Sanskrit Dhara VahiniSanskrit Dhara VahiniSanskrit Dhara Vahini
Notification Show More
Font ResizerAa
  • Home
  • Class 12
  • Class 11
  • Class 10
  • Class 9
  • Class 8
  • Class 7
  • Class 6
  • Class 1-5
  • Grammar
    • Hindi Grammar
    • English Grammar
    • Sanskrit Vyakaran
  • Free Notes
Reading: NCERT Solutions Class 11th: Aroh Chapter 4 विदाई संभाषण Questions Answers
Share
Sanskrit Dhara VahiniSanskrit Dhara Vahini
Font ResizerAa
  • Home
  • Class 12
  • Class 11
  • Class 10
  • Class 9
  • Class 8
  • Class 7
  • Class 6
  • Class 1-5
  • Grammar
  • Free Notes
Search Class notes, paper ,important question..
  • Classes
    • Class 12
    • Class 11
    • Class 10
    • Class 9
    • Class 8
  • Grammar
    • English Grammar
    • Hindi Vyakaran
    • Sanskrit Vyakaran
  • Latest News
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Sanskrit Dhara Vahini > Class 11 > Class 11 Hindi > Class 11 Hindi Aroh-Vitan > NCERT Solutions Class 11th: Aroh Chapter 4 विदाई संभाषण Questions Answers
Class 11Class 11 HindiClass 11 Hindi Aroh-Vitan

NCERT Solutions Class 11th: Aroh Chapter 4 विदाई संभाषण Questions Answers

Share
17 Min Read
SHARE

इस पोस्ट में हम आपके लिए NCERT Class 11 Hindi Aroh  Book के Chapter 4 विदाई संभाषण का पाठ सार लेकर आए हैं। यह सारांश आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आप जान सकते हैं कि इस कहानी का विषय क्या है। इसे पढ़कर आपको को मदद मिलेगी ताकि वे इस कहानी के बारे में अच्छी तरह से समझ सकें। इसके अलावा आप इस कहानी के अभ्यास प्रश्न भी पढ सकते हो। Vidai Sambhashan Summary of NCERT Class 11 Hindi Aroh Chapter 4.  vidai sambhashan question answer

Class11th
SubjectHindi
BookNCERT
Chapter4
Chapter Nameविदाई संभाषण
विदाई संभाषण
NCERT Solutions for Class 11th Chapter 4 विदाई संभाषण

NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 4 विदाई संभाषण आरोह-भाग 1 हिंदी Questions Answers || vidai sambhashan question answer

पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठ के साथ प्रश्न 1. शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है ? 

उत्तर- इसके माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है कि भारत के लोग विदाई के समय दुःख अनुभव करते हैं। भले ही वे आपस में लड़ते-झगड़ते रहे हो, किन्तु उन्हें अपने साथी से बिछुड़ने का गम होता है। लॉर्ड कर्जन और भारतवासियों को शिवशंभु की दो गायों का प्रतीक मानकर यदि देखें तो इनमें लॉर्ड कर्जन बलशाली गाय है और भारतवासी दुर्बल गाय है। आज शक्तिशाली गाय (लॉर्ड कर्जन) उनसे बिछुड़ रही है इसलिए कमजोर गाय (भारतवासी) दुःखी है, भले ही लॉर्ड कर्जन की रीति-नीति उन्हें नापसन्द रही हो।

प्रश्न 2. आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने जरा भी ध्यान नहीं दिया- यहाँ किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है ?

उत्तर – यहाँ लेखक ने बंग-भंग की उस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया है जिसके चलते लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन दो भागों पश्चिम बंगाल, पूर्वी बंगाल (वर्तमान में बांग्लादेश) के रूप में कर दिया। बंगाल की आठ करोड़ जनता ने इसका पुरजोर विरोध किया, किन्तु लॉर्ड कर्जन ने जनता की बात पर जरा भी ध्यान नहीं दिया। पूरे भारत में इसका विरोध हुआ और इस घटना से स्वतन्त्रता आन्दोलन में तीव्रता का संचार हुआ।

प्रश्न 3. कर्जन को इस्तीफा क्यों देना पड़ गया ?

