NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 1 वह चिड़िया जो Question Answer
वह चिड़िया जो ( केदारनाथ अग्रवाल )
परिचय– इस कविता में कवि ने पक्षी जीवन की मधुर झाँकी प्रस्तुत की है। एक छोटी नीले पंखों वाली संतोषी को चिड़िया अपने बाबा जैसे वन को प्रसन्न करने के लिये मधुर गीत गाती है। उसे अपने वन बाबा से बहुत प्रेम है। चिड़िया अन्न के दूधिया दानों को खाकर तथा नदी के जल से मोती जैसी जल की पीकर अपनी प्यास बुझाती है। उसे अपने जीवन पर बहुत गर्व है।
(1)
वह चिड़िया जो चोंच मारकर
दूध-भरे जुंडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है ।
सन्दर्भ एवं प्रसंग– • प्रस्तुत पद्यांश केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित कविता ‘वह चिड़िया जो’ से लिया गया है। प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने अपने अंदर की कल्पित चिड़िया का वर्णन करते हुए अपने संतोषी स्वाभाव को स्पष्ट किया है।
व्याख्या/ भावार्थ-चिड़िया कहती है कि वही वह छोटी नीले पंखों वाली चिड़िया है जो चोंच से अनाज की बालों से दूध जैसे कच्चे दाने निकालकर खाती है। उसे इन दानों को खाने में बड़ा स्वाद आता है । वह अपने भोजन से संतुष्ट है। उसे अन्न से बहुत प्यार है।।
(2)
वह चिड़िया जो
कंठ खोलकर
बूढ़े वन- बाबा की खातिर
रस उँडेलकर गा लेती है
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखोंवाली में हूँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।
सन्दर्भ एवं प्रसंग– प्रस्तुत काव्यांश ‘केदारनाथ अग्रवाल’ द्वारा रचित कविता ‘वह चिड़िया जो’ से लिया गया है। प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने चिड़िया के माध्यम से अपने जंगल प्रेम को प्रकट करते हुए अपने स्वभाव की मधुरता स्पष्ट की है।
व्याख्या/ भावार्थ चिड़िया कहती है कि वह वही छोटी नीले पंखों वाली चिड़िया है जो बूढ़े जंगल बाबा को प्रसन्न करने के लिए, मुक्त कंठ से मधुर बोली में गाती है । वह जंगल-दादा की मुँहबोली बेटी के समान है। उसे जंगल से बहुत प्यार है।
(3)
वह चिड़िया जो
चोंच मारकर
चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे नदी से बहुत प्यार है ।
सन्दर्भ एवं प्रसंग – प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ ‘केदारनाथ अग्रवाल’ द्वारा रचित कविता ‘वह चिड़िया जो’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि ने अपने भीतर की कल्पित चिड़िया के माध्यम से अपने साहस व स्वाभिमान को प्रकट किया है।
व्याख्या / भावार्थ – चिड़िया कहती है। मैं ही वह छोटी नीले पंखों वाली चिड़िया हूँ जो उफनती नदी के पानी में चोंच डालकर मोती जैसी जल की बूँद ले जाती हूँ । अर्थात् नदी का स्वच्छ जल पीती हूँ। मुझे अपने जीवन पर तथा प्राकृतिक परिवेश पर बड़ा गर्व है। मुझे प्यास बुझाने वाली अपनी नदी से बहुत प्यार है ।
वह चिड़िया जो पाठ के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है उस चित्र को कागज पर बनाओ ।
उत्तर- छात्र स्वयं करें
प्रश्न 2. तुम्हें कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे ? उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो ।
उत्तर ‘नीले पंखोंवाली चिड़िया’ इस कविता का एक अन्य शीर्षक हो सकता है।
प्रश्न 3. इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीजों से प्यार है ?
उत्तर- चिड़िया को अन्न से, जंगल से और नदी से बहुत प्यार है।
प्रश्न 4. आशय स्पष्ट करो
(क) रस उँडेलकर गा लेती है
(ख) चढ़ी नदी का दिल टटोल कर
जल का मोती ले जाती है ।
उत्तर– (क) चिड़िया के गाने में बड़ी मधुरता होती है
(ख) उपड़ती हुई नदी में चोच डुबोती हुई चिड़िया ऐसा लगती है जैसे वह नदी के मन का हाल जान रही हो। वह मोती जैसी पानी की बूँद अपनी चोंच में दबाकर ले जाती हैं।