जालोर महोत्सव 2024 | जालोर महोत्सव का आयोजन 10 फरवरी से 12 फरवरी | जालोर महोत्सव 2024 Date
जालोर महोत्सव का आयोजन जिला मुख्यालय पर जिला प्रशासन और जालोर विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में 10-12 फरवरी से तीन दिवसीय जालोर महोत्सव 2024 का आग़ाज़ ढोल धमाकों के साथ शुरू होगा।
पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन जालोर एवं जालोर विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 10 फरवरी से दो दिवसीय जालोर महोत्सव 2024 को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागी ऑडिशन का वीडियों जालोर महोत्सव की वेबसाइट पर अपलोड कर आवेदन कर सकते हैं।
इस वर्ष 10-12 फरवरी को जालोर में आयोजित होने वाले जालौर महोत्सव को लेकर जिला कलेक्टर ने पोस्टर जारी किया। जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी , महोत्सव के मुख्य समन्वयक, जालौर विकास समिति के सचिव, आयोजन के समन्वयक सहित कई लोग उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने महोत्सव को और अधिक आकर्षक बनाने की बात कही तथा आयोजन में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों पर चर्चा की. उन्होंने समिति सदस्यों से सुझाव भी लिए।
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जालोर महोत्सव 2024 के प्रमुख कार्यक्रम
पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन व जालोर विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में 10 फरवरी को आयोजित दो दिवसीय जालोर महोत्सव में कला एवं संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा।
जालोर महोत्सव को लेकर प्रशासन समन्वयक हितेश प्रजापत ने बताया कि महोत्सव में दो दिन तक खेल, सांस्कृतिक, कला, संस्कृति व शॉपिंग मेला सहित कई मनोरजंक कार्यक्रम होंगे।
जालोर महोत्सव 2024 की प्रमुख प्रतियोगिताएं
जालोर महोत्सव के प्रशासन समन्वयक हितेश प्रजापत ने बताया कि महोत्सव में तीन दिन तक सांस्कृतिक प्रतियोगिता,खेल प्रतियोगिता, कला एवं संस्कृति और शॉपिंग मॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
खेल प्रतियोगिताएं जालोर महोत्सव 2024
खेल का नाम | आयु सीमा | वर्ग |
वालीबॉल | आयु सीमा नहीं | पुरुष |
कबड्डी | पुरुष (15 वर्ष से ऊपर ), महिला (15 वर्ष से ऊपर) | पुरुष व महिला |
खो-खो | 15 वर्ष से ऊपर | पुरुष व महिला |
सतौलिया | जूनियर टीम (11 से 15 वर्ष ), सीनियर टीम (15 वर्ष से ऊपर) | पुरुष व महिला |
रस्सा कस्सी | जूनियर टीम (11 से 15 वर्ष ), सीनियर टीम (15 वर्ष से ऊपर) | पुरुष व महिला |
बॉक्सिंग | 1 केडिट 2 सब जूनियर 3 जूनियर 4 सनियर (प्रत्येक वर्ग में से एक) | पुरुष व महिला |
रोलर स्केटिंग | 1 केडिट 2 सब जूनियर 3 जूनियर 4 सनियर (प्रत्येक वर्ग में से एक) | पुरुष व महिला |
