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Reading: Sanskrit Class 7th Chapter 12 अनारिकाया: जिज्ञासा हिंदी अनुवाद
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Sanskrit Dhara Vahini > Class 7 > Class 7 Sanskrit > Sanskrit Class 7th Chapter 12 अनारिकाया: जिज्ञासा हिंदी अनुवाद
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Sanskrit Class 7th Chapter 12 अनारिकाया: जिज्ञासा हिंदी अनुवाद

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NCERT Solutions for Class 7th Chapter 12 अनारिकाया: जिज्ञासा Hindi Translation & English Translation

इस पोस्ट में हमने Sanskrit Class 7th Chapter 12 अनारिकाया: जिज्ञासा हिंदी अनुवाद में हमने सम्पूर्ण अभ्यास प्रश्न को सरल भाषा में लिखा गया है। हमने Sanskrit Class 7th Ruchira Chapter 12 अनारिकाया: जिज्ञासा के Questions and Answer बताएं है। इसमें NCERT Class 7th Sanskrit Chapter 12 Notes लिखें है जो इसके नीचे दिए गए हैं।

1.Class 7th All Subjects Solution
2.Class 7th Sanskrit Solution
3.Class 7th Hindi Solution
4.Class 7th English Solution
5.Class 7th Science Solution
6.Class 7th Maths Solution
7.Class 7th Social science Solution
अनारिकाया: जिज्ञासा

बालिकायाः अनारिकाया: मनसि सर्वदा महती जिज्ञासा भवति । अतः सा बहून् प्रश्नान् पृच्छति । तस्याः प्रश्नैः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति । प्रातः उत्थाय सा अन्वभवत् यत् तस्याः मनः प्रसन्नं नास्ति । मनोविनोदाय सा भ्रमितुं गृहात् बहिः अगच्छत् । भ्रमणकाले सा अपश्यत् यत् मार्गाः सुसज्जिताः सन्ति । सा चिन्तयति- ‘किमर्थम् इयं सज्जा ?’ सा अस्मरत् यत् अद्य तु मन्त्री आगमिष्यति । सः अत्र किमर्थम् आगमिष्यति इति विषये तस्याः जिज्ञासा प्रारब्धाः ।

हिन्दी अनुवाद – अनारिका (नामक) लड़की के मन में सदा महान (प्रबल) जानने की इच्छा होती है । अतः वह बहुत प्रश्न पूछती है । उसके प्रश्नों से सभी की बुद्धि पहिए की तरह घूम जाती है अर्थात् चकरा जाती है । प्रातःकाल उठकर उसने अनुभव किया कि उसका मन प्रसन्न नहीं है । मन बहलाने (मनोरंजन के लिए) वह घूमने के लिए घर से बाहर गई। भ्रमण-काल में उसने देखा कि रास्ते अच्छी तरह सजे हुए हैं। वह सोचती है- ‘यह सजावट किसलिए है ? याद आया कि आज तो मन्त्री जी आएँगे ।’ वे यहाँ किसलिए आएँगे ? इस विषय में उसकी जानने की इच्छा आरम्भ हुई ।

English Translation – A girl named Anarika always has a desire to know something great. So she asks a lot of questions. Everyone’s mind spins like a wheel due to his questions, that is, they get confused. Waking up in the morning, he felt that he was not happy. To entertain herself, she went out of the house for a walk. While travelling, he saw that the roads were well maintained. She thinks- ‘What is this decoration for?’ I remembered that the minister would come today. Why would they come here? His desire to know about this subject began.

गृहम् आगत्य सा पितरम् अपृच्छत्- “पितः ! मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ?” पिता अवदत् – “पुत्रि ! नद्याः उपरि नवीनः सेतुः निर्मितः । तस्य उद्घाटनार्थं मन्त्री आगच्छति । ‘ अनारिका पुनः अपृच्छत् -“पितः ! किं मन्त्री सेतोः निर्माणम् अकरोत् ? ” पिता अकथयत्- “न हि पुत्रि ! सेतोः निर्माणं कर्मकराः अकुर्वन् । ” पुनः अनारिकायाः प्रश्नः आसीत्- “यदि कर्मकराः सेतोः निर्माणम् अकुर्वन्, तदा मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ?” पिता अवदत्-“यतो हि सः अस्माकं देशस्य मन्त्री ।” “पितः ! सेतोः निर्माणाय प्रस्तराणि कुतः आयान्ति ? किं तानि मन्त्री ददाति ? “

