Sanskrit Dhara VahiniSanskrit Dhara VahiniSanskrit Dhara Vahini
Notification Show More
Font ResizerAa
  • Home
  • Class 12
  • Class 11
  • Class 10
  • Class 9
  • Class 8
  • Class 7
  • Class 6
  • Class 1-5
  • Grammar
    • Hindi Grammar
    • English Grammar
    • Sanskrit Vyakaran
  • Free Notes
Reading: Class 8 Sanskrit Chapter 6 गृहं शून्यं सुता विना
Share
Sanskrit Dhara VahiniSanskrit Dhara Vahini
Font ResizerAa
  • Home
  • Class 12
  • Class 11
  • Class 10
  • Class 9
  • Class 8
  • Class 7
  • Class 6
  • Class 1-5
  • Grammar
  • Free Notes
Search Class notes, paper ,important question..
  • Classes
    • Class 12
    • Class 11
    • Class 10
    • Class 9
    • Class 8
  • Grammar
    • English Grammar
    • Hindi Vyakaran
    • Sanskrit Vyakaran
  • Latest News
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Sanskrit Dhara Vahini > Class 8 > Class 8 Sanskrit > Class 8 Sanskrit Chapter 6 गृहं शून्यं सुता विना
Class 8Class 8 Sanskrit

Class 8 Sanskrit Chapter 6 गृहं शून्यं सुता विना

Share
19 Min Read
SHARE

NCERT Solutions Class 8 Sanskrit Chapter 6 गृहं शून्यं सुतां विना Hindi Translation

Class 8 Sanskrit Chapter 6

Class 8 Sanskrit Chapter 6 गृहं शून्यं सुतां विना | Sanskrit Class 8 Chapter 6 Hindi Translation | Sanskrit Class 8 Chapter 6 Question and Answer | NCERT solutions Class 8 Chapter 6 Hindi Anuvad

Contents
NCERT Solutions Class 8 Sanskrit Chapter 6 गृहं शून्यं सुतां विना Hindi Translation Class 8 Sanskrit Chapter 6 Question Answer || Sanskrit Class 8 Chapter 6 Question solution

पाठ-परिचय– यह पाठ कन्याओं की हत्या पर रोक और उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने की प्रेरणा हेतु निर्मित है। समाज में लड़के और लड़कियों के बीच भेद-भाव की भावना आज भी समाज में यत्र-तत्र देखी जाती है, जिसे दूर किए जाने की आवश्यकता है। संवादात्मक शैली में इस बात को सरल संस्कृत में प्रस्तुत किया गया है।

“शालिनी ग्रीष्मावकाशे पितृगृहम् आगच्छति । सर्वे प्रसन्नमनसा तस्याः स्वागतं कुर्वन्ति परं तस्याः भ्रातृजाया उदासीना इव दृश्यते ।

शालिनी – भ्रातृजाये ! चिन्तिता इव प्रतीयसे, सर्वं कुशलं खलु ? 

माला-आम् शालिनि! कुशलिनी अहम्। त्वदर्थम् किं आनयानि, शीतलपेयं चायं वा ?

शालिनी अधुना तु किमपि ना वाञ्छामि । रात्रौ सर्वैः सह भोजनमेव करिष्यामि । – (भोजनकालेऽपि मालायाः मनोदशा स्वस्था न प्रतीयते स्म,परं सा मुखेन किमपि नोक्तवती)

हिन्दी अनुवाद – शालिनी गर्मियों की छुट्टियों में अपने पिता के घर आती है। सभी प्रसन्न मन से उसका स्वागत करते हैं। परन्तु उसकी भाभी दुःखी दिखाई देती है।

शालिनी – भाभी ! (तुम) चिन्तित दिखाई दे रही हो, सब ठीक है ?

माला– हाँ शालिनी ! मैं ठीक हूँ। तुम्हारे लिए क्या लाऊँ,ठण्डा पानी या चाय ?

