Ncert Solution for Class 9th Hindi Chapter 12 Megh Aae ( सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ) Questions pdf
इस पोस्ट में हमने NCERT Solutions for Class 9th Hindi Kshitij Chapter 12 Megh Aae सर्वेश्वर दयाल सक्सेना में हमने सम्पूर्ण अभ्यास प्रश्न को सरल भाषा में लिखा गया है। हमने Class 9th Hindi Kshitij Chapter 12 मेघ आए के Questions and Answer बताएं है। इसमें NCERT Class 9th Hindi Chapter 12 Notes लिखें है जो इसके नीचे दिए गए हैं।
1. | Class 9th All Subject Solution |
2. | Class 9th Hindi Solution |
3. | Class 9th Sanskrit Solution |
4. | Class 9th English Solution |
5. | Class 9th Science Solution |
6. | Class 9th Math Solution |
7. | Class 9th Social Science Solution |
प्रश्न 1. बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिश क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए
उत्तर बादलों के आने पर प्रकृति में निम्न गतिश क्रियाएँ हुई
- बयार नाचती गाती चलने लगी ।
- पेड़ झुककर उ लगे, मानो वे गरदन उचकाकर बादलों को निहार रहे
- आँधी चलने लगी और धूल उड़ने लगी ।
- नदी म बाँकी नजर उठाकर ठिठक गई ।
- पीपल का पेड़ शु लगा ।
- लताएँ पेड़ों की शाखाओं में छिप गई।
- तालाब वायु के प्रभाव से लहराने लगे ।
- क्षितिज बिजली चमकने लगी ।
- बादलों ने बरसना आरम्भ क दिया ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं धूल • पेड़ • नदी • लता • ताल ।
उत्तर:- धूल – यह घर में आयी हुई किसी चंचल स्त्री का प्रतीक है जो जाने-पहचाने से अतिथि के आने घबराकर भाग जाती है ।
पेड़ – पेड़ साधारण ग्रामीण व्यक्ति का प्रतीक है, – किसी शहरी दामाद के आने पर गर्दन उठा-उठाक
देखता है ।
नदी – नदी गाँव की युवती है, जो शह दामाद को आया देखकर रसमयी चितवन से उसे निहा हुए ठिठक जाती है ।
लता- नायिका है, जो बादल के देर से आने पर मान प्रकट कर है ।
ताल – ताल घर का अंतरंग सदस्य है, जो बादल स्वागत में मानो पानी की परात भर लाया है ।
प्रश्न 3. लता ने बादलरूपी मेहमान को किस तरह द और क्यों ?
उत्तर – लता ने बादलरूपी मेहमान को पेड़रूपी किव की ओट में छिपकर देखा, क्योंकि क्योंकि बादल दामाद थे। बहुत दिन बाद आए थे।
प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए
(क) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
(ख) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके ।
उत्तर (क) नायिका अपने नायक से क्षमा माँगते हुए
बोली – मुझे क्षमा करना । मैंने सोचा था कि तुम नहीं आओगे । परन्तु तुम्हारे आने से मेरे मन का संदेह मिट गया। प्रतीकार्थ असमंजस में पड़े ग्रामवासी कहने लगे हमें क्षमा करो । हमने सोचा था कि बादल नहीं बरसेगा । किन्तु हमारा यह भ्रम टूट गया ।
(ख) बादलों के आने पर नदी में लहरें उठने से कुछ रुकी-सी लगने लगी । उसका जल साफ-स्वच्छ दिखने लगा ।
प्रतीकार्थ मेहमान के आने पर गाँव की नववधुएँ बाँकी दृष्टि से उसे निहारने लगीं। वे अपने घूँघट खोल-खोलकर उसे देखने लगीं ।
प्रश्न 5. मेघरूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए ?