उत्तर- लॉर्ड कर्जन के इस्तीफे के दो प्रमुख कारण थे-

1. बंग-भंग योजना को मनमाने ढंग से लागू करने के कारण पूरे भारत में उसके विरुद्ध आन्दोलन छिड़ गया जिसने कर्जन की जड़ें हिला दीं। वह इंग्लैण्ड वापस जाने के बहाने ढूंढने लगा।

2. लॉर्ड कर्जन एक फौजी अफसर को अपनी इच्छा से नियुक्त कराना चाहता था। उसकी सिफारिश को ब्रिटिश सरकार ने नहीं माना, अतः क्षुब्ध होकर उसने भारत के वायसराय पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया।

प्रश्न 4. बिचारिए तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और अब क्या हो गई! कितने ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे ! आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- लेखक लॉर्ड कर्जन से यह कहना चाहता है कि आप जरा विचार करें कि भारत में आपकी क्या आन-बान और शान थी। दिल्ली दरबार में आपकी और आपकी पत्नी की कुर्सी सोने की थी, आपका हाथी जुलूस में सबसे आगे था। उसका हौदा, चंवर, छत्र सबसे ऊँचा था, सम्राट एडवर्ड के उपरान्त आपको ही भारत में यह सम्मान प्राप्त था।

इस देश के धनी-मानी राजा-रईस आपके आगे हाथ बाँधे फिरते रहते थे। आप जिसे चाहें मिट्टी में मिला सकते थे और तुच्छ नाचीज को बड़े-से-बड़े पद पर बिठा सकते थे, किन्तु आज आपकी यह दशा हो गई है कि आपके कहने से एक फौजी अफसर भी ब्रिटिश सरकार ने नियुक्त नहीं किया और क्षुब्ध होकर जब आपने इस्तीफा दे दिया तो उसे स्वीकार कर लिया गया।

प्रश्न 5. आपके और यहाँ के निवासियों के बीच कोई तीसरी शक्ति और भी है यहाँ तीसरी शक्ति किसे कहा गया है ?

उत्तर- तीसरी शक्ति से लेखक का तात्पर्य ईश्वर से है जिसकी लीला बड़ी विचित्र है। लॉर्ड कर्जन ने त्यागपत्र की धमकी देकर जो लीला (नाटक) की उसे ब्रिटिश सरकार ने स्वीकार न करके उन्हें पदविहीन कर दिया। यह ईश्वर की लीला ही थी जिसका अनुमान वायसराय नहीं लगा सके। लेखक यह कहना चाहता है। कि ईश्वर की लीला बड़ी विचित्र होती है। संसार के सारे क्रिया-कलाप उस तीसरी शक्ति (ईश्वर) की इच्छा से ही सम्पन्न होते हैं।

पाठ के आस-पास

प्रश्न 1. पाठ का यह अंश ‘शिवशंभु के चिट्ठे’ से लिया गया है। शिवशंभु नाम की चर्चा इस पाठ में भी हुई है। बालमुकुंद गुप्त ने इस नाम का उपयोग क्यों किया होगा ?

उत्तर- जब यह लेख लिखा गया था उस समय देश पर अंग्रेजों का शासन था। अतः अंग्रेज सरकार या उसके किसी बड़े अधिकारी के खिलाफ सीधे-सीधे ढंग से कुछ लिख पाना सम्भव न था। प्रेस पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया जाता था। अतः लेखक ने अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए ‘शिवशंभु’ नामक एक पात्र की कल्पना की जो भांग के नशे में खरी-खरी बातें कहने के लिए प्रसिद्ध था। भारतीयों की बेबसी, लाचारी का चित्रण करने के लिए लेखक ने ‘शिवशंभु’ नामक पात्र की कल्पना की। इस पात्र के माध्यम से व्यंग्य करते हुई अंग्रेज सरकार की जो बखिया लेखक ने उधेड़ी है, वह सामान्यतः सम्भव न थी।

प्रश्न 2. नादिर से भी बढ़कर आपकी जिद्द है-कर्जन के संदर्भ में क्या आपको यह बात सही लगती है ? पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।

उत्तर- नादिरशाह एक अत्याचारी एवं जिद्दी शासक था। इसलिए लोग उसे तानाशाह कहते थे। लॉर्ड कर्जन की जिद्द भी नादिरशाह से बढ़कर ही थी। उन्होंने जब बंग-भंग का निश्चय कर लिया तो फिर भारतीय जनता के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया और अन्ततः बंगाल को दो टुकड़ों में बाँट ही दिया गया। निश्चय ही मुझे यह बात सही लगती है कि लॉर्ड कर्जन नादिरशाह से भी बढ़कर जिद्दी थे।

