Rbse Class 12 Hindi Aniwaray Bhasha | कक्षा 12 हिंदी व्याकरण भाषा
Rbse Class 12 Hindi Bhasha Vayakarn भाषा
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसने अपनी मनोभावनाओं और विचारों को व्यक्त करने के लिए ध्वनि पर आधारित जो माध्यम विकसित किया है उसे ‘भाषा’ कहते हैं। मानव जाति के विकास में भी भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मुख से निकलने वाले शब्द तथा वाक्य आदि के अर्थ का आधार मानक भाषा ही हो सकती है। अपने इतिहास तथा परम्परागत ज्ञान-विज्ञान से परिचित होने के लिए भी हमें भाषा में लिखित ग्रन्थों का ही सहारा लेना पड़ता है।
भाषा के दो प्रकार-भाषा के दो रूप प्रचलित है-
1. मौखिक भाषा तथा 2. लिखित भाषा |
मौखिक भाषा का उपयोग परस्पर वार्तालाप में तथा मंच आदि से विचार प्रकट करने में, मुख से बोल कर किया जाता है। लिपि चिह्नों के माध्यम से लिखित रूप दिए जाने पर ध्वनि संकेत लिखित भाषा के अन्तर्गत आते हैं। लिखित भाषा ही भाषा का स्थायी रूप होती है जिसमें उस भाषा का व्यवहार करने वालों का इतिहास, साहित्य, संस्कृति आदि दीर्घकाल तक सुरक्षित रह पाती है। संसार की विभिन्न भाषाओं की लिपियाँ भी भिन्न-भिन्न होती है।
बोली-भाषा के उस रूप को बोली कहा जाता है जो एक सीमित क्षेत्र में ही बोली जाती है। इसी कारण थोड़ी-थोड़ी दूरियों पर बोली का रूप बदल जाता है। ‘बोली’ भाषा की तुलना में कम विकसित और प्रायः बोलचाल में ही प्रयोग की जाती है। भाषा का क्षेत्र बहुत व्यापक होता है। उसका व्याकरण, शब्दकोष ज्ञान-विज्ञान से सम्बन्धित साहित्य आदि होता है। बोली ही विकसित और व्यापक होकर भाषा का रूप ले लेती है। हमारी राष्ट्र भाषा खड़ी बोली हिन्दी भी एक स्थानीय बोली का ही विकसित रूप है।
हिन्दी भाषा का स्वरूप ‘हिन्दी’ शब्द से केवल खड़ी बोली हिन्दी का ही संज्ञान नहीं लिया जाता। उसके अन्तर्गत उसकी सभी बोलियाँ भी आ जाती हैं। हिन्दी भाषा के परिवार में लगभग 15 बोलयाँ भी सम्मिलित हैं। इनको पूर्वी, पश्चिमी राजस्थानी, पहाड़ी और बिहारी नामक वर्गों में रखा गया है ‘राजस्थानी’ वर्ग के अंतर्गत मारवाड़ी, मेवाती हाड़ौती तथा मेवाड़ी बोलियाँ आती हैं।
‘भाषा’ शब्द की व्युत्पत्ति– ‘भाषा’ शब्द संस्कृत की ‘भाष्’ धातु से बना है। ‘भाष्’ धातु का अर्थ है- व्यक्त वाणी
भाषा की इकाइयाँ-
भाषा की निम्नलिखित इकाइयाँ हैं-
1. ध्वनि – हमारे मुँह से निकलने वाली प्रत्येक स्वतंत्र आवाज ‘६ वनि’ कहलाती है। भाषा के मौखिक रूप में केवल ध्वनियों का ही प्रयोग होता है।
2. वर्ण – यह भाषा की सबसे छोटी इकाई है, जिसके और टुकड़े नहीं हो सकते। जैसे. क्, च, ट् आदि 3. शब्द – वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं। जैसे – क + म + ल = कमल ।
4. पद– वाक्य में प्रयुक्त शब्द के व्यावहारिक रूप अथवा विभक्ति – युक्त शब्द को ‘पद’ कहते हैं। जैसे- राम ने रावण को बाण से मारा। इस वाक्य में ‘राम ने’, ‘रावण को’, ‘बाण से’ और ‘मारा’ पद है।
5. वाक्य– शब्दों के मेल से जब एक पूर्ण विचार प्रकट होता है, तो वह शब्द समूह ‘वाक्य’ कहलाता है। जैसे- वह पुस्तक पढ़ रहा है।