NCERT Solutions for Class 7th Sanskrit Chapter 10 विद्याधनम् Hindi Translation & English Translation
इस पोस्ट में हमने Sanskrit Class 7th Chapter 10 विद्याधनम् हिंदी अनुवाद में हमने सम्पूर्ण अभ्यास प्रश्न को सरल भाषा में लिखा गया है। हमने Sanskrit Class 7th Ruchira Chapter 10 विद्याधनम् के Questions and Answer बताएं है। इसमें NCERT Class 7th Sanskrit Chapter 10 Notes लिखें है जो इसके नीचे दिए गए हैं।
1. | Class 7th All Subjects Solution |
2. | Class 7th Sanskrit Solution |
3. | Class 7th Hindi Solution |
4. | Class 7th English Solution |
5. | Class 7th Science Solution |
6. | Class 7th Maths Solution |
7. | Class 7th Social science Solution |

न चौरहार्यं न च राजहार्यं, न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि । व्यये कृते वर्धत एव नित्यं, विद्याधनं सर्वधनप्रधानम् ।।
हिन्दी अनुवाद – (यह विद्यारूपी धन) न चोरों द्वारा चुराया जा सकता है, न यह राजाओं द्वारा हरण किया (छीना) जा सकता है, न यह भाइयों द्वारा बाँटा जा सकता है और न ही यह भार बढ़ाने वाला अर्थात् बोझिल है । यह सदा ही व्यय (खर्च) करने पर बढ़ता ही है । विद्यारूपी धन सब धनों में प्रधान है ।
English Translation – (This wealth of knowledge) can neither be stolen by thieves, nor can it be snatched away by kings, nor can it be divided by brothers, nor is it burdensome. It always increases with expenditure. Wealth in the form of education is the most important among all wealth.
विद्या नाम नरस्य रूपमधिकं प्रच्छन्नगुप्तं धनम् विद्या भोगकरी यशः सुखकरी विद्या गुरूणां गुरुः । विद्या बन्धुजनो विदेशगमने विद्या परा देवता विद्या राजसु पूज्यते न हि धनं विद्या विहीनः पशुः ।।
हिन्दी अनुवाद – विद्या, मनुष्य का रूपाधिक्य छुपा हुआ गुप्त धन है । विद्या भोग के साधन उपलब्ध कराने वाली अर्थात् भोग प्रदान करने वाली, यश देने वाली, सुख देने वाली है । विद्या गुरुओं की गुरु होती है। विदेश में जाने पर विद्या बन्धु (मित्र) है । विद्या सब देवताओं में सबसे बड़ी है । राजाओं में विद्या को पूजा जाता है, न कि धन को । विद्या के बिना मनुष्य पशु के समान होता है ।
English Translation – Knowledge is the hidden hidden wealth of man. Knowledge provides means of enjoyment, that is, it provides pleasure, fame and happiness. Vidya is the teacher of teachers. Vidya is a friend when going abroad. Vidya is the greatest among all the gods. Among kings, knowledge is worshiped, not wealth. Without education, man is like an animal.
केयूराः न विभूषयन्ति पुरुषं हारा न चन्द्रोज्ज्वला न स्नानं न विलेपनं न कुसुमं नालङ्कृता मूर्धजाः । वाण्येका समलङ्करोति पुरुषं या संस्कृता धार्यते क्षीयन्तेऽखिलभूषणानि सततं वाग्भूषणं भूषणम्।।
हिन्दी अनुवाद – मनुष्य को बाजूबन्द (आदि गहने) न ही चन्द्रमा के समान उज्ज्वल हार, न स्नान (उबटन आदि) विलेपन (लेप), न फूलों से सुशोभित (चोटी) बाल शोभा देते हैं । जो संस्कारमयी वाणी धारण की गई हो, वही मनुष्य को सुशोभित करती है। मनुष्य के सभी आभूषण क्षीण (नष्ट) हो जाते हैं । (मात्र) वाणीरूपी आभूषण ही (सच्चा) आभूषण है ।
English Translation – Neither armlets (jewelry etc.) nor a necklace as bright as the moon, nor bathing (boiling etc.), ointments (coatings), nor hair decorated with flowers (braid) adorns a person. It is only the cultured speech that beautifies a person. All the ornaments of a man get diminished (destroyed). The (only) ornament of speech is the (true) ornament.