शालिनी – इस समय तो कुछ नहीं चाहिए। रात में सभी के साथ भोजन ही करूँगी। (भोजन के समय पर भी माला की मानसिक स्थिति स्वस्थ नहीं दिखाई दे रही थी, परन्तु वह मुँह से कुछ भी नहीं बोली।)

राकेशः– भगिनी शालिनि ! दिष्ट्या त्वम् समागता । अद्य मम कार्यालये एका महत्वपूर्णा गोष्ठी सहसैव निश्चिता। अद्यैव मालायाः चिकित्सिकया सह मेलनस्य समय: निर्धारितः त्वं मालया सह चिकित्सिकां प्रति गच्छ, तस्या: परामर्शानुसारं यद्विधेयम् तद् सम्पादय । शालिनी – किमभवत् ? भ्रातृजायाया: स्वास्थ्यं समीचीनं नास्ति ? अहम् तु ह्यः प्रभृति पश्यामि सा स्वस्था न प्रतिभाति इति प्रतीयते स्म ।

राकेशः – चिन्तायाः विषयः नास्ति । त्वम् मालया सह गच्छ । मार्गे सा सर्वं ज्ञापयिष्यति ।

हिन्दी अनुवाद – राकेश– बहन शालिनी ! तुम भाग्य से आईं। आज मेरे कार्यालय में अचानक एक महत्त्वपूर्ण सेमिनार निश्चित की गई है। आज ही माला का चिकित्सिका के साथ मिलने का समय निर्धारित किया गया है। तुम माला के साथ चिकित्सिका के पास जाओ, उसके परामर्श के अनुसार जो करने योग्य हो, उसे (तुम) करना।

शालिनी– क्या हुआ ? भाभी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है? मैं तो कल से आज तक देख रही हूँ वह स्वस्थ नहीं है, ऐसी प्रतीत हो रही है।

राकेशः – चिन्ता का विषय नहीं है। तुम माला के साथ जाओ। रास्ते में वह सब कुछ बता देगी।(

माला शालिनी च चिकित्सिकां प्रति गच्छन्त्यौ वाती कुरुत:)

शालिनी – किमभवत् ? भ्रातृजाये ? का समस्याऽस्ति ?

माला – शालिनि अहम् मासत्रयस्य गर्भ स्वकुक्षौ धारयामि । तव भ्रातुः आग्रहः अस्ति यत् अहं लिङ्गपरीक्षणं कारयेयम् कुक्षौ कन्याऽस्ति चेत् गर्भं पातयेयम् । अहम् अतीव उद्विग्नाऽस्मि परं तव भ्राता वार्तामेव न शृणोति ।

शालिनी — भ्राता एवम् चिन्तयितुमपि कथं प्रभवति ? शिशुः कन्याऽस्ति चेत् वधार्हा ? जघन्यं कृत्यमिदम्। त्वम् विरोधं न कृतवती ? सः तव शरीरे स्थितस्य शिशोः वधार्थं चिन्तयति त्वम् तूष्णीम् तिष्ठसि ? अधुनैव गृहं चल, नास्ति आवश्यकता लिंगपरीक्षणस्य। भ्राता यदा गृहम् आगमिष्यति अहम् वार्तां करिष्ये।

हिन्दी अनुवाद – (माला और शालिनी (दोनों) चिकित्सका के पास जा रही हैं और बात करती हैं।) शालिनी – क्या हुआ भाभी ! क्या समस्या है ?

माला-शालिनी ! मैं तीन मास से गर्भवती हूँ। तुम्हारे भाई का कहना है कि मैं अपना (गर्भस्थ शिशु का) लिंग परीक्षण करवाऊँ; यदि वह कन्या (भ्रूण) है तो उसे गिरा (गर्भपात करवा) दूँ । मैं बहुत अधिक दुःखी हूँ। परन्तु तुम्हारा भाई बात ही नहीं सुनता है। 

शालिनी – भाई इस प्रकार सोच भी कैसे सकते हैं ? क्या शिशु कन्या है तो मारने योग्य है ? यह बहुत बड़ा पाप है। क्या तुमने उनका विरोध नहीं किया ? वह (राकेश, भाई) तुम्हारे शरीर में स्थित शिशु की हत्या करने की सोचता है; तुम चुप बैठी हो ? अभी घर चलो, लिङ्ग परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है। भाई जब घर आएँगे मैं उनसे बात करूँगी।