हिन्दी अनुवाद-घर आकर उसने पिताजी से पूछा- ‘पिताजी! मन्त्री जी किसलिए आ रहे हैं ।” पिता बोला- “बेटी ! नदी के ऊपर नया पुल बनाया गया है। उसके उद्घाटन के लिए मन्त्री जी आ रहे हैं।” अनारिका ने फिर पूछा- “पिताजी! क्या मन्त्री ने पुल का निर्माण किया (बनाया) ?” पिताजी ने कहा- “नहीं, बेटी, पुल का निर्माण तो मजदूरों ने किया है।” फिर अनारिका का प्रश्न था- “यदि मजदूरों ने पुल का निर्माण किया तो मन्त्री जी किसलिए आ रहे हैं ।” पिताजी बोले- “क्योंकि वे हमारे देश के मन्त्री हैं ।” “पिताजी ! पुल के निर्माण के लिए पत्थर कहाँ से आते हैं। क्या उनको मन्त्री जी देते हैं ?”

English Translation: After coming home he asked his father – ‘Father! Why is the minister coming?” Father said – “Daughter! A new bridge has been built over the river. The minister is coming to inaugurate it.” Anarika again asked – “Father! Did the minister construct the bridge?” Father said, “No, daughter, the laborers have constructed the bridge.” Then Anarika’s question was, “If the laborers constructed the bridge, then why did the minister come? Father said, “Because he is the minister of our country.” “father ! Where do the stones come from to build the bridge? Does the minister give them?”

विरक्तभावेन पिता उदतरत्- “अनारिके ! प्रस्तराणि जनाः पर्वतेभ्यः आनयन्ति ।” “पितः ! तर्हि किम्, एतदर्थं मन्त्री धनं ददाति ? तस्य पार्श्वे धनानि कुतः आगच्छन्ति ? ” एतान् प्रश्नान् श्रुत्वा पिताऽवदत्- “अरे ! प्रजाः धनं प्रयच्छन्ति ।” विस्मिता अनारिका पुनः अपृच्छत्- “पितः ! कर्मकराः पर्वतेभ्यः प्रस्तराणि आनयन्ति । ते एव सेतुं निर्मान्ति । प्रजाः धनं ददति । तथापि सेतो: उद्घाटनार्थं मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ? पिता अवदत्- “प्रथममेव. अहम् अकथयम् यत् सः देशस्य मन्त्री अस्ति । स जनप्रतिनिधिः अपि अस्ति । जनतायाः धनेन निर्मितस्य सेतो: उद्घाटनाय जनप्रतिनिधिः आमन्त्रित भवति । चल, सुसज्जिता भूत्वा विद्यालयं चल ।” अनारिकायाः मनसि इतोऽपि बहवः प्रश्नाः सन्ति ।

हिन्दी अनुवाद – असन्तुष्ट भाव से पिताजी ने उत्तर दिया- ‘अनारिका, लोग पहाड़ों से पत्थर लाते हैं ।” “पिताजी! तो क्या इसके लिए मन्त्री जी धन देते हैं ? उनके पास धन कहाँ से आता है।” इन प्रश्नों को सुनकर पिताजी बोले- ‘अरे! जनता सरकार के लिए धन देती है।” आश्चर्यचकित अनारिका ने फिर पूछा- “पिताजी! मजदूर पहाड़ों से पत्थर लाते हैं। वे ही पुल बनाते हैं। जनता सरकार के लिए धन देती है फिर भी पुल का उद्घाटन करने के लिए मन्त्री जी क्यों आ रहे हैं ?” पिता बोले- ” मैंने पहले ही कहा था कि वह ही देश का मन्त्री है। वह जनता का प्रतिनिधि भी है। जनता के धन से बनाए गए पुल के उद्घाटन के लिए जनप्रतिनिधि को बुलाया (आमन्त्रित किया जाता है। चलो, तैयार होकर विद्यालय को चलो ।” इस समय भी अनारिका के मन में बहुत से प्रश्न हैं ।

English Translation – Father replied with a dissatisfied feeling – ‘Anarika, people bring stones from the mountains.’ “Father! So does the minister give money for this? Where do they get the money from?” Hearing these questions, father said – ‘Hey! The public gives money for the government.’ Surprised Anarika again asked – “Father! Laborers bring stones from the mountains. They build bridges. The public gives money for the government, yet why is the Minister coming to inaugurate the bridge?” Father said – “I had already said that he is the minister of the country. He is also the representative of the public. The public representative is called (invited) for the inauguration of the bridge built with public money. Come, let’s get ready and go to school. Come on.” Even at this time Anarika has many questions in her mind.