विद्या नाम नरस्य कीर्तिरतुला भाग्यक्षये चाश्रयः धेनुः कामदुधा रतिश्च विरहे नेत्रं तृतीयं च सा । सत्कारायतनं कुलस्य महिमा रत्नैर्विना भूषणम् तस्मादन्यमुपेक्ष्य सर्वविषयं विद्याधिकारं कुरु ।।
हिन्दी अनुवाद – विद्या नाम मानव का अतुलित यश (कीर्ति) है । (अच्छे दिन बीत जाने पर) भाग्य क्षीण हो जाने पर (यह विद्या) सहारा है। (यह) इच्छानुसार फलरूपी दूध देने वाली गाय है। विरह (विछोह) की स्थिति में अनुराग या आनन्द है । वह (विद्या) (ज्ञानरूपी) तीसरा नेत्र है । (विद्या) सम्मान का केन्द्र है। यह कुल की महिमा है। बिना रत्नों का गहना (अलंकार) है। इसलिए अन्य सभी विषयों की उपेक्षा करके विद्या पर ही अधिकार करो ।
English Translation – The name Vidya is the incomparable fame of a human being. (This knowledge) is a support when (good days pass) and luck wanes. (It) is a cow that gives fruit-like milk as per desire. There is affection or joy in the state of separation. That (vidya) (in the form of knowledge) is the third eye. (Vidya) is the center of respect. This is the glory of the clan. It is a jewel (ornament) without gems. Therefore, ignore all other subjects and focus only on knowledge.
अभ्यास प्रश्न
- उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’, अनुपयुक्तकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत- (उचित कथनों के सामने ‘आम्’ (हाँ) अनुचित कथनों के सामने ‘न’ (नहीं) लिखिए ।)
(कं) विद्या राजसु पूज्यते । (आम्)
(ख) वाग्भूषणं भूषणं न । (न)
(ग) विद्याधनं सर्वधनेषु प्रधानम् । (आम्)
(घ) विदेशगमने विद्या बन्धुजनः न भवति ।(न)
(ङ) सर्वं विहाय विद्याधिकारं कुरु । (आम् )
- अधोलिखितानां पदानां लिङ्ग, विभक्तिं वचनञ्च लिखत- (निम्नलिखित शब्दों के लिंग, विभक्ति और वचन लिखिए )
नरस्य, गुरूणाम्, केयूराः, कीर्तिम्, भूषणानि
उत्तरम्
पदानि लिङ्गम् विभक्तिः वचनम्
नरस्य पुल्लिङ्ग षष्ठी एकवचनम्
गुरूणाम् पुल्लिङ्ग षष्ठी बहुवचनम्
केयूराः पुल्लिङ्ग प्रथमा बहुवचनम्
कीर्तिम् स्त्रीलिंग द्वितीया एकवचनम्
भूषणानि। नपुंसकलिङ्ग। प्रथमा / द्वितीया बहुवचनम्
- श्लोकांशान् योजयत (श्लोकांशों को जोड़ो) –
विद्या राजसु पूज्यते न हि धनम् विद्याविहीनः पशुः ।
केयूराः न विभूषयन्ति पुरुषम् हारा न चन्द्रोज्ज्वलाः
न चौरहार्यं न च राजहार्यम् न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि ।
सत्कारायतनं कुलस्य महिमा रत्नैर्विना भूषणम् ।
वाण्येका समलङ्करोति पुरुषम् या संस्कृता धार्यते
- एकपदेन प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत- (एक शब्द में प्रश्नों के उत्तर लिखिए – )
(क) कः पशुः ? (पशु कौन है ?)
