Rbse Class 12 Hindi Vyakaran,leepi
Class 12 Hindi Vyakaran लिपि क्या होती है?
जब भाषा को लिखित रूप की आवश्यकता पड़ी तो मौखिक है वनियों को अंकित करने के लिए कुछ चिह्न बनाए गए। ये चिह्न ही ‘लिपि’ कहलाए।
लिपि की परिभाषा –
भाषा के “लिखित ध्वनि संकेतों को लिपि कहते हैं।” प्रत्येक भाषा की अपनी लिपि होती हैं, जैसे- हिन्दी, देवनागरी, अंग्रेजी-रोमन, उर्दू-फारसी, पंजाबी- गुरुमुखी लिपि में लिखी जाती है। देवनागरी लिपि का प्रयोग हिन्दी, मराठी, नेपाली, कोंकणी, संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश आदि भाषाओं में होता है।
देवनागरी लिपि की विशेषताएं
भारत की दो प्राचीन लिपियाँ थीं-ब्राह्मी लिपि और खरोष्ठी लिपि इनमें से ब्राह्मी लिपि से ही देवनागरी लिपि का विकास हुआ। देवनागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
1. यह बाईं से दाईं ओर लिखी जाती है।
2. उच्चारण के अनुरूप लिखी जाती है।
3. संपूर्ण लिपि-समूह स्वर और व्यंजन में विभक्त हैं।
4. एक वर्ग के वर्णों का उच्चारण एक स्थान से होता है।
5. इसकी ध्वनियों में संसार की किसी भी भाषा का उच्चारण किया जा सकता है।
6. शिरोरेखा का प्रयोग होता है।
7. अनुनासिक और अनुस्वार ध्वनियों के लिए पृथक् चिह्न हैं।
8. इसमें स्वरों के लिए मात्राओं की निश्चित व्यवस्था है। मात्राओं का प्रयोग व्यंजनों और स्वरों के संयोग के समय होता है।
9. अक्षरों में सुडौलता है तथा वर्ण गोलाइयों से युक्त हैं।
10. वर्णों की स्पष्टता है।
11. यह रोमन लिपि की अपेक्षा कम स्थान घेरती है।
12. वर्ण-विभाजन में वैज्ञानिकता है।