बास्केट बॉल | आयु सीमा नहीं | पुरुष |
बैडमिंटन | आयु सीमा नहीं | पुरुष व महिला |
👉 जालोर महोत्सव की प्रतियोगिता में भाग लेने Form Download करें
विभिन्न प्रतियोगिताएं जालोर महोत्सव 10-12 फरवरी 2024
क्रं.सं. | प्रतियोगिता का नाम | आयु वर्ष |
1. | एकल गायन जूनियर | 14 वर्ष तक |
2. | एकल गायन सीनियर | 14 वर्ष से अधिक |
3. | एकल नृत्य सब जूनियर | 7 वर्ष तक |
4. | एकल नृत्य जूनियर | 8 से 14 वर्ष तक |
5. | एकल नृत्य सीनियर | 14 वर्ष से अधिक |
6. | समूह नृत्य | कोई आयु सीमा नहीं |
7. | मिस्टर जालोर | – |
8. | मिस जालोर | – |
9. | चित्रकला सब जूनियर | 7 वर्ष तक |
10. | चित्रकला जूनियर | 8 से 14 वर्ष तक |
11. | चित्रकला सीनियर | 14 वर्ष से अधिक |
12. | सुन्दर शिशु | 2 वर्ष तक |
13. | फेन्सी ड्रेस | 7 वर्ष तक |
14. | मेहंदी | – |
15. | Child With parents performance | – |
16. | Solo Act | – |
Note:- 1. चित्रकला प्रतियोगिता में आयोजन समिति द्वारा केवल चार्ट उपलब्ध करवाया जाएगा। उसके अतिरिक्त प्रतिभागी सम्बन्धित सामग्री स्वयं लेकर आवें।
2 मेहंदी प्रतियोगिता की सामग्री स्वयं लेकर आवें।
Note:- कोरोना गाइडलाइन
1 कृपया जालोर महोत्सव में कोरोना गाइडलाइन की पूर्णतया पालन करें।
2 मास्क/फेस कवर पहनें।
3 हाथों को अच्छे से साबुन और पानी से धोएं।
4 दो गज दूरी बनाएं रखें।
1. जालोर महोत्सव 2024 कब है ?
Ans:- जालोर महोत्सव का आयोजन जिला मुख्यालय पर जिला प्रशासन और जालोर विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में 10 से 12 फरवरी से तीन दिवसीय जालोर महोत्सव 2024 का आग़ाज़ ढोल धमाकों के साथ शुरू होगा।
2. जालोर महोत्सव में कौन-कौनसे क्रार्यक्रम होंगे ?
Ans:- जालोर महोत्सव में कला एवं संस्कृति प्रतियोगिता के साथ वालीबॉल, खो-खो, कबड्डी,रस्सा-कस्सी, सनतोलिया, लम्बी दोड़, गेर नृत्य, जलोरी ढोल नृत्य, चित्रकला प्रतियोगिता, फेन्सी ड्रेस, सुन्दर शिशु, मेहंदी प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, ऊंट सजावट प्रतियोगिता, साफा प्रतियोगिता, मिस जालोर प्रतियोगिता आदि कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी।
3. जालोर महोत्सव कहा आयोजित किया जाएगा
Ans:- जालोर महोत्सव का आयोजन जिला मुख्यालय, भीनमाल, सांचौर, आहोर, सायला ,जसवंतपुरा , रानीवाड़ा, चितलवाना, बड़गांव, रामसीन एवं सभी पंचायतों पर धूम धाम से मनाया जायेगा।
4. जालोर महोत्सव कब मनाया जाता है?
Ans:- पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन जालोर एवं जालोर विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 10 फरवरी से तीन दिवसीय जालोर महोत्सव 2024 सम्पूर्ण जिले में मनाया जाता है।
5. Jalore Mahotsava 2024 date
Ans:- Jalore Mahotsava 10 – 12 February 2024.
