कब्ज का घरेलू उपचार | गैस का घरेलू उपचार | कब्ज 10 घरेलू उपचार
कब्ज का घरेलू उपचार कब्ज पेट की एक गंभीर समस्या है जिससे गैस, पेट फूलना और भूख न लगना जैसी कई अन्य समस्याएं पैदा होती हैं, हमारे आयुर्वेद डॉक्टर ने कुछ ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जो पेट की को दूर कर आंतों को मजबूत करती हैं।
कब्ज, पेट फूलना, भूख न लगना, गैस, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और एसिडिटी, यह ऐसी पेट की बीमारी हैं जिनसे आजकल हर कोई परेशान है। गलत आदतें, गलत खान-पान और सुस्त जीवनशैली पेट और आंतों की समस्याओं का सबसे बड़ा कारण बनता हैं। इन सभी विकारों से आराम पाने के लिए हर बार हमें महंगी दवाओं का इस्तेमाल करना पड़ता है क्योंकि उससे आपको आराम तो मिल जाता है लेकिन यह लंबे समय तक दवाओं को खाने पर स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
इन पेट की समस्याओं से हमेशा के लिए आराम पाने और पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। नॉएडा के ई-260 सेक्टर 27 स्थित ‘कपिल त्यागी आयुर्वेद क्लिनिक’ के डायरेक्टर डॉक्टर कपिल त्यागी के अनुसार, आयुर्वेद में पाचन तंत्र को अग्नि कहा गया है। जब अग्नि मजबूत और संतुलित होगी, तो पाचन अच्छा रहता है और पेट में पोषक तत्वों का अच्छी तरह अवशोषण हो जाता है।
यदि अग्नि कमजोर या असंतुलित होती है तो पेट की समस्याएं पैदा होती हैं। आयुर्वेद में आंतों और पेट की समस्याओं के लिए कई प्रकार की जड़ी बूटी हैं, जिनका प्रयोग करने से पाचन को बेहतर बनाया जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह कि इनका इस्तेमाल सुरक्षित और प्रभावी है। यह सभी चीजें आपकी रसोई या बाजार में आसानी से मिल जाती हैं।
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कब्ज का घरेलू नुस्खे /कब्ज का घरेलू इलाज/कब्ज के 10 घरेलू तरीके
त्रिफला
त्रिफला तीन फल आते हैं – आंवला, हरीतकी और बिभीतकी को मिलकर बनाकर त्रिफला कहता है। यह पाचने के लिए एक बढ़िया आयुर्वेदिक उपचार है। त्रिफला मल त्याग में सुधार और कब्ज दूर करने के लिए जाना जाता है। यह शरीर मे से विषाक्त पदार्थों को निकालकर पाचन क्रिया से स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद करता है।
हींग
हींग और अजवाइन जैसे मसालों को खाना पकाने में या चाय के रूप में इस्तेमाल करने से हमारे शरीर में पाचन बढ़ाने में मदद मिलती है। यह पाचन क्रिया को अग्नि को बढाते हैं, इसका इस्तेमाल करने पर शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालते हैं और चयापचय को बढ़ाते हैं।
इसबगोल की भूसी
इसबगोल (घोड़ाजीरा) की भूसी एक नैचुरल फाइबर है जिसे आमतौर पर रेचक के रूप में उपयोग में लाया जाता है। यह शरीर में मल को नरम करने और मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करता है। इससे पाचन तंत्र में आई सूजन को कम करने और आंतों के स्वास्थ्य में सुधार करने में भी का करता है।
अदरक
अदरक एक नैचुरल एंटी इंफ्लेमेटरी फूड है जो भी पाचन को मजबूत बनाता है। यह पाचन क। क्रिया को उत्तेजित करने और कब्जी दूर करने में मदद करता है। अदरक पाचन तंत्र में गैस और सूजन को कम करने में भी काम करता है।
सौंफ
सौंफ एक नैचुरल कार्मिनेटिव है जो पाचन तंत्र में गैस और सूजन को कम करने में मदद करता है। यह पाचन में सुधार और कब्ज को दूर करने में भी मदद करता है।
अरंडी का तेल
अरंडी का तेल एक शक्तिशाली तेल है जो शरीर में मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र में सूजन को कम करने और आंत में कार्यशैली में करता है।
हरीतकी
हरीतकी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो पाचन में सुधार और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करती है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करने और समग्र आंत स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद करता है।
घी
घी हेल्दी फैट का बढ़िया स्रोत है। यह पाचन तंत्र को लुब्रिकेट करने और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करता है। घी पाचन तंत्र में सूजन को कम करता है, और आंत को पाचन शक्ति मे सुधार करता है।
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नोट:- यहां बताए गये सभी घरेलू उपचार के तरीके इस बीमारी से निजात पाने हेतु हो सकते हैं लेकिन आपको इस फार्मूले को करने से पहले अपने नजदीकी चिकित्सक से या स्वास्थ्य कर्मचारी से एक प्रामर्श करके ही इनका उपयोग करें। धन्यवाद
FAQ
कब्ज को तुरंत कैसे दूर करें?
इन पेट की समस्याओं से हमेशा के लिए आराम पाने और पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। नॉएडा के ई-260 सेक्टर 27 स्थित ‘कपिल त्यागी आयुर्वेद क्लिनिक’ के डायरेक्टर डॉक्टर कपिल त्यागी के अनुसार, आयुर्वेद में पाचन तंत्र को अग्नि कहा गया है। जब अग्नि मजबूत और संतुलित होगी, तो पाचन अच्छा रहता है और पेट में पोषक तत्वों का अच्छी तरह अवशोषण हो जाता है।
पेट में कब्ज होने पर क्या खाएं?
इसबगोल (घोड़ाजीरा) की भूसी एक नैचुरल फाइबर है जिसे आमतौर पर रेचक के रूप में उपयोग में लाया जाता है। यह शरीर में मल को नरम करने और मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करता है। इससे पाचन तंत्र में आई सूजन को कम करने और आंतों के स्वास्थ्य में सुधार करने में भी का करता है।