NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 5 यह दंतुरित मुसकान और फसल हिंदी क्षितिज भाग 2
हम आपके लिए NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 5 – यह दंतुरित मुसकान / फसल हिंदी क्षितिज Book के प्रश्न उत्तर लेकर आए हैं। यह आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आप जान सकते हैं कि इस पाठ का विषय क्या है। इसे पढ़कर आपको को मदद मिलेगी ताकि वे / Fasal Summary of NCERT solutions for Class 10th Hindi Kshitij Chapter 5.
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प्रश्न 1. बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर- बच्चे को दंतुरित मुसकान कवि के उदास हृदयको उत्तर और प्रसन्नता से भर देती है। उसे शिशु के पूल-धूसरित अंग उसकी कुटिया में खिल उठे कमल के फूल है। उसे लगता है कि शिशु की मुसकान पत्थर जैसे कदर हृदय को भी दवित कर सकती है। उसके बांस और मूल जैसे नीरस जीवन में प्रफुल्लता और कोमल पालिकेने लगते हैं।
प्रश्न 2. बच्चे की मुसकान और एक बड़े व्यक्ति को मकान में क्या अन्तर है? (CBSE 2012, 2017)
उत्तर- बच्चे को मुसकान प्रकृति प्रेरित होती है। बच्चा पूर्वक नहीं । उसको मुसकान में भोलापन निरछलता और सहजता होती है, जबकि नई व्यक्ति की मुसकान सकारण होती है। वह बरा है। पूर्ण व्यमय और स्वायं प्रेरित हो सकती है। इसमें बच्चों दी सहजता नहीं होती । यह लोक व्यवहार से प्रेरित होती है।
प्रश्न 3. कवि ने बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य को किन-किन वियों के माध्यम से व्यक्त किया है ? CBSE 2012)
उत्तर- काय ने निम्नलिखित किमों के माध्यम से बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य को व्शत किया है –
(क) बच्चे की मुसकान निर्दोष में प्राणों का संचार कर सकती है।
(ख) मुसकान मुक्त शिशु के गाल खिले हुए कमलों जैसे प्रतीत होते हैं।
(ग) मुस्करा शिशु का स्पर्श पत्र को भी चित कर देने वाला होता है।
(घ) मुस्कराते शिशु के रोमांचकारी स्पर्श से कवि के बॉस और बबूल जैसे नौरस और उदास हृदय के पुष्पों जैसी कोमलता झर रही है।
प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात।
(ख) छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेपालिका के फूल । किकूल?
उत्तर- (क) कमल के पुष्पों से शरीर के सुंदर अंगों की तुलना की जाती है। शिशु के मुस्कराते मुख और उसके धूसरित कोमल अंगों को देखकर कवि का मन इतना उत्तसित है कि उसे लग रहा है मानो कमल तालाब को छोड़कर उसकी झोपड़ी में खिल रहे हैं।
(ख) निरंतर घर से बाहर रहने के कारण कवि के जीवन में उपेक्षा और उदासीनता आ गई थी उसे अपना जीवन बाँ और बबूल जैसा रूखा और आनन्दविहीन लगता था लेकिन शिशु पुत्र के कोमल अंगों के स्पर्श ने उसे रोमांचित कर दिया । उसे लगा जैसे उसके बल और माँ जैसे अन्तर्मन में शेफालिका के कोमल फूल झर रहे हैं।
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 5. मुसकान और क्रोध भिन्न-भिन्न भाव है। इनकी उपस्थिति से बने वातावरण की भिन्नता का चित्रण कीजिए।
उत्तर- व्यक्ति के मुख पर मुसकान तभी आती है जब उसका मन प्रसन्न होता है। मुसकान से एक हल्का, मधुर औ प्रसन्नतामय वातावरण बनता है। मुस्कराते मनुष्य का साथ पाकर दूसरा व्यक्ति भी प्रसन्न होकर मुस्कराता है। इसके विपरीत क्रोध वातावरण को अशांत और उत्तेजनापूर्ण बनाता है। क्रोधी व्यक्ति की कठोर अपशब्दपूर्ण वा उसके हाव-भाव और चेष्टाएँ वातावरण में विरोध और संघर्ष पैदा कर देती है। वह स्वयं दुःखी होता है और दूसरे को कुत दुःखी करता है।