प्रश्न 3. क्या आँख बन्द करके मनमाने हुक्म चलाना और किसी की कुछ न सुनने का नाम ही शासन है ? इन पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए शासन क्या है ? इस पर चर्चा कीजिए।

उत्तर- शासक का कार्य आँख बन्द करके प्रजा पर मनमाने हुक्म चलाना नहीं है। उसे प्रजा की बातों पर भी ध्यान देना चाहिए। प्रजा के अनुरोध को देखते हुए उसे अपने निर्णयों में आवश्यक बदलाव भी करने चाहिए। तभी शासक की लोकप्रियता बढ़ती है। जो शासक शासन व्यवस्था में प्रजा को भागीदार नहीं बनाता और मनमाने निर्णय करता है, प्रजा उस शासक से सन्तुष्ट नहीं रहती। शासन में शासक की इच्छा नहीं अपितु प्रजा की इच्छा सर्वोपरि रहनी चाहिए। किन्तु लॉर्ड कर्जन ने अपने वायसराय काल में प्रजा की इच्छा की अवहेलना की इसलिए उनका शासन अच्छा शासन नहीं कहा जा सकता।

भाषा की बात

प्रश्न 1. वे दिन-रात यही मनाते थे कि जल्द श्रीमान् यहाँ से पधारें। सामान्य तौर पर आने के लिए पधारें शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ पधारें शब्द का क्या अर्थ है ?

उत्तर- सामान्यतः पधारे शब्द का प्रयोग आने के लिए किया जाता है, किन्तु उपर्युक्त प्रश्न में दिए वाक्य में ‘पधारे’ का प्रयोग जाने के अर्थ में किया गया है।

प्रश्न 2. पाठ में से कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं, जिनमें भाषा का विशिष्ट प्रयोग (भारतेंदु युगीन हिन्दी) हुआ है। उन्हें सामान्य हिन्दी में लिखिए।

(क) आगे भी इस देश में जो प्रधान शासक आए, अंत में उनको जाना पड़ा।

(ख) आप किस को आए थे ? और क्या कर चले ? (ग) उनका रखाया एक आदमी नौकर न रखा। 

(घ) पर आशीर्वाद करता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर से लाभ करे।

उत्तर- सामान्य हिन्दी में प्रश्न में दिए गए वाक्यों को इस प्रकार लिखा जाएगा-

(क) पहले भी इस देश में जो प्रधान शासक आए, अन्त में उन्हें जाना पड़ा।

(ख) आप किसलिए आए थे और क्या कर चले ?

(ग) उनके द्वारा रखे गए एक आदमी तक को नौकर नहीं रखा। (घ) पर शुभेच्छा करता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव एवं यश को फिर से प्राप्त करे।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. किसके दूसरी बार आने से भारतवासी प्रसन्न न थे ? और क्या चाहते थे ? 

उत्तर- लॉर्ड कर्जन दूसरी बार भारत का वायसराय बनकर आने से भारतवासी प्रसन्न नहीं थे। लॉर्ड कर्जन ने अपने प्रथम वायसराय काल में भारतवासियों को बहुत अपमानित और दुःखी किया था। इसी कारण वे कर्जन के दोबारा आने से प्रसन्न नहीं थे।

2. किसके जाने पर हर्ष की जगह विषाद हो रहा है ? और क्यों ?

उत्तर भारत को अहंकारी एवं जिद्दी वायसराय से छुटकारा मिल रहा था, इसलिए भारतीयों को हर्ष होना चाहिए था, पर विदा के समय लोगों को विषाद (दुःख) होना स्वाभाविक है। इसीलिए लॉर्ड कर्जन की विदाई के अवसर पर भारतवासी हर्ष के स्थान पर विषाद का अनुभव कर रहे हैं।

प्रश्न 3. बिछुड़ने का समय कैसा होता है ? इसकी और क्या विशेषताएँ अवतरण में बताई गई हैं ?

उत्तर विदाई का समय करुणा उत्पन्न करता है, साथ ही यह मन को निर्मल और कोमल बना देता है। व्यक्ति अपने समस्त बैर-भाव को भुलाकर शान्त रस का अनुभव करते हैं, इसी का उल्लेख यहाँ किया गया है।

प्रश्न 4. कब बैर भाव छूटकर शान्त रस का आविर्भाव होता है-?