(संध्याकाले भ्राता आगच्छति हस्तपादादिकं प्रक्षाल्य वस्त्राणि च परिवर्त्य पूजागृहं गत्वा दीपं प्रज्वालयति भवानी स्तुतिं चापि करोति । तदनन्तरं चायपानार्थम् सर्वेऽपि एकत्रिता: । )

राकेश:- माले ! त्वम् चिकित्सिकां प्रति गतवती आसीः, किम् अकथयत् सा ?(माला मौनमेवाश्रयति । तदैव क्रीडन्ती त्रिवर्षीया पुत्री अम्बिका पितुः क्रोडे उपविशति तस्मात् चाकलेहं च याचते राकेशः अम्बिकां लालयति, चाकलेहं प्रदाय ताम् क्रोडात् अवतारयति पुनः मालां प्रति प्रश्नवाचिकां दृष्टिं क्षिपति शालिनी एतत् सर्वं दृष्ट्वा उत्तरं ददाति ।)

हिन्दी अनुवाद – (शाम के समय भाई आता है, धोकर, वस्त्र बदलकर पूजाघर में जाकर दीपक जलाता है। और भवानी की स्तुति करता है। उसके बाद सभी चाय पीने के लिए एकत्रित होते हैं।)

राकेश– माला ! तुम चिकित्सिका के पास गई थीं ? क्या कहा उसने ? (माला चुपचाप सुनती रहती है। उसी समय खेलती हुई तीन वर्षीय पुत्री अम्बिका पिता (राकेश) की गोद में बैठती है और उससे चॉकलेट माँगती है। राकेश अम्बिका को प्यार करता है, चॉकलेट देकर उसे (अपनी) गोद से नीचे उतारता है। फिर से माला की ओर प्रश्नवाचक नजरों से देखता है। शालिनी यह सब देखकर (उसे) उत्तर देती है।

शालिनी – भ्रातः ! त्वम् किम् ज्ञातुमिच्छसि ? तस्याः कुक्षि पुत्रः अस्ति पुत्री वा ? किमर्थम् ? षण्मासानन्तरं सर्वं स्पष्टं भविष्यति, समयात् पूर्वम् किमर्थम् अयम् आयासः ?

राकेश :- भगिनि, त्वं तु जानासि एव अस्माकं गृहे अम्बिका पुत्रीरूपेण अस्त्येव अधुना एकस्य पुत्रस्य आवश्यकताऽस्ति तर्हि…

शालिनी – तर्हि कुक्षि पुत्री अस्ति चेत् हन्तव्या ? (तीव्रस्वरेण) हत्यायाः पापं कर्तुं प्रवृत्तोऽसि त्वम् । राकेशः – न, हत्या तु न…।

हिन्दी अनुवाद – शालिनी– भाई ! तुम क्या जानना चाहते हो ? उसके गर्भ में पुत्र है या पुत्री (यही जानना चाहते हो ना) क्यों (किसलिए), छह मास बाद सब कुछ (अपने ही आप) स्पष्ट हो जाएगा, समय से पहले आप इसके लिए (गर्भ में स्थित लिंग की जाँच करवाने का) प्रयास कर रहे हैं। (अर्थात् आप क्यों लिङ्ग परीक्षण कराना चाहते हैं ।) 

राकेश – बहन ! तुम तो जानती हो, हमारे घर में अम्बिका पुत्री रूप में है ही इस समय एक पुत्र की आवश्यकता है। तो…

शालिनी – तो यदि गर्भ में लड़की है तो क्या वह मारने योग्य है ? (तेज आवाज में) तुम हत्या का पाप करने में लगे हुए (प्रवृत्त) हो ?

