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Sanskrit Dhara Vahini > Sanskrit Vyakaran > उपसर्ग प्रकरण – संस्कृत में उपसर्ग – संस्कृत व्याकरण, हिंदी
Sanskrit VyakaranUpararg

उपसर्ग प्रकरण – संस्कृत में उपसर्ग – संस्कृत व्याकरण, हिंदी

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उपसर्ग संस्कृत व्याकरण – परिभाषा, उदाहरण, उपसर्ग का वाक्य में प्रयोग

उपसर्ग | परिभाषा | संस्कृत के उपसर्ग | उपसर्ग संस्कृत व्याकरण | संस्कृत के उपसर्ग | उपसर्ग के उदाहरण

Contents
उपसर्ग संस्कृत व्याकरण – परिभाषा, उदाहरण, उपसर्ग का वाक्य में प्रयोग संस्कृत उपसर्ग की परिभाषा, अर्थ उपसर्ग के 50+ उदाहरण संस्कृत में || upasarg sanskrit Vyakaranaसंस्कृत उपसर्गों का वाक्य में प्रयोग || vaakyon mein sanskrt upasargon ka prayogसंस्कृत में उपसर्ग कौन कौन से होते हैं?

Upasarg ‘अव्यय’ इस दूसरे नाम से भी कहा जाता है। जो शब्द सदा ही एक ही रूप में होता है, अर्थात् जिस शब्द के स्वरूप में कोई भी विकार नहीं होता है, वह ‘उपसर्ग’ नाम से कहा जाता है। जो अव्यय धातु से पूर्व अथवा विशेषण शब्द से पूर्व अथवा संज्ञा आदि शब्द से पूर्व लगाया जाता है, वह ‘उपसर्ग’ कहा जाता है। उपसर्गों का प्रयोग करने से धातुओं के अर्थ का प्रकाशन और परिवर्तन होता है। उपसर्ग संस्कृत में २२ होते हैं जो नीचे दिए गए हैं –

उपसर्ग

संस्कृत उपसर्ग की परिभाषा, अर्थ 

“उपसर्गेण धात्वर्थो बलादन्यत्र नीयते ।

प्रहारहारसंहारविहारपरिहारवत्”।। इति ।।

संस्कृत में कुल २२ उपसर्ग होते हैं प्र, पर, अप, सम्, अनु, अव, निस्, निर्, दुस्, दुर्, वि, आड़्, नि, अधि, अपि, अति, सु, उत्, अभी, प्रति, परि, उप।

  1. प्र – अधिक
  2. परा— उल्टा, तिरस्कार
  3. अप-बुरा, अभाव
  4. अनु-पीछे, समान
  5. सम्— उत्तम, सम्पूर्ण
  6. अव हीन, नीचे
  7. निस् – रहित, विपरीत
  8. निर् -निषेध, रहित
  9. दुस्–बुरा, कठिन
  10. दुर् -बुरा, कठिन
  11. आङ्-(आ)—तक
  12. वि-विशेष, अभाव
  13. नि-रहित, विशेष
  14. अधि– प्रधान, ऊपर
  15. अति-अधिक, ऊपर
  16. अपि-हीन
  17. सु–अधिक, श्रेष्ठ
  18. अभि-पास, इच्छा
  19. उत्— ऊपर, श्रेष्ठ
  20. प्रति— सामने, अनेक
  21. परि चारों ओर, पूर्ण
  22. उप-निकट, गौण