प्रश्न 6. दंतुरित मुसकान से बच्चे की उम्र का अनुमान लगाइए और तर्क सहित उत्तर दीजिए ।
उत्तर दंतुरित मुसकान से स्पष्ट है कि अभी शिरा के दाँत निकलना आरम्भ हुए हैं। अतः उसकी आयु छह से आम होने से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसी अवस्था में ही शिशु के दाँत निकलना प्रारम्भ होते हैं।
प्रश्न 7. बच्चे से कवि की मुलाकात का जो शब्द-चित्र उपस्थित हुआ है, उसे अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर- कवि शिशु की नन्हे-नन्हे नए दौड़ों वाली मुसकान को देखकर मुग्ध हो गया। उसके लिए यह एक सर्वधा नया नुभव था । उसे लगा कि उस भोली मुसकान ने उसके निर्जीव से बन चुके जीवन में नए प्राण डाल दिए हैं। शिशु की , सुन्दर मुख और कोमल अंगों को देख कवि को लगा कि उसकी झोंपड़ी में कमल खिल रहे हैं।
शिशु के रोमांचकारी स्पर्श ने कवि के बाँस और बबूल जैसे बन गए मन में शेफालिका के फूलों जैसी कोमलता पैदा कर । प्रथम बार मिलने के कारण शिशु कवि को पहचान नहीं पा रहा था । वह उसे एकटक देखे जा रहा था। शिशु की माँ से कवि से परिचित कराया । शिशु पहले कवि को कनखियों से देखने लगा और फिर आँखें मिलते ही मुस्कुरा उठा ।
फसल कविता
प्रश्न 1. कवि के अनुसार फसल क्या है ? (CBSE 2012)
उत्तर- कवि के अनुसार फसल प्रकृति तथा मनुष्य के अम का परिणाम है। किसानो सायक बनाता है। यह उसमें फसल उगाता है। पौधों को खाद और पानी देता है। मिट्टी जिसमें कमल उसी है, पानी धूप और प्रकृति को देन है। फसल बोने के लिए भूमि जरूरी है। पौधों के उगने और बड़ने के लिए पानी भी चाहिए। तथा धूप फसल के उगने बड़ने तथा पकने में सहायता देते हैं। इनमें से किसी एक भी तत्व के अभाव में तथा बड़ नहीं सकता
प्रश्न 2. कविता में फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्वों की बात कही गई है। ये आवश्यक तत्व कौन-कौन से हैं? (CBSE 2008, 2009)
उत्तर- फसल उगाने के लिए आवश्यक तत्व है-
(क) उपजाऊ मिट्टी
(ख) उदियों का जाल
(ग) सूर्य का प्रकाश
(घ) मंद-मंद बहती हवा तथा मनुष्य का परिश्रम
प्रश्न 3. फसल को हाथों के स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहकर कवि क्या व्यक्त करना चाहता है ? (CBSE 2019)
उत्तर- कवि ने किसानों के हाथों द्वारा किए जाने वाले परिश्रम का परिणाम हो को माना है श्रम की महिमा और गरिमा का प्रतीक है। सारे प्राकृतिक तत्वों के रहते हुए भी किमान के अम के बिना फल नहीं तैयार हो सकती। उसके हाथ के स्पर्श की महिमा हो उसे फसल का रूप प्रदान करती है। किसान द्वारा देखभाल के बिना पेड़-पौधों का जंगल तो पैदा हो सकता है परन्तु फसल नहीं।
प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए-
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का।
उत्तर- कवि का कहना है कि सूर्य का प्रकाश भी पौधों के लिए अत्यन्त आवश्यक होता है। सूरज की किरणों की आप करके पौधा होता है। इसी प्रकार निरंतर गतिशील रहने वाली हवा भी अपने नाइट्रोजन आदि तत्वों के रूप में पौधों में सिमटकर समाई रहती है। दोनों प्राकृतिक तत्थ हो हुए पौधों के रूप में दिखाई देते हैं ।