उत्तर विदाई की बेला पर लोग अपने शत्रुओं से भी बैर-भाव भूलकर शान्त रस का अनुभव करते हैं। शत्रु की विदाई भी दुःख उत्पन्न करती है इसी का उल्लेख लेखक यहाँ कर रहा है।

प्रश्न 5. किसके शासन को यहाँ दुःखान्त कहा गया है ? और क्यों?

उत्तर- लॉर्ड कर्जन के शासन को दुखांत कहा गया है। क्योंकि जिस प्रकार अपमानित होकर उन्हें यहाँ से जाना पड़ा है, इसकी कल्पना भी उन्होंने न की थी। उनका सारा घमण्ड चूर-चूर हो गया।

प्रश्न 6. लेखक लॉर्ड कर्जन से क्या अपेक्षा करता है ?

उत्तर-लेखक लॉर्ड कर्जन से यह अपेक्षा करता है कि वह यहाँ से विदा होते समय अपने दोषों को स्वीकार करें और भारत के हित की कामना करे।

प्रश्न 7. लॉर्ड कर्जन ने भारत के साथ क्या किया ? इस अवतरण के आधार पर उत्तर दीजिए।

उत्तर लॉर्ड कर्जन ने भारत से हर प्रकार का लाभ उठाया और इसकी बदौलत वह शान देखी जो इस जीवन में असम्भव थी। किन्तु उन्होंने अपने क्रिया-कलापों से भारत को बिगाड़ने में कोई कमी न छोड़ी। भारत की भलाई की इच्छा रंच मात्र भी उनके मन में न थी।

प्रश्न 8. भारत के लोग कब लॉर्ड कर्जन को माफ कर सकेंगे ?

उत्तर यदि अपनी गलतियाँ स्वीकार करते हुए यहाँ से विदा लेते समय लॉर्ड कर्जन भारत के कल्याण की कामना करे तो भारत के लोग उसे माफ कर सकते हैं।

प्रश्न 9. ‘पर इतनी उदारता माइ लॉर्ड में कहाँ’ से लेखक क्या कहना चाहता है ?

उत्तर लेखक जानता है कि लॉर्ड कर्जन में इतनी उदारता नहीं है कि वह अपनी गलतियाँ मान ले और भारत के प्रति यह शुभेच्छा करे कि यह अपने खोए हुए गौरव एवं गरिमा को पुनः प्राप्त करे लेकिन लॉर्ड कर्जन जैसे अहंकारी व्यक्ति से लेखक को ऐसी आशा नहीं है।

बोधात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. लॉर्ड कर्जन का वायसराय के रूप में कार्यकाल क्या था ?

उत्तर- भारत में ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त वायसराय लॉर्ड कर्जन का पहला कार्यकाल 1899 से 1904 ई. था। दूसरी बार 1904 में वे फिर दूसरे कार्यकाल (1904 से 1909 ई.) के लिए वायसराय नियुक्त किए गए, किन्तु उन्होंने 1905 में त्याग-पत्र दे दिया। इस प्रकार भारत के वायसराय के रूप में लॉर्ड कर्जन का कार्यकाल 1899 से 1905 ई. तक रहा।

प्रश्न 2. नर सुल्तान कौन था ? उससे सम्बन्धित कौन-सी बात ‘लोकगीतों’ में आज भी गाई जाती है ?

उत्तर- नर सुल्तान एक राजकुमार था, जिसने मुसीबत के समय नरवरगढ़ में शरण ली और वहाँ चौकीदार से लेकर उच्चाधिकारी के रूप में काम किया। जब वह वहाँ से विदा हुआ तब उसने नरवरगढ़ की भूमि एवं जनता के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए अपना प्रणाम निवेदित किया, इसीलिए लोकगीतों में आज भी नर सुल्तान का गुणगान किया जाता है।

प्रश्न 3. विदाई के अवसर पर लेखक लॉर्ड कर्जन से क्या सुनना चाहता है ?