उत्तर – मेघरूपी मेहमान के आने से सुहानी हवा चलने लगी। पेड़ झुकने-उठने लगे । आँधी और धूल विदा होने लगीं । नदी बाँकी होकर बहने लगी । बूढ़े पीपल झुकने लगे । लताएँ पेड़ की ओट में छिपने लगीं । तालाब जल से भर उठे । आकाश में मेघ छा गए और वर्षा होने लगी। आशय यह है कि मेहमान (दामाद) के आने पर गाँव की कन्याएँ और युवतियाँ प्रसन्न हो उठीं । लोग अपने खिड़की-दरवाजे खोल-खोलकर उन्हें देखने लगे । आते-जाते लोग उन्हें गर्दन उठाकर देखने लगे । नवयुवतियों ने घूँघट उठाकर उन्हें निहारा । बूढ़े स्त्री-पुरुष विनम्रतापूर्वक उनका स्वागत करने लगे । अतिथि की प्रिया मान करने लगी । फिर अचानक वह क्षमा माँगने लगी । दोनों की आँखों से प्रेमाश्रु बह चले ।
प्रश्न 6. मेघों के लिए ‘बन-ठन के, सँवर के’ आने की बात क्यों कही गई है ?
उत्तर – मेघों के लिए बन-ठन के और सँवर के आने की बात इसलिए कही गई है क्योंकि उनके आने पर गाँववासियों के मनों में बिल्कुल वैसा ही उत्साह होता है, जैसा किसी सजे-सँवरे शहरी मेहमान के आने पर होता है । अतः मेघों के लिए सजे-सँवरे शहरी मेहमान का उपमान बिलकुल ठीक है ।
प्रश्न 7. कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए ।
उत्तर – मानवीकरण – मेघ आए बड़े बन-ठन के – सँवर के । आगे-आगे नाचती गाती बयार चली। पेड़ झुक झाँकने लगे, गरदन उचकाए। धूल भागी घाघरा उठाए। बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी। बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की ‘बरस बाद सुधि लीन्ही । हरसाया ताल लाया पानी परात भर के । बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की।
प्रश्न 8. कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए ।
उत्तर इस कविता में गाँव के किसी दामाद के आने पर छाए उत्साह का वर्णन हुआ है। गाँववासियों का उत्साह, खुशी और जिज्ञासा से मेहमान को देखना, बूढ़ी स्त्रियों का उनकी मंगलकामना करना ग्रामीण परंपरा है । मेहमान के आने पर उसके पैर धोने के लिए पानी की परात लाना भी परंपरा है। इससे गाँववासियों की अतिथि- सत्कार की भावना प्रकट होती है ।
प्रश्न 9. कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए ।
उत्तर मेघरूपी शहरी मेहमान के आते ही पूरा गाँव उत्साह से भर उठा । शीतल हवा नाचती गाती हुई मेहमान के आगे-आगे चलने लगी । सभी ग्रामवासियों ने अपने दरवाजे और खिड़कियाँ खोल दिए, ताकि वे मेहमान के दर्शन कर सकें । पेड़ उचक-उचककर मेहमान को देखने लगे । आँधी और धूल अब अपना गुजारा न देखकर दौड़ चली । नदी तिरछे नयनों से मेघ की सज-धज को देखकर हैरान हो गई । गाँव के पुराने पीपल ने भी मानो झुककर नमस्ते की । आँगन की लता संकोच के कारण दरवाजे के पीछे छिप गई और बोली-तुमने तो बरसों बाद हमारी खबर ली है । गाँव का तालाब मेहमान के स्वागत में पानी की परात भर लाया । क्षितिजरूपी अटारी लोगों से भर गई । बिजली भी चमकने लगी । इस प्रकार पूरा गाँव उत्साह है उठा।
प्रश्न 10. काव्य-सौंदर्य लिखिए
आनंदित हो उठा ।
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के ।
उत्तर:- मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के ।
उत्तर -इसमें बादलों के सौंदर्य को अत्यंत मनोहर ढंग से व्यक्त किया गया है । बादल के लिए सजे-धजे शहरी दामाद का उपमान अति सुंदर कल्पना है । उत्प्रेक्षा अलंकार । मानवीकरण अलंकार-मेघ आए, बड़े बन-ठन के सँवर के । अनुप्रास ‘बड़े बन-ठन के’ ।
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