शालिनी – तर्हि किमस्ति निर्घृणं कृत्यमिदम् ? सर्वथा विस्मृतवान् अस्माकं जनक: कदापि पुत्रीपुत्रयोः विभेदं न कृतवान् ? सः सर्वदैव मनुस्मृतेः पंक्तिमिमाम् उद्धरति स्म ‘आत्मा वै जायते पुत्रः पुत्रेण दुहिता समा” । त्वमपि सायं प्रातः देवीस्तुतिं करोषि ? किमर्थं सृष्टैः उत्पादिन्याः शक्त्याः तिरस्कारं करोषि ? तव् मनसि इयती कुत्सिता वृत्तिः आगता, इदम् चिन्तयित्वैव अहम् कुण्ठिताऽस्मि । तव शिक्षा वृथा……

हिन्दी अनुवाद – शालिनी-फिर यह क्या है, यह बहुत (ही) घृणित (निन्दित) कार्य है? लगता है तुम भूल गए हो, हमारे पिता ने कभी भी लड़के और लड़की में भेद नहीं किया। वह हमेशा ही मनुस्मृति की यह पंक्ति दोहराते रहते थे ‘आत्मा ही पुत्र होता है और पुत्र के समान ही पुत्री है। तुम भी सुबह-शाम देवी की स्तुति करते हो। क्या तुम सृष्टि का उत्पादन करने वाली शक्ति का तिरस्कार करते हो ? तुम्हारे मन में इतनी गंदी सोच (विचार) आई, यह सोचकर ही मैं दुःखी हूँ । तुम्हारी शिक्षा व्यर्थ है…।

राकेशः -भगिनि-विरम विरम। अहम् स्वारापराधं स्वीकरोमि लज्जिताश्चास्मि । अद्यप्रभृति कदापि गर्हितमिदं कार्यम् स्वप्नेऽपि न चिन्तयिष्यामि । यथैव अम्बिका मम हृदयस्य संपूर्ण स्नेहस्य अधिकारिणी अस्ति, तथैव आगन्ता शिशुः अपि स्नेहाधिकारी भविष्यति पुत्रः भवतु पुत्री वा । अहम् स्वगर्हितचिन्तनं प्रति पश्चात्तापमग्नः अस्मि, अहम् कथं विस्मृतवान्

“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः । यत्रैताः न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः । 

अथवा “पितुर्दशगुणा मातेति” । त्वया सन्मार्गः प्रदर्शितः भगिनि । कनिष्ठाऽपि त्वम् मम गुरुरसि ।

हिन्दी अनुवाद– राकेश-बहन ! ठहरो-ठहरो! मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूँ और बहुत लज्जित हूँ। आज से कभी इस निन्दित कार्य के विषय में सपने में भी नहीं सोचूँगा। जिस प्रकार अम्बिका मेरे हृदय स्नेह की अधि कारी है वैसे ही आने वाला शिशु फिर चाहे वह लड़का हो अथवा लड़की, स्नेह का अधिकारी होगा। मैं अपनी घृणित सोच के प्रति पश्चात्ताप मग्न हूँ। मैं कैसे भूल गया ‘जहाँ नारियों को पूजा जाता है वहाँ देवता निवास करते हैं। जहाँ इनको नहीं पूजा जाता है वहाँ सभी क्रिया अफल (बिना फल देने वाली) होती हैं। ” अथवा “माता पिता से दस गुण (श्रेष्ठ) होती है। ” तुमने मुझे सही रास्ता दिखाया। तुम छोटी हो फिर भी मेरी गुरु (के समान) हो।

शालिनी – अलम् पश्चात्तापेन । तव मनसः अन्धकारः अपगतः प्रसन्नतायाः विषयोऽयम् भ्रातृजाये आगच्छ । सर्वां चिन्तां त्यज आगन्तुः शिशोः स्वागताय च सन्नद्धा भव । भ्रातः त्वमपि प्रतिज्ञां कुरु-कन्यायाः रक्षणे, तस्याः पाटने दत्तचित्तः स्थास्यसि “पुत्र रक्ष, पुत्र पाठ्य ” इति सर्वकारस्य घोषणेयं तदैव सार्थिका भविष्यति यदां वयं सर्वे मिलित्वा चिन्तनमिदं यथार्थरूपं करिष्याम:।

हिन्दी अनुवाद – पश्चात्ताप मत करो। तुम्हारे मन से अन्धकार चला (नष्ट हो गया। यह प्रसन्नता की बात (विषय) है। भाभी! आओ। सभी चिन्ताओं को त्यागकर और आने वाले शिशु के स्वागत करने के लिए तैयार हो जाओ। भाई तुम भी प्रतिज्ञा करो-लड़कियों की रक्षा करने, पढ़ाने के लिए दृढ़ निश्चयी रहोगे। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ सरकार की यह घोषणा तब ही सार्थक होगी जब हम सभी मिलकर इस चिन्तन को यथार्थ रूप में करेंगे’।

