ा |
सांचौर जिला दर्शन विशेष: Sanchore Jila
- सांचौर जिले में 4 उपखंड व 4 तहसील
- सीमावर्ती जिले – जालौर, सिरोही, बालोतरा, बाड़मेर
- पड़ोसी राज्य – गुजरात
- जिले से अन्तर्राज्यीय सीमा – गुजरात
- उपनाम – राजस्थान का पंजाब
√ सांचौर जिले का प्राचीन नाम सत्यपुर हैं।
- विशेष:- 1.सांचौर क्षेत्र में पांच नदियां बहती है इसलिए इसे राजस्थान का पंजाब कहा जाता है।
- विशेष : सांचौर का प्राचीन नाम सत्यपुर (संस्कृत साहित्य) एवं सच्चउर (जैन साहित्य) में और मुस्लिम सत्ता के समय नाम – महमूदाबाद मिलता है ।
सांचौर क्षेत्र की प्रमुख नदियां
- लूनी नदी:- सांचौर क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी है। जो राजस्थान के अजमेर जिले निकलती है।
- लूनी नदी राजस्थान के 7 जिलों में प्रवाहित होती है, यह बरसात नदी है।
- लूनी नदी राजस्थान के अजमेर, नागौर, ब्यावर, जोधपुर, बाड़मेर, बालोतरा व सांचौर में बहती है।
- सांचौर में लूनी नदी के प्रवाह क्षेत्र को नेहड़/नेहड़ा कहते हैं।
- यह नदी पूर्ण रूप से सांचौर में नहीं बहती है लेकिन लूनी बेसिन में जालोर की जगह अब सांचौर जिला आता है।
नर्मदा नहर परियोजना
- नर्मदा नहर सांचौर के ‘‘सिलू गांव’’ से प्रवेश करती है।
- नर्मदा नहर से लाभान्वित जिले सांचौर और बाड़मेर है।
- यह प्रथम परियोजना है जिसमें फव्वारा पद्धति (स्प्रिंकल) से सिंचाई करना अनिवार्य किया गया।
- इस नहर से 3 लिफ्ट नहरें निकाली गई है 1. सांचौर लिफ्ट नहर 2. भादेरडा लिफ्ट नहर 3. पनोरमा लिफ्ट नहर
- इस नहर का उद्घाटन 2008 में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने किया था।
- यह नहर सरदार सरोवर बाँध (गुजरात) से निकाली गई है।
कृषि व प्रमुख फसलें
सांचौर जिले के युवा और प्रगतिशील किसान जोशी अपने समूह के साथियों के साथ जीरा, सौंफ, धनिया, मेथी व कलौंजी जैसे मसालों की खेती करते हैं। वहीं मल्टीग्रेन में किनोवा, चिया, सीड और बाजरा से भी उन्हें काफी मुनाफा मिल रहा है। पश्चिमी राजस्थान में उगाई जाने वाली ये फसलें विदेशों में पहुंच रही हैं।
- सांचौर की प्रमुख की प्रमुख फसलें जीरा और ईसबगोल ( घोड़ा जीरा ) है।
- इसके अलावा बाजरा, गेहूं, रायड़ा, सौंफ, मेथी आदि फसलें होती है
प्रमुख उद्योग
✓ सांचौर जिले में स्टील और फर्नीचर उद्योग प्रसिद्ध है।
पशु पालन और डेयरी विकास
✓पशुधन :-
➥ सांचौरी नस्ल, कांकरेज नस्ल गौवंश की नस्लें है, जो सांचौर में पाई जाती है।
➥ राजस्थान की सबसे बड़ी डेयरी – रानीवाड़ा(सांचौर)
विशेष : राजस्थान की सबसे पहली डेयरी – पद्मा डेयरी(अजमेर)
- पथमेडा गौशाला – सांचौर
- गोगाजी की ओल्डी – किलोरियों की ढाणी, सांचौर
- सेवड़ीया पशु मेला(कांकरेज गौवंश के लिए प्रसिद्ध) –रानीवाड़ा,सांचौर (चैत्र शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक)
- राष्ट्रीय कामधेनु विश्वविद्यालय – सांचौर
- राजस्थान का एकमात्र गौमूत्र बैंक – सांचौर
- रघुनाथपुरी का मेला – माखापुर गाँव (सांचौर)
- सुंधा माता मंदिर – दांतलाबास,रानीवाड़ा(सांचौर)
विशेष : राजस्थान का प्रथम रोपवे 20 दिसबर, 2006 को यहाँ स्थापित हुआ था।
- चितलवाना (सांचौर) –रणखार कंजर्वेशन जोन
- चितलवाना तहसील, सांचौर यह जंगली गधों के लिये प्रसिद्ध है।
- गोगाजी की ओल्डी ( मेला – गोगा नवमी)
- राष्ट्रीय कामधेनु विश्वविद्यालय
विशेष:- यह राष्ट्रीय कामधेनु विश्वविद्यालय भारत का प्रथम विश्वविद्यालय है जो सांचौर जिले के पथमेड़ा में संचालित हो रहा है।
परिवहन सुविधा
- भारतमाला परियोजना सांचौर जिले से गुजरती है
- यह सांचौर जिले में सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे हाईवे गुजता है।
- राजस्थान का सबसे बड़ा NH जहाँ आपात लैंडिंग (NH 925-A) व राष्ट्रीय राजमार्ग – 68 (15) गुजरता है।
खनिज संसाधन
बाडमेर-सांचौर तेल बेसिन में 3 जिले आते हैं सर्वाधिक तेल कुएँ इसी बेसिन में स्थित हैं । सर्वाधिक तेल उत्पादन भी यहीं होता है।
- इस बेसिन में 3 जिले सांचौर, बाड़मेर व बालोतरा
- प्रथम तेल कुएँ की खोज – गुढ़ा मलानी (बाड़मेर)
- राजस्थान का प्रथम व्यावसायिक तेल कुआँ (29 अगस्त, 2009) – मंगला (बाड़मेर)
- बड़गाँव (रानीवाड) को सांचौर का कश्मीर कहा जाता है।
सांचौर जिला कब बनेगा?
17 मार्च 2023 को जालोर जिले को तोड़कर सांचौर नया जिला बनाया गया।