7. जालौर महोत्सव का शुभारंभ कब होगा
Ans:- जालौर महोत्सव का शुभारंभ 10 फरवरी 2024 को किया जाएगा।
8. जालौर महोत्सव का समापन कब होगा
Ans:- जालौर महोत्सव का समापन 12 फरवरी 2024 को होगा ।
जालोर महोत्सव में कौन-कौनसे क्रार्यक्रम होंगे
जालोरमहोत्सव में कला एवं संस्कृति प्रतियोगिता के साथ वालीबॉल, खो-खो, कबड्डी,रस्सा-कस्सी, सनतोलिया, लम्बी दोड़, गेर नृत्य, जलोरी ढोल नृत्य, चित्रकला प्रतियोगिता, फेन्सी ड्रेस, सुन्दर शिशु, मेहंदी प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, ऊंट सजावट प्रतियोगिता, साफा प्रतियोगिता, मिस जालोर प्रतियोगिता आदि कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी।
जालोर महोत्सव कहा आयोजित किया जाएगा
जालोर महोत्सव का आयोजन जिला मुख्यालय, भीनमाल, सांचौर, आहोर, सायला ,जसवंतपुरा , रानीवाड़ा, चितलवाना, बड़गांव, रामसीन एवं सभी पंचायतों पर धूम धाम से मनाया जायेगा।
जालोर महोत्सव में कौन कौनसी प्रतियोगिता होगी।
जालोर महोत्सव में सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं और खेल प्रतियोगिताएं तथा कला एवं संस्कृति पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
जालोर का इतिहास
जालौर जिले का नाम महर्षि जाबालि की तपोभूमि के नाम पर पड़ा है, जो स्वर्णगिरि पर्वत की तलहटी में स्थित है। नाथ संप्रदाय के ऋषि जालंधरनाथ की तपस्या-स्थली होने के कारण इस क्षेत्र को मध्यकाल में जालंधर के नाम से भी जाना जाता था।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, महाराजा मनु के चौथे पुत्र अनार्त ने सबसे पहले मौर्य साम्राज्य के पश्चिम में जालोर जिले में अपना राज्य स्थापित किया था। बाद में चंद्रगुप्त और ताशस्कन के शासन काल में इस क्षेत्र में गुर्जरों सहित अन्य शासकों ने शासन किया। हालाँकि , एक प्रतिहार शासक नागभट्ट ने चावदास से जालोर पर अधिकार कर लिया और इसे अपनी राजधानी बनाया।
पौराणिक कथा कहती है कि बहुत पहले दक्षिण सागर यहां की भूमि के निकट आता था। लेकिन जब भगवान राम ने उसमें तीर चलाया, तो वह पीछे हट गया और अपनी जगह एक रेगिस्तान छोड़ गया। इस भूमि को बाद में मरुधंत कहा गया और समय के साथ इसका नाम बदल गया।
कुवलयमाला हमें बताती है कि ईसा की आठवीं शताब्दी में जालौर एक समुद्र तटीय शहर था, और यह कि 12वीं शताब्दी के अंत तक प्रतिहार राजा वत्सराज का शासन था। उसके बाद, यह सोंगरा चौहानों की राजधानी बन गया, जो परमार राजाओं के वंशज थे। बाद में यहां प्रतिहार, परमार, चालुक्य, चौहान, खिलजी, पठान, मुगल और राठौड़ राजवंशों ने शासन किया।
कुछ बहुत प्रसिद्ध संतों ने यहां तपस्या की है। महर्षि भारवादज के आश्रम और वशिष्ठ मुनि अपनी पत्नी अरुंधती और सात ऋषियों के साथ यहां आए थे। वे अपनी शक्ति से महात्मा बुद्ध के समय अवतरित हुए। जालौर अवंती राज्य का हिस्सा था और चंद प्रघोट इस जगह के शासक थे। उनकी राजधानी उज्जैन थी। बाद में नाडोल शासक अलाहन के सबसे छोटे पुत्र कीर्तिपाल से कुमारपाल ने यहां शासन किया।
जालौर पर चौहानों की परंपरा चलती रही, बाद में समरसिंह और उदयसिंह राजा बने जिन्होंने मुगलों से नाडोल और मंडोर छीन लिए। फिर चचीगदेव और सामंत सिंह शासक हुए, जिनके पुत्र वीर कान्हड़देव महाकवि पद्मनाथ ने कान्हड़देव की शौर्य गाथा पर कान्हड़देव प्रबंध नामक महाकाव्य की रचना की।
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