या गार्गी श्रुतचिन्तने नृपनये पाञ्चालिका विक्रमे । लक्ष्मीः शत्रुविदारणे गगनं विज्ञानाङ्गणे कल्पना ।। इन्द्रोद्योगपथे च खेलजगति ख्याताभितः साइना । सेयं स्त्री सकलासु दिक्षु सबला सर्वैः सदोत्साह्यताम् ।। अन्वयः – श्रुत चिन्तने, गार्गी, राज्ञः विक्रमस्य न्याय वर्णनम् पाञ्चालिका शत्रुनाशने लक्ष्मीबाई, अंतरिक्षस्य विज्ञान क्षेत्रे कल्पना। उद्योगानाम् इन्द्रा च खेल जगतं साइना प्रसिद्धि प्राप्तः । इदं सर्वे स्त्रियां सर्वाणाम् क्षेत्रानाम् सबला सन्ति । अतः स्वयं सर्वे: ताभिः उत्साहहितं कर्तुं स्याम ।

हिन्दी अनुवाद – वेद के चिन्तन में गार्गी, राजा विक्रम के न्याय को (राजा को बताने में) पुतलियाँ, शत्रुओं को पराजित करने में लक्ष्मीबाई, अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कल्पना चावला, उद्योग के मार्ग में इन्द्रा और खेल जगत में प्रसिद्धि प्राप्त साइना, ये सभी स्त्रियाँ समस्त दिशाओं में सक्षम हैं। सबके द्वारा उनको (लड़कियों को) प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

Class 8 Sanskrit Chapter 6 Question Answer || Sanskrit Class 8 Chapter 6 Question solution

1. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया । लिखत-(नीचे लिखे हुए प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में लिखिए – )

(क) दिष्ट्या का समागता? (भाग्य से कौन आ गई ? ) 

उत्तरम् – दिष्ट्या शालिनी समागता। (भाग्य से शालिनी आ गई।)

(ख) राकेशस्य कार्यालये का निश्चिता ? (राकेश के कार्यालय में क्या निश्चित की गई थी ?)

उत्तरम् – राकेशस्य कार्यालये अकस्मात् एका गोष्ठी निश्चिता। (राकेश के कार्यालय में अचानक एक सेमिनार निश्चित की गई थी। )

(ग) राकेश: शालिनीं कुत्र गन्तुं कथयति ? (राकेश शालिनी से कहाँ जाने के लिए कहता है ?) 

उत्तरम् – राकेश: शालिनीं चिकित्सिकां प्रति गन्तुं कथयति (राकेश शालिनी से चिकित्सिका के पास जाने के लिए कहता है।)

(घ) सायंकाले भ्राता कार्यालयात् आगत्य किं करोति ? (सायं के समय भाई कार्यालय से आकर क्या करता है ।)

उत्तरम् -सायंकाले भ्राता कार्यालयात् आगत्य हस्तपादादिकं प्रक्षाल्य वस्त्राणि परिवर्त्य दीपं प्रज्वाल्य भवानी स्तुतिं करोति । (सायंकाल भाई कार्यालय से आकर, हाथ-पैर आदि धोकर, कपड़े बदलकर, दीपक जलाकर भवानी स्तुति करता है।) 

(ङ) राकेशः कस्याः तिरस्कारं करोति ? (राकेश किसका तिरस्कार करता है?)