उपसर्ग के 50+ उदाहरण संस्कृत में || upasarg sanskrit Vyakarana

  1. प्र-प्रचलति प्रकृतिः, प्रभाव:, प्रक्रिया, प्रयासः, प्रजा आदि ।
  2. परा-पराजयः, पराश्रितः, पराधीनः, पराभव, पराक्रम आदि।
  3. अप-अपकरोति, अपमानः, अपचयः, अपहरणम्, अपशब्दः आदि ।
  4. सम्-संगति:, संगमनम्, समन्वयः, समारोहः, समीक्षा, संताप आदि ।
  5. अनु-अनुगच्छति, अनुसरति, अनुभव, अनुकरणम्, अनुवाद:, अनुरागः आदि ।
  6. अव-अवगच्छति, अवकाशः, अवतारः, अवतरणम्, अवनति: आदि।
  7. निस्-निस्तेज, निःसरति, निस्सन्देह, निःशब्दः आदि ।
  8. निर्-निर्गच्छति, निर्बल, निर्णयः, निर्वाध, निर्लज्ज आदि ।
  9. दुस्-दुष्परिणाम, दुस्साध्य, दुःसाहस आदि ।
  10. दुर्-दुर्गुण, दुर्बल, दुराचार, दुर्बोध, दुर्जन आदि ।
  11. वि-विचरति, विवाद, विनय, विनम्र, विशेष, विदेश आदि ।
  12. आड़्-आगच्छति, आनयति, आचार:, आभार, आजीवन आदि ।
  13. नि-नियम, निवारण, निधन, निवास, निलय आदि ।
  14. अधि-अधितिष्ठति, अधिकार, अधिकरण, अधिष्ठाता आदि ।
  15. अपि-अपिहित, अपिधान, अप्यागच्छति आदि।
  16. अति-अतिरिक्तः, अत्याचारः, अत्यधिकं, अत्यन्त आदि।
  17. सु-सुपुत्रः, सुपात्रः, सुबोधः, सुकुमारः, सुशील आदि ।
  18. उत्-उत्थान, उत्पन्न, उत्पादन, उद्भव, उद्घाटन आदि।
  19. अभि-अभिनय:, अभिनव, अभिज्ञः, अभीष्ट अभियान आदि।
  20. प्रति-प्रतिकार, प्रत्युत्तर, प्रतिवर्षम्, प्रत्येकः, प्रतिदिन आदि ।
  21. परि-परिणाम, परिश्रम, परिचयः, परिवार, परित्याग आदि ।
  22. उप-उपकरोति, उपवसति, उपनयति, उपयोगः, उपवनम् आदि।

संस्कृत उपसर्गों का वाक्य में प्रयोग || vaakyon mein sanskrt upasargon ka prayog

  1. प्र-महेन्द्रः प्रयासः करोति । अत्र कक्षा प्रचलति ।
  2. परा-राजा युद्धे पराक्रमी वर्तते। सेवकः तस्य पराधीनः ।
  3. अनु-प्रजाः नृपम् अनुगच्छति। अयं तस्य अनुवादः।
  4. निर्-बालकाः विद्यालयात् निर्गच्छन्ति। सः निर्बलः अस्ति ।
  5. वि-गोपालः विजयं प्राप्नोति । रमेशः विनम्रः अस्ति ।
  6. दुर्-दुर्जनः कपटं करोति । शरीरेण सः दुर्बलः ।
  7. उप-शिष्यः गुरुम् उपगच्छति। सा सदैव उपकरोति ।
  8. परि-राधायाः परिवारः सुशीलः । महेशः परिश्रमी वर्तते । 
  9. अव-अद्य अवकाशः वर्तते । सः सम्यग् अवगच्छति ।  
  10. प्रति-प्रत्येकः बालकः स्वकार्यं करोति। सः ग्रामात् प्रत्यागच्छति ।
  11. अप-चौरः धनिकस्य धनम् अपहरति ।
  12. सम्-छात्रः गुरुम् संगच्छते
  13. निस्-सर्पः बिलात् निस्सरति ।
  14. दुस्-स्वभाव: दुस्त्याज्यः भवति।
  15. आड़्-पिता अत्र आगच्छति ।
  16. नि-महेशः मित्रं निगदति ।
  17. अधि-नृपः सिंहासनम् अधितिष्ठति ।
  18. अपि-द्वारपाल: द्वारम् अपिदधाति ।
  19. अति-दुर्जनः अत्याचारं करोति ।
  20. सु-सुपुत्रः सर्वत्र सुशोभते ।
  21. उत्-खगाः आकाशे उत्पतन्ति ।
  22. अभि-अभ्यागतः सर्वदा पूजनीयः ।