उत्तर विद्याविहीनः ।
(ख) का भोगकरी ? (भोग को देने वाली कौन है ? )
उत्तर विद्या।
(ग) के पुरुषं न विभूषयन्ति ? (पुरुष को कौन सुशोभित नहीं करते हैं ? )
उत्तर केयूराः ।
(घ) का एका पुरुषं समलङ्करोति ? (एक क्या पुरुष को भलीभाँति सुशोभित करती है ? )
उत्तर विद्या।
(ङ) कानि क्षीयन्ते ? (क्या नष्ट हो जाते हैं ? )
उत्तरम् भूषणानि ।
- रेखाङ्कितपदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत – (रेखाङ्कित पदों को आधार मानकर प्रश्न निर्माण कीजिए – )
(क) विद्याविहीनः नरः पशुः अस्ति । (विद्या विहीन मनुष्य पशु है।)
उत्तर विद्याविहीनः कः पशुः अस्ति ?
(ख) विद्या राजसु पूज्यते। (राजाओं में विद्या पूजी जाती है।)
उत्तर का राजसु पूज्यते ?
(ग) चन्द्रोज्वला हाराः पुरुषं न अलंकुर्वन्ति । (चन्द्रमा के समान उज्ज्वल हार पुरुष को सुशोभित नहीं करते हैं ? )
उत्तर चन्द्रोज्ज्वला के पुरुषं न अलङ्कुर्वन्ति ?
(घ) पिता हिते नियुङ्क्ते । (पिता हित में नियुक्त किया जाता है।)
उत्तर कः हिते नियुङ्क्ते ।
(ङ) विद्याधनं सर्वप्रधानं धनमस्ति । (विद्या धन सर्वश्रेष्ठ धन है।)
उत्तर विद्याधनं कीदृशं धनमस्ति ?
(च) विद्या दिक्षु कीर्ति तनोति । (विद्या दिशाओं में कीर्ति फैलाती है।)
उत्तर विद्या कासु कीर्ति तनोति?
- पूर्णवाक्येन प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत- (पूरे वाक्य में प्रश्नों के उत्तर लिखिए।)
(क) गुरूणां गुरुः का अस्ति ? (गुरुओं का गुरु कौन है ?)
उत्तरम्-विद्या गुरूणां गुरुः अस्ति ।
(ख) कीदृशी वाणी पुरुषं समलङ्करोति ? (किस प्रकार की वाणी पुरुष को भलीभाँति शोभित करती है ?)
उत्तरम्-संस्कृतावाणी पुरुषं समलङ्करोति ।
(ग) व्यये कृते किं वर्धते ? (व्यय करने पर क्या बढ़ता है ?)
उत्तरम्-व्ययं कृते विद्या वर्धते ।
(घ) भाग्यक्षये आश्रयः कः ? ( भाग्य के क्षीण होने पर क्या सहारा है ? )
उत्तरम्— भाग्यक्षये विद्या आश्रयः ।
- मञ्जूषातः पुल्लिंग-स्त्रीलिङ्ग नपुंसकलिङ्ग पदानि चित्वा लिखत- (मञ्जूषा से पुल्लिंग स्त्रीलिंग- नपुंसकलिंग पदों को चुनकर लिखिए ) –
विद्या, धनम्, संस्कृता, सततम्, कुसुमम्, मूर्धजाः, पशुः, गुरुः, रति:
पुल्लिङ्ग स्त्रीलिंग नपुंसकलिङ्गम्
हारा: अलङ्कृता भूषणम्
मूर्धजाः विद्या धनम
पशुः संस्कृता सततम्
गुरु: रतिः कुसुमम्
👉 इन्हें भी पढ़ें
good site.