NCERT Class 9 Hindi Chapter 6 मेरे बचपन की दिन
Class 9 Hindi Chapter 6 मेरे बचपन की दिन :- बचपन एक अनमोल अनुभव होता है जो हर इंसान के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इस दौरान, हमारे जीवन में हमारे पास खुशियों और संतुष्टि के अविस्मरणीय पल होते हैं, जो हमें अपने जीवन भर याद रहते हैं। एनसीईआरटी कक्षा 9 हिंदी के अध्याय 6 “मेरे बचपन की दिन” एक रूपरेखा देता है, जो हमें अपने बचपन की सुंदर यादों को दोहराने का मौका देता है। इस लेख में, हम इस अध्याय के महत्वपूर्ण अंशों पर ध्यान देंगे और यह देखेंगे कि इसमें क्या-क्या शामिल है।
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प्रश्न 1. ‘मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है।’ इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाएँ कि
(क) उस समय लड़कियों की दशा कैसी थी ?
उत्तर- (क) उस समय, अर्थात् सन् 1900 ई. के आस-पास भारत में लड़कियों की दशा अच्छी नहीं थी । प्रायः लड़की का जन्म होते ही उन्हें मार दिया जाता था। उन्हें बोझ समझा जाता था। यदि उनका जन्म हो जाता था तो पूरे घर में दुख का वातावरण हो जाता था। लड़कियों के पालन-पोषण और शिक्षा पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता था।
(ख) लड़कियों के जन्म के सम्बन्ध में आज कैसी परिस्थितियाँ हैं ?
उत्तर:-आज लड़कियों के जन्म के सम्बन्ध में परिस्थितियाँ बदल रही हैं। पढ़े-लिखे लोग लड़का-लड़की के भेदों को धीरे-धीरे कम करते जा रहे हैं। बहुत-से जागरूक लोग लड़कियों के पालन-पोषण और शिक्षा पर उतना ही ध्यान देते हैं, जैसे लड़के पर। शहरों में लड़कियों को लड़कों की तरह ही पढ़ाया-लिखाया भी जाता है, किन्तु लड़कियों के साथ भेद-भाव पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है ।
प्रश्न 2. लेखिका उर्दू-फारसी क्यों नहीं सीख पाई ?
उत्तर – लेखिका को उर्दू-फारसी में बिलकुल रुचि नहीं थी। उनके शब्दों में-‘ये (बाबा) अवश्य चाहते थे कि मैं उर्दू-फारसी सीख लूँ, लेकिन वह मेरे वश की नहीं थी।’ इसलिए जब लेखिका को उर्दू पढ़ाने के लिए मौलवी साहब घर में आए तो वह चारपाई के नीचे छिप गई ।
प्रश्न 3. लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है ?
उत्तर लेखिका ने अपने माँ के हिन्दी-प्रेम और लेखन-गायन के शौक का उल्लेख किया है। वे हिन्दी तथा संस्कृत जानती थीं । महादेवी की माता धार्मिक स्वभाव की महिला थीं। वे पूजा-पाठ किया करती थीं। सबेरे ‘कृपानिधान पंछी बन बोले’ पद गाती थीं। शाम को मीरा के पद गाती थीं । वे लिखा भी करती थीं ।
प्रश्न 4. जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक सम्बन्ध को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा क्यों कहा?
उत्तर- जवारा के नवाब के साथ महादेवी वर्मा के पारिवारिक सम्बन्ध सगे-सम्बन्धियों से भी अधिक घनिष्ठ थे । जवारा की बेगम ने ही इनके भाई का नाम मनमोहन रखा । वे हर पर्व-त्योहार जन्मदिन मिल-जुलकर मनाती थीं । ऐसे आत्मीय सम्बन्धों के बारे में आज के समय में सोचा भी नहीं जा सकता। इसलिए आज इन दो धर्मों के बीच आपसी- पारिवारिक सम्बन्ध स्वप्न जैसे लगते हैं। रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 5. जेबुन्निसा महादेवी वर्मा के लिए बहुत काम करती थीं । जेबुन्निसा के स्थान पर यदि आप होतीं होते तो महादेवी से आपकी क्या अपेक्षा होती ?