 संस्कृत के प्रमुख उपसर्गों का प्रायोगिक ज्ञान

प्र = उपसर्ग: प्र उपसर्ग का प्रकृष्ट: श्रेष्ठ:, उत्कृष्ट:, अधइकम् के अर्थ में होता है।

  1. प्र + एजते = प्रेजते
  2. प्र + यानम् = प्रयाणम्
  3. प्र + कम्पनम् = प्रकम्पनम्
  4. प्र + कृति = प्रकृति: 
  5. प्र + मत्त: = प्रमत्त:
  6. प्र + स्थानम् = प्रस्थानम्
  7. प्र + काश: = प्रकाशः 
  8. प्र + क्रिया = प्रक्रिया
  9. प्र + ख्यातः = प्रख्यातः
  10. प्र + जा = प्रजा:
  11. प्र + नयः = प्रणय:

‘सम्’ उपसर्ग:-‘सम्’ उपसर्ग का ‘सुष्ठुरूपेण’, ‘सम्यकप्रकारण’ इत्यादि अर्थ होते हैं। यथा-

  1. सम् + गमनम् = संगमनम्
  2. सम् + भाषणम् = संभाषणम् 
  3. सम् + योजनम् = संयोजनम्
  4. सम् + तुष्टिः = सन्तुष्टिः
  5. सम् + गतिः संगतिः
  6. सम् + मेलनम् = सम्मेलनम् 
  7. सम् + तोष: = सन्तोषः
  8. सम् + न्यासः संन्यासः
  9. सम् + ताप: संतापः
  10. सम् + अर्पणम् = समर्पणम् 
  11. सम् + आगतः – समागतः
  12. सम् + आधानम् = समाधानम्
  13. सम् + आरोह: = समारोह: 
  14. सम् + ईक्षा समीक्षा

‘अनु’ उपसर्ग:-‘ अनु’ उपसर्ग का ‘पश्चात्’ अर्थ में प्रयोग होता है। जैसे-

  1. अनु + करणम् = अनुकरणम्
  2. अनु + कूलः = अनुकूलः
  3. अनु + जः = अनुजः 
  4. अनु + क्रोशः = अनुक्रोशः
  5. अनु + वादः अनुवाद:
  6. अनु + गमनम् = अनुगमनम्
  7. अनु + कम्पा अनुकम्पा
  8. अनु + जा = अनुजा
  9. अनु + ज्ञा = अनुज्ञा
  10. अनु + नासिक: = अनुनासिक:
  11. अनु + रूप = अनुरूपः
  12. अनु + बन्धः अनुबन्धः 
  13. अनु + रक्तिः = अनुरक्तिः
  14. अनु + रोध = अनुरोधः
  15. अनु + सूचितः = अनुसूचितः 
  16. अनु + शीलनम् = अनुशीलनम्
  17. अनु + जीवि अनुजीवि

‘दुस्’ उपसर्ग: ‘दुम्’ उपसर्ग का ‘अवर’, ‘दुष्टः’, ‘कठिनम्’ इत्यादि अर्थ होते हैं। यथा-

  1. दुस् + तरम् = दुस्तरम्
  2. दुस् + कर = दुष्करः 
  3. दुस् + कृत्य = दुष्कृत्य
  4. दुस् + करम् = दुष्करम्
  5. दुस् + कुलीन = दुष्कुलीन
  6. दुस् + चरितम् = दुष्चरितम् 
  7. दुस् + प्रकृतिः = दुष्प्रकृतिः
  8. दुस् + प्राप्य: = दुष्प्राप्यः 
  9. दुस् + स्वप्नः = दुःस्वप्नः

‘वि’ उपसर्ग :-‘वि’ उपसर्ग का ‘विना’, ‘पृथक’, ‘विविध’, ‘विशेषम्’ इत्यादि अर्थ होते हैं। यथा-

