Beawar jila || ब्यावर जिला दर्शन || New Beawar district In Rajasthan
ब्यावर जिला दर्शन: History In Beawar :- कर्नल एलर्फेड डिक्सन द्वारा ब्यावर शहर की स्थापना 1836 में की गई थी। इसकी नीव कर्नल एलर्फेड डिक्सन द्वारा 1836 को अजमेरी गेट पर रखी गई थी। इस शहर के परकोटे का निर्माण अथुन खान, चांग खान से बचाने के लिऐ किया गया था। ब्यावर शब्द का अर्थ है अच्छी कीमत । ब्यावर जिले का क्षेत्रफल, भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र, ब्यावर जिले का मानचित्र, Beawar jila ka Naksha, Beawar jila Map, Beawar district tehsil list, Beawar jila number, Rajasthan ka New Jilal, beawar History in hindi, ब्यावर जिला दर्शन, ब्यावर जिले का गठन। ब्यावर का इतिहास ।
राजस्थान की पहली कपड़ा मिल कृष्णा मिल्स, ब्यावर की स्थापना 1889 में हुई थी। यह राजस्थान की प्रथम सूती वस्त्र मिल है। इसकी स्थापना सेठ दामोदर दास राठी के द्वारा की गई थी। इसकी स्थापना के समय द कृष्णा मिल्स लिमिटेड निजी क्षेत्र की मिल थी। वर्तमान में यह मिल सहकारी क्षेत्र की है। राजस्थान की पहली सार्वजनिक क्षेत्र की सूती वस्त्र मिल भी ब्यावर में एडवर्ड मिल्स लिमिटेड के नाम से 1906 में स्थापित की गई थी। यह राजस्थान की दूसरी सूती वस्त्र मिल है।
ब्यावर जिला का नक्शा || Beawar District Map
ब्यावर का इतिहास: संक्षिप्त विवरण
जिले का नाम | ब्यावर |
राज्य | राजस्थान |
देश | भारत 🇮🇳 |
स्थापना | 1836 ई. |
जिले का गठन | 4 अगस्त 2023 |
संभाग | अजमेर |
पिनकोड | 305901 |
परिवहन रजिस्ट्रेसन न. | Rj-36 |
भाषा | राजस्थानी व हिंदी |
ब्यावर का इतिहास: ब्यावर का नये जिले के रूप मे गठन
ब्यावर जिले को राजस्थान के चार जिलों को तोड़कर 4 अगस्त 2023 को नया जिला ब्यावर का निर्माण किया गया है। अजमेर, पाली, राजसमंद और भीलवाड़ा जिलों की तहसीलें को शामिल करके ब्यावर का गठन किया गया हैं। नवीन ब्यावर जिले में अजमेर से ब्यावर, टॉडगढ, मसूदा, विजयनगर, भीलवाड़ा की बदनोर, पाली की जैतारण और रायपुर तहसीलों को शामिल किया गया है। इसमें कुल 6 उपखंड व 7 तहसीलों को शामिल किया गया है।
ब्यावर के सीमावर्ती जिले
राजस्थान का नव गठित ब्यावर जिला 7 अन्य जिलों के साथ सीमा बनाता हूं।
1. | अजमेर |
2. | नागोर |
3. | जोधपुर ग्रामीण |
4. | पाली |
5. | राजसमंद |
6. | भीलवाड़ा |
7. | केकड़ी |
ब्यावर जिले में कौन-कौन सी तहसील शामिल है
ब्यावर जिले में कुल 7 तहसीलों को शामिल किया गया है। जो निम्नलिखित है।
- ब्यावर
- टाटगढ़
- मसूड़ा
- बदनोर
- विजयनगर
- जैतारण
- टारगढ़
- रायपुर
ब्यावर जिले के उपखंड
ब्यावर जिले में 6 उपखंडों को शामिल किया गया है। यहाँ पर जिन जिलों से उपखंडों को लिया गया है उनके नाम तथा 6 उपखंडों के नाम दिए गए है।
उपखंडों के नाम | जिन जिलों से उपखंडों को लिया गया |
बदनौर | भीलवाडा |
जैतारण | पाली |
रायपुर | पाली |
ब्यावर | अजमेर |
टाटगढ़ | अजमेर |
मसूदा | अजमेर |
जिला दर्शन ब्यावर के प्रमुख दुर्ग/किले
टॉडगढ़ किला:
इस किले का निर्माण कर्नल जेम्स टॉड करवाया था। इसी दुर्ग में गोपाल सिंह खरवा व विजय सिंह पथिक को नजर बंद करके रखा गया था। यह दुर्ग पहले अजमेर जिले में पड़ता था।
इस जिले ब्यावर के प्रमुख मेले
बादशाह मेला – ब्यावर
यह मेला होली के बाद धुलंडी के दूसरे दिन आयोजित होता है।बादशाह मेला ब्यावर की शुरुआत 1851 में ब्यावर के संस्थापक कर्नल जॉर्ज डिक्सन द्वारा की गई।
कुड़की गांव – इस स्थान पर मीरा बाई का जन्म 1498 ई. में हुआ था। इनके बचपन का नाम पेमल था। इनका विवाह भोजराज के साथ चित्तौड़ राजघराने में हुआ था। यह एक महान कृष्ण की उपासिका थी। मीरा बाई श्री कृष्ण को अपना पति व भगवान मानकर पूजा करती थी।
ब्यावर जिला दर्शन – ब्यावर के प्रमुख पर्यटन स्थल
- श्रीरंग जी का मंदिर विख्यात है।
- सेंदड़ा ब्रिज ब्यावर : – यह राजस्थान का सबसे बड़ा ब्रिज है ।
- तिलपट्टी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
- दादी धाम
- ब्यावर का एकता सर्किल, जिसे भारत माता सर्किल के नाम से भी जाना जाता है।
- श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर ।
- 1836 ई. में जार्ज अल्फ्रेड डिक्सन द्वारा ब्यावर की स्थापना की गई।
- सुभाष उद्यान जिसे कंपनी गार्डन के नाम से भी जाना जाता है ।
- श्यामगढ़ में सायणमाता का मंदिर स्थित है।
- नीलकंठ महादेव का मंदिर ।
- 1857 की क्रांति के समय ब्यावर सैनिक छावनी थी।
- आशापुरा माता का मंदिर ।
- देवर-भाभी की होली ब्यावर की प्रसिद्ध है।
- डूंगरी माता धाम मंदिर।
- भैरव नृत्य, बीरबल नृत्य, मयूर नृत्य ब्यावर में किया जाता है।
- बिराटिया रामदेवजी मंदिर ।
- राजस्थान का सर्वाधिक परकोटा वाला शहर ब्यावर है।
- शूल ब्रेड मेमोरियल चर्च : राजस्थान का प्रथम और सबसे प्राचीन चर्च है।
- जैतारण का युद्ध स्थल
- ब्यावर में NH-25, 58, 158, 458 गुजरते हैं।
- जैतारण/गिरी सुमेल का युद्ध – 5 जनवरी 1544ई. में गिरी सुमेल का युद्ध शेरशाह सूरी व मालदेव के सेनानायक जैता और कुंपा के मध्य लड़ा गया।
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