पा/पिब् धातु रुप || Paa, Pib Dhatu Roop in Sanskrit
इस पोस्ट में पा/पिब् धातु रुप संस्कृत में दिए गए हैं, धातु (क्रिया) दो प्रकार की होती है 1 परस्मैपदी और आत्मनेपदी इन दोनों के रूप अलग अलग चलते हैं। काल और अवस्था को संस्कृत भाषा में लकार कहते हैं। यहां पांचों लकार में पा (पिब्) धातु रुप (Paa Dhatu Roop Sanskrit Main) दिए हैं। जो इन प्रकार नीचे दिए गए हैं
पा (पिब्) धातु लट् लकार: (वर्तमान काल)
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमषुरुष: | पिबति | पिबत: | पिबन्ति |
मध्यमपुरुष: | पिबसि | पिबथ: | पिबथ |
उत्तमपुरुष: | पिबामि | पिबाव: | पिबाम: |
पा (पिब्) धातु लृट् लकार: (भविष्यकाल)
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमषुरुष: | पास्यति | पास्यत: | पास्यन्ति |
मध्यमपुरुष: | पास्यसि | पास्यथ: | पास्यथ |
उत्तमपुरुष: | पास्यामि | पास्याव: | पास्याम: |
पा (पिब्) धातु लड़् लकार: (भूतकाल)
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमषुरुष: | अपिबत् | अपिबताम् | अपिबन् |
मध्यमपुरुष: | अपिब: | अपिबतम् | अपिबत |
उत्तमपुरुष: | अपिबम् | अपिबाव | अपिबाम |
पा (पिब्) धातु लोट् लकार: (आज्ञार्थक)
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमषुरुष: | पिबतु | पिबताम् | पिबन्तु |
मध्यमपुरुष: | पिब | पिबतम् | पिबत |
उत्तमपुरुष: | पिबानि | पिबाव | पिबाम |
पा (पिब्) धातु विधिलिड़् लकार: (चाहिए के अर्थ में)
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमषुरुष: | पिबेत् | पिबेताम् | पिबेयु: |
मध्यमपुरुष: | पिबे: | पिबेतम् | पिबेत |
उत्तमपुरुष: | पिबेयम् | पिबेव | पिबेम |