उत्तर- विदाई के अवसर पर लेखक लॉर्ड कर्जन के मुख से वास्तविकता सुनना चाहता है। वह चाहता है कि जाते समय वायसराय महोदय यह सच स्वीकार करें कि मैंने सदैव भारत का बुरा किया। यहाँ की जनता की बात नहीं मानी। यह स्वीकारोक्ति करने के साथ यदि वे भारत के प्रति अपनी शुभेच्छा व्यक्त करें कि वह अपने खोए गौरव और यश को पुनः प्राप्त करे तो भारतवासी उदारता का परिचय देते हुए लॉर्ड कर्जन की सभी गलतियों को माफ कर सकते हैं। पर वह जानता है कि लॉर्ड साहब यह कभी नहीं करेंगे। क्योकि वे अकृतज्ञ एवं जिद्दी स्वभाव के हैं।

प्रश्न 4. लॉर्ड कर्जन द्वारा किए गए भारत-विरोधी कार्य कौन-कौन से हैं? जिनका उल्लेख इस पाठ में है। 

उत्तर- 1. भारत की जनता की इच्छा के विरुद्ध बंगाल का विभाजन करना। 

2. भारतीय शिक्षा प्रणाली को तहस-नहस कर देना।

3.भारतीयों की स्वाधीनता पर गैर-कानूनी तरीकों से अंकुश लगाना। 

4.भारतीयों की इच्छा के विरुद्ध मनमाना शासन करना और प्रजा के अनुरोध को कभी भी स्वीकार न करना। 

प्रश्न 5. भारतीय जनता के किस स्वभाव की चर्चा पाठ में हुई है ? 

उत्तर- भारत की जनता उदार, सहनशील, कृतज्ञ, करुणावान, क्षमाशील एवं उच्च आदर्शों वाली है। भारतीय अत्याचारों को चुपचाप भले ही सहन कर लें, किन्तु वे ईश्वर पर विश्वास करते हैं। भारत के लोग अपने शासकों के प्रति श्रद्धा रखते हैं। यदि कोई शासक सद्व्यवहार दिखाता है तो वे उसकी बड़ी से बड़ी भूल को भी क्षमा कर देते हैं।

👉 इन्हें भी पढ़ें

  • नमक का दारोगा पाठ 1 सोल्यूशन
  • मियां नसीरुद्दीन पाठ 2 सोल्यूशन
  • अपू के साथ ढाई साल पाठ 3 सोल्यूशन

You Might Also Like

NCERT Class 11 Chapter 3 अपू के साथ ढाई साल Question Answer

NCERT Solutions for Class 11th: Hindi lesson 7 जामुन का पेड़ (Jamun ka ped)

Class 11 Hindi Aroh Chapter 1 नमक का दारोगा (Namak Ka Daroga )

NCERT Solutions for Class 11th: Hindi Chapter 8 भारत माता (Bharat Mata)

NCERT Solutions Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 मियां नसीरुद्दीन

TAGGED:Class 11 Hindi Aroh Chapter 4 विदाई संभाषण Questions and AnswerClass 11 Hindi chapter 4 pdfClass 11 Hindi chapter 4 Questions and AnswerNCERT Solutions Class 11th: Aroh Chapter 4 विदाई संभाषण Questions Answersvidai sambhashan question answerविदाई संभाषण Class 11th: Hindi Aroh Chapter 4 Questions Answersविदाई संभाषण कक्षा 11 हिंदीविदाई संभाषण पाठ 4 का सारांशविदाई संभाषण पाठ 4 प्रश्न उत्तर
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp LinkedIn Telegram Email Copy Link
Previous Article Class 7 Hindi NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant
Next Article NCERT Solutions for Class 11th: पाठ-5 गलता लोहा हिंदी

Follow US

Find US on Social Medias
2.7k Like
547 Follow
1.9k Subscribe
1.2k Follow
Also Read
RRB NTPC Admit Card 2025

RRB NTPC Admit Card 2025: Sarkari Result Link, Release Date, Official Download & CBT 1 Details

RBSE Class 10 download 5 years old paper
राजस्थान बोर्ड कक्षा 11वी की अर्धवार्षिक परीक्षा का टाइम टेबल जारी 2024, RBSE 11th Class Time Table 2024: यहां से डाउनलोड करें
RBSE Class 11th Time Table Download 2024,जिलेवार कक्षा 11वीं वार्षिक परीक्षा समय सारणी डाउनलोड करें-
NEET MDS Results 2024 Download Check scorecard, नीट एमडीएस का रिजल्ट इस तारीख को होगा जारी

Find Us on Socials

Follow US
© SanskritDharaVahni. All Rights Reserved.
  • Home
  • NCERT Books
  • Half Yearly Exam
  • Syllabus
  • Web Story
  • Latest News
adbanner
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account