उत्तर – जेबुन्निसा के स्थान पर अगर मैं महादेवी के लिए कुछ काम करती/करता, तो मैं उनसे कुछ अपेक्षाएँ अवश्य रखती / रखता । अगर मैं नौकरानी या नौकर के रूप में उनकी सहायता करती/करता तो उनसे मजदूरी के साथ प्यार और स्नेह भी चाहती/चाहता। उनकी कविता की तारीफ ‘करने वाली/वाला या घनिष्ठ दोस्त के रूप में सहायता करती/करता।
प्रश्न 6. महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में चाँदी का कटोरा मिला था । अनुमान लगाइए कि आपको इस तरह का कोई पुरस्कार मिला हो और वह देशहित में या किसी आपदा निवारण के काम में देना पड़े तो आप कैसा अनुभव करेंगे/करेंगी ?
उत्तर- यदि मेरे समक्ष देशहित का प्रश्न आता या किसी के संकट को दूर करने का सवाल आता तो मैं प्राप्त मूल्यवान पुरस्कार भेंट कर देती/देता । ऐसा दान करते समय मैं अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव करती/करता। वह जीत से भी अधिक जीत होती । यदि पुरस्कार मेरी प्रतिभा का प्रमाण पत्र होता, तो उसे त्यागना मेरी देशभक्ति या परोपकार भावना का प्रमाण होता ।
भाषा अध्ययन
प्रश्न 10, पाठ से निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए
विद्वान, अनंत, निरपराधी, दंड, शांति ।
उत्तर- विद्वान-विदुषी। अनंत अंत। निरपराधी-अपराधी । दंड- पुरस्कार। शांति-बेचैनी ।
प्रश्न 11. निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग / प्रत्यय अलग कीजिए और मूल शब्द लिखिए
निराहारी – निर् + आहार + ई
सांप्रदायिकता, अप्रसन्नता, अपनापन, किनारीदार, स्वतंत्रता ।
शब्द उपसर्ग प्रत्यय मूल शब्द
निराहारी निर् ई आहार
सांप्रदायिकता समं,प्र, इक,ता संप्रदाय
अप्रसन्नता अ ता प्रसन्न
अपनापन पन अपना
किनारीदार दार किनारी
स्वतंत्रता स्व ता तंत्र
प्रश्न 12. निम्नलिखित उपसर्ग-प्रत्ययों की सहायता स्व ता तंत्र दो-दो शब्द लिखिए उपसर्ग अन्, अ, सत्, स्व, दुर् – प्रत्यय दार, हार, वाला, अनीय
उत्तर उपसर्ग – अन् – अनभिज्ञ, अनमोल।
अ- अयोग्य, अपढ़
सत् – सत्संगति, सत्पथ।
स्व – स्वकर्म, स्वदेश।
दुर् – दुर्गम, दुर्लभ ।
प्रत्यय-दार हवादार, देनदार।
हार – राखनहार, पालनहार
वाला – ताँगेवाला, गाड़ीवाला।
अनीय – दर्शनीय, पूजनीय
प्रश्न 13. पाठ में आए सामासिक पद छाँटकर विग्रह कीजिए-
समस्त पद विग्रह समास
परमधाम परम है जो नाम बहुव्रीहि
कुलदेवी कुल की देवी तत्पुरुष
पहले पहल सबसे पहले। अव्ययीभाव
पंचतंत्र पंचतंत्रों का समाहार द्विगु
कृपानिधान कृपा के निधान तत्पुरुष
जेब खर्च जेब के लिए खर्च तत्पुरुष
छात्रावास छात्रों के लिए आवास तत्पुरुष
जन्मदिन जन्म का दिन तत्पुरुष
ताई चाची ताई और चाची द्वन्द्व
पूजा पाठ पूजा और पाठ द्वन्द्व