उत्तरम्-राकेशः सृष्टेः उत्पादिन्याः शक्त्याः कन्याया तिरस्कारं करोति । (राकेश सृष्टि को उत्पन्न करने वाली शक्ति कन्या का तिरस्कार करता है।)

(च) शालिनी भ्रातरम् कां प्रतिज्ञां कर्तुं कथयति ? (शालिनी भाई से क्या प्रतिज्ञा करने के लिए कहती है ? ) 

उत्तरम् – शालिनी भ्रातरम् कन्यायाः रक्षणे तस्याः पाठने दत्तचित्तः स्थास्यसि । “पुत्रीं रक्ष, पुत्रीं पाठय” इति सर्वकारस्य घोषणां सार्थकां कर्तुं प्रतिज्ञायै कथयति । (शालिनी भाई से कन्या के रक्षण करने में उसको पढ़ाने में दत्तचित होगा। ” बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” इस सरकार की घोषणा को सार्थक करने की प्रतिज्ञा के लिए कहती है। ) 

(छ) यत्र नार्यः न पूज्यन्ते तत्र किं भवति ? (जहाँ नारियों की पूजा नहीं होती है, वहाँ क्या होता है ? )

उत्तरम् – यत्र नार्यस्तु न पूज्यन्ते तत्र सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः । • तत्र देवता अपि न रमन्ते । (जहाँ नारियों की पूजा नहीं होती है, वहाँ सभी क्रियाएँ बिना फलवाली होती हैं। वहाँ देवताओं (सज्जनों) का भी निवास नहीं होता है।)

2. अधोलिखित पदानां संस्कृतरूपं (तत्समरूप) लिखत (नीचे लिखे गए शब्दों के संस्कृत रूप (तत्सम रूप लिखिए – )

उत्तरम् -. तत्सम/संस्कृतरूपम्

(क)कोख – कुक्षि

(ख) साथ – सह/सार्धंम्

(ग) गोद – क्रोडः

(घ) भाई – भ्राता

(ङ) कुआँ – कूप

(च) दूध – दुग्धम

3. उदाहरणमनुसृत्य कोष्ठकप्रदत्तेषु पदेषु तृतीयाविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत- (उदाहरण का अनुसरण करके कोष्ठक में प्रदत्त शब्दों में तृतीया विभक्ति का प्रयोग करके रिक्तस्थानों को भरिए – ) 

यथा – (क) मात्रा सह पुत्री गच्छति । (मातृ)

(ख) ……..विना विद्या न लभ्यते ।  (परिश्रम)

(ग) छात्रः ………लिखति ।  (लेखनी)

(घ) सूरदासः …. अन्धः आसीत्। (नेत्र)

(ड़) स: …. साकं समयं यापयति । (मित्र)

उत्तरम्-(ख) परिश्रमेण, (ग) लेखिन्या, (घ) नेत्राभ्याम्, (ङ) मित्रेण ।

4. ‘ क ‘ स्तम्भे विशेषणपदं दत्तम् ‘ख’ स्तम्भे च विशेष्यपदम् । तयो मेलनं कुरुत – (‘क’ स्तम्भ में विशेषण शब्द है और ‘ख’ स्तम्भ में विशेष्यपद है। उन दोनों का मिलान कीजिए – )

उत्तरम् -‘क’ स्तम्भः      ‘ख’ स्तम्भः

1. स्वस्था                 (घ) मनोदशा

2. महत्वपूर्णा            (ङ) गोष्ठी

3. जघन्यम्               (क) कृत्यम् 

4. क्रीडन्ती               (ख) पुत्री

5. कुत्सिता               (ग) वृत्तिः

5. अधोलिखितानां पदानां विलोमपदं पाठात् चित्वा लिखत-(नीचे लिखे गए शब्दों के विलोम शब्द पाठ से चुनकर लिखिए-) 

(क) श्व: (ख) प्रसन्ना (ग) वरिष्ठा (घ) प्रशंसितम् (ङ) प्रकाशः (च) सफलाः (छ) निरर्थकः

उत्तरम् – 

(क) श्व: – ह्य:

(ख) प्रसन्ना – उदासीना

(ग) वरिष्ठा – कनिष्ठा

(घ) प्रशंसितम् – गर्हितम्

(ङ) प्रकाशः – अन्धकारः

(च) सफलाः – अफलाः

(छ) निरर्थकः – सार्थक :

6. रेखांकितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत- (रेखांकित पदों को आधार बनाकर प्रश्न निर्माण कीजिए-)

(क) प्रसन्नतायाः विषयोऽयम् ।

(ख) सर्वकारस्य घोषणा अस्ति । 

(ग) अहं स्वापराधं स्वीकरोमि ।

(घ) समयात् पूर्वम् आयासं करोषि ।

(ङ) अम्बिका क्रोडे उपविशति 

उत्तरम् – (क) कस्याः विषयोऽयम् ? (यह किसका विषयज्ञहै?) 