  1. वि + युक्तः = वियुक्तः
  2. वि + शेषः = विशेषः 
  3. वि + चारः = विचार:
  4. वि + लक्षण: = विलक्षण:
  5. वि + कटः = विकटः 
  6. वि + कल्पः = विकल्पः
  7. वि + कार: = विकार: 
  8. वि + क्रमः = विक्रमः 
  9. वि + ख्यातम् = विख्यातम्
  10. वि + चक्षणः = विचक्षणः 
  11. वि + वाह: = विवाह:

‘उप’ उपसर्ग:-‘उप’ उपसर्ग के ‘समीप’, ‘निकटता’ आदि अर्थ होते हैं। जैसे-

  1. उप + आसना = उपासना 
  2. उप + गच्छति = उपगच्छति
  3. उप + नयति = उपनयति
  4. उप + कारः = उपकारः
  5. उप + ग्रह: उपग्रह:
  6. उप + जीव्य = उपजीव्य
  7. उप + द्रवः = उपद्रवः
  8. उप + न्यासः = उपन्यासः 
  9. उप + मा = उपमा
  10. उप + हास: = उपहासः 
  11. उप + स्थितिः = उपस्थितिः
  12. उप + अध्यायः = उपाध्यायः

आ’ उपसर्ग का प्रयोग’आ’ उपसर्ग का प्रयोग ‘पर्यन्त’ अथवा ‘ओर’ अर्थ में होता है। जैसे-

  1. आ + विश् =आविशति
  2. आ + पत् = आपतति
  3. आ + नी (नय्) = आनयति
  4. आ + वस् = आवसति
  5. आ + लप् = आलपति
  6. आ + ह = आहरति

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संस्कृत में उपसर्ग कौन कौन से होते हैं?

संस्कृत में कुल २२ उपसर्ग होते हैं प्र, पर, अप, सम्, अनु, अव, निस्, निर्, दुस्, दुर्, वि, आड़्, नि, अधि, अपि, अति, सु, उत्, अभी, प्रति, परि, उप।

संस्कृत में उपसर्ग की परिभाषा क्या है?

“उपसर्गेण धात्वर्थो बलादन्यत्र नीयते ।

प्रहारहारसंहारविहारपरिहारवत्”।। इति ।।
संस्कृत में कुल २२ उपसर्ग होते हैं प्र, पर, अप, सम्, अनु, अव, निस्, निर्, दुस्, दुर्, वि, आड़्, नि, अधि, अपि, अति, सु, उत्, अभी, प्रति, परि, उप।

संस्कृत उपसर्गों के ५० उदाहरण बताओ?

प्र-प्रचलति प्रकृतिः, प्रभाव:, प्रक्रिया, प्रयासः, प्रजा आदि ।

परा-पराजयः, पराश्रितः, पराधीनः, पराभव, पराक्रम आदि। 

अप-अपकरोति, अपमानः, अपचयः, अपहरणम्, अपशब्दः आदि । 

सम्-संगति:, संगमनम्, समन्वयः, समारोहः, समीक्षा, संताप आदि । 

अनु-अनुगच्छति, अनुसरति, अनुभव, अनुकरणम्, अनुवाद:, अनुरागः आदि । 

अव-अवगच्छति, अवकाशः, अवतारः, अवतरणम्, अवनति: आदि। 

निस्-निस्तेज, निःसरति, निस्सन्देह, निःशब्दः आदि । निर्-निर्गच्छति, निर्बल, निर्णयः, निर्वाध, निर्लज्ज आदि । 

दुस्-दुष्परिणाम, दुस्साध्य, दुःसाहस आदि । 

दुर्-दुर्गुण, दुर्बल, दुराचार, दुर्बोध, दुर्जन आदि । 

वि-विचरति, विवाद, विनय, विनम्र, विशेष, विदेश आदि । 

आड़्-आगच्छति, आनयति, आचार:, आभार, आजीवन आदि । 

नि-नियम, निवारण, निधन, निवास, निलय आदि । 

अधि-अधितिष्ठति, अधिकार, अधिकरण, अधिष्ठाता आदि । 

अपि-अपिहित, अपिधान, अप्यागच्छति आदि। 

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