Mil Dhatu ke Roop In Sanskrit || मिल् धातु रुप || संस्कृत में मिल् धातु रुप || All Lakar
Mil Dhatu ke Roop:- मिल् धातु के उपयोग से संस्कृत भाषा में व्याकरणिक नियमों का पालन किया जाता है और वाक्य संरचना को सुगम बनाया जाता है। इसका सही उपयोग करके, व्यक्ति अपने विचारों और अभिव्यक्तियों को सही ढंग से साझा कर सकता है, जिससे संवाद का स्वरूप सुधारता है और सामाजिक संबंधों में संरचना आती है।
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परिभाषा-क्रिया का निर्माण जिससे होता है, उसके मूल रूप को संस्कृत में ‘धातु’ कहा जाता है। जैसे पठ् या लिख धातु है और इनसे पठति, लिखतु आदि क्रियापद बनते हैं। संस्कृत में दस लकार होते हैं।पाठ्यक्रम में पाँच लकार निर्धारित हैं, जिनका परिचय इस प्रकार है-
- लट् लकार-वर्तमान काल की क्रिया में लट् लकार आता है। अर्थात् जिस क्रिया से वर्तमान काल का बोध होता है, उसमें लट् लकार आता है। जैसे-छात्रः पठति, त्वं लिखसि, आवां क्रीडावः आदि।
- लोट् लकार-आज्ञा काल या आज्ञा देने के अर्थ में क्रिया के रूप लोट् लकार में चलते हैं। जैसे सः पठतु, त्वम्, पठ, अहं पठानि आदि।
- लङ् लकार-भूतकाल के लिए यह लकार आता है। इसमें धातु से पहले सर्वत्र ‘अ’ जुड़कर क्रिया-पद बनता है। जैसे-अपठत्, अपठः आदि।
- विधिलिङ् लकार-‘चाहिए’ अर्थ में, प्रार्थना या निवेदन करने के अर्थ में विधिलिङ् लकार प्रयुक्त होता है।
- लुट् लकार-भविष्यत् काल की क्रिया में लुट् लकार आता है। इसमें सेट् धातुओं में ‘स्य’ तथा अनिट् धातुओं में ‘इस्य’ लगता है। जैसे-पठिष्यति, भविष्यति, दास्यामि, वक्ष्यसि आदि।
लकार के पुरुष-प्रत्येक लकार के तीन पुरुष होते हैं-
(1) प्रथम पुरुष या अन्य पुरुष,
(2) मध्यम पुरुष और
(3) उत्तम पुरुष
मिल् धातु लट् लकार-वर्तमान काल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | मिलति | मिलत: | मिलन्ति |
मध्यम पुरुष: | मिलसि | मिलथ: | मिलथ |
उत्तम पुरुष: | मिलामि | मिलाव: | मिलाम: |
मिल् धातु रुप लृट् लकार-भविष्यत् काल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | मेलिष्यति | मेलिष्यत: | मेलिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष: | मेलिष्यसि | मेलिष्यथ: | मेलिष्यथ |
उत्तम पुरुष: | मेलिष्यामि | मेलिष्याव: | मेलिष्याम: |
मिल् धातु रुप लङ् लकार-भूतकाल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | अमिलत् | अमिलताम् | अमिलन् |
मध्यम पुरुष: | अमिल: | अमितम् | अमिलत |
उत्तम पुरुष: | अमिलम् | अमिलाव | अमिलाम |
मिल् धातु रुप लोट् लकार-आज्ञा काल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | मिलतु | मिलताम् | मिलन्तु |
मध्यम पुरुष: | मिल | मिलताम् | मिलत |
उत्तम पुरुष: | मिलानि | मिलाव | मिलाम |
मिल् धातु रुप विधिलिङ् लकार-‘चाहिए’ अर्थ में
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | मिलेत् | मिलेताम् | मिलेयु: |
मध्यम पुरुष: | मिले: | मिलेतम् | मिलेत |
उत्तम पुरुष: | मिलेयम् | मिलेव | मिलेम |
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