(ख) कस्या घोषणा अस्ति ? (किसकी घोषणा है ?)

(ग) अहं किं स्वीकरोमि? (मैं क्या स्वीकार करता हूँ ? )

(घ) कस्मात् पूर्वं आयासं करोषि ? (किससे पूर्व प्रयास करते हो ?) 

(ङ) अम्बिका कुत्र उपविशति ? (अम्बिका कहाँ बैठती है ? )

7. अधोलिखिते सन्धिविच्छेदे रिक्त स्थानानि पूरयत – (नीचे लिखे गये सन्धि विच्छेद में रिक्त स्थान को भरिए – ) 

सहसैव = सहसा + एव

परामर्शानुसारम् = परामर्श+ अनुसारम्

वधार्हा = वध+अर्हा

अधुनैव = अधुना + एव

प्रवृत्तोऽपि = प्रवृत:+अपि

👉 इन्हें भी पढ़ें

  • Class 8 Sanskrit Chapter 7
  • Class 8 Sanskrit Chapter 5 कंटकेनैव कंटकम्
  • Class 8 Sanskrit Chapter 4 सदैव पुरतो निधेहि चरणम्
  • Class 8 Sanskrit Chapter 3 डिजीभारतम्
  • Class 8 Sanskrit Chapter 2 बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता
  • Class 8 Sanskrit Chapter 1 सुभाषितानि
  • 1 से 1000 तक संस्कृत में गिनती
  • संस्कृत शब्दरुपाणि
  • Ncert books

You Might Also Like

RBSC Class 8 Sanskrit Book solution

Class 8 Sanskrit Chapter 10 नीतिनवनीतम् Hindi Translation

NCERT Solutions Class 8 Sanskrit Chapter 3 डिजीभारतम् Hindi Translation

NCERT Solutions Class 8 Sanskrit Chapter 1 सुभाषितानि

Sanskrit Class 8th Chapter 14 आर्यभट Hindi & English अनुवाद

TAGGED:Class 8 Sanskrit chapter 6Class 8 Sanskrit Chapter 6 English TranslationClass 8 Sanskrit Chapter 6 Hindi TranslationClass 8 Sanskrit Chapter 6 Question and AnswerClass 8 Sanskrit Chapter 6 SolutionNCERT solutions class 8 Sanskrit Chapter 6 Hindi & English TranslationSanskrit Class 8 Chapter 6 Question solutionSanskrit Class 8 Chapter 6 solutionगृहं शून्य सुता विना पाठ का हिन्दी अनुवाद कक्षा 8
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp LinkedIn Telegram Email Copy Link
Previous Article Hindi Class 12th Chapter 14 पहलवान की ढोलक Question & Answer
Next Article Rbse Half Yearly Exam 2022 राजस्थान अर्धवार्षिक परीक्षा टाइम टेबल

Follow US

Find US on Social Medias
2.7k Like
547 Follow
1.9k Subscribe
1.2k Follow
Also Read
RRB NTPC Admit Card 2025

RRB NTPC Admit Card 2025: Sarkari Result Link, Release Date, Official Download & CBT 1 Details

RBSE Class 10 download 5 years old paper
राजस्थान बोर्ड कक्षा 11वी की अर्धवार्षिक परीक्षा का टाइम टेबल जारी 2024, RBSE 11th Class Time Table 2024: यहां से डाउनलोड करें
RBSE Class 11th Time Table Download 2024,जिलेवार कक्षा 11वीं वार्षिक परीक्षा समय सारणी डाउनलोड करें-
NEET MDS Results 2024 Download Check scorecard, नीट एमडीएस का रिजल्ट इस तारीख को होगा जारी

Find Us on Socials

Follow US
© SanskritDharaVahni. All Rights Reserved.
  • Home
  • NCERT Books
  • Half Yearly Exam
  • Syllabus
  • Web Story
  • Latest News
adbanner
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account