अभ्यास प्रश्न

  1. उच्चारणं कुरुत- (उच्चारण कीजिए-) मन्त्री, निर्माणम्, भ्रात्रा, कर्मकराः, जिज्ञासा, पित्रे, भ्रातॄणाम्, उद्घाटनार्थम्, पितृभ्याम्, नेतरि, अपृच्छत्, चिन्तयति ।
  2. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत- (निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए)-

(क) कस्याः महती जिज्ञासा वर्तते ? (किसकी बहुत अधिक जिज्ञासा है ? )
उत्तरम् – अनारिकायाः महती जिज्ञासा वर्तते।

(ख) मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ? (मन्त्री किसलिए आ रहे हैं ? )
उत्तरम् – मन्त्री सेतो: उद्घाटनार्थम् आगच्छति ।

(ग) सेतोः निर्माण के अकुर्वन् ? (पुल का निर्माण किन्होंने किया ? )
उत्तरम् -सेतो : निर्माणं कर्मकराः अकुर्वन् ।

(घ) सेतोः निर्माणाय कर्मकराः प्रस्तराणि कुतः आनयन्ति । (पुल निर्माण के लिए मजदूर पत्थर कहाँ से लाते हैं ?)
उत्तरम् – सेतो : निर्माणाय कर्मकराः प्रस्तराणि पर्वतेभ्यः आनयन्ति ।

(ङ) के सर्वकाराय धनं प्रयच्छन्ति ? (सरकार को धन कौन देती है ? )
उत्तरम् – प्रजाः सर्वकाराय धनं प्रयच्छन्ति ।

  1. रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत- (रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न बनाइए – )

(क) अनारिकायाः प्रश्नैः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति ।
उत्तर कस्याः प्रश्नैः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति ?

(ख) मन्त्री सेतो: उद्घाटनार्थम् आगच्छति ।
उत्तर मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ?

(ग) कर्मकराः सेतोः निर्माणं कुर्वन्ति ।
उत्तर के सेतोः निर्माणं कुर्वन्ति ?

(घ) पर्वतेभ्यः प्रस्तराणि आनीय सेतोः निर्माणं भवति ।
उत्तर कुतः प्रस्तराणि आनीय सेतोः निर्माणं भवति ।

(ङ) जनाः सर्वकाराय देशस्य विकासार्थं धनं ददति ।
उत्तर जना: कस्मै देशस्य विकासार्थं धनं ददति ?

  1. उदाहरणानुसारं रूपाणि लिखत- (उदाहरण के अनुसार रूप लिखिए – )

उत्तरम् –
विभक्तिः एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् मूल शब्द
प्रथमा पिता पितरौ पितरः (पितृ)
भ्राता भ्रातरौ भ्रातरः (भ्रातृ)
द्वितीया दातारम् दातारौ दातृन् (दातृ)
धातारम् धातारौ धातृन् (धातृ)
तृतीया धात्रा धातृभ्याम् धातृभिः (धातृ)
कर्त्रा कर्तृभ्याम् कतृभिः (कर्तृ)
चतुर्थी। नेत्रे। नेतृभ्याम् नेतृभ्यः
विधात्रे। विधातृभ्याम् विधातृभ्यः (विधातृ)
पंचमी कर्तुः कीर्तिभ्याम् कर्तृभ्यः (कर्तृ)
हर्तुः हर्तृभ्याम् हर्तृभ्यः (हर्तृ)
षष्ठी पितुः पित्रोः पितृणाम् (पितृ)
भ्रातुः भ्रातृणाम् भ्रातृणम् (भ्रातृ)
सप्तमी सवितरि सवित्रोः सवितृषु (सवितृ)
अभिनेतरि अभिनेत्रोः अभिनेतृषु (अभिनेतृ)
सम्बोधनम् हे जामातः हे जामातरौ! हे जामातरः (जामातृ)
हे नप्तः ! हेनप्तारौ ! हेनप्तारः ! (नप्तृ)

  1. कोष्ठकेभ्यः समुचितपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत- (कोष्ठकों से समुचित पद चुनकर रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए – )

(क) अहं प्रातः पित्रा सह भ्रमणाय गच्छामि । (पित्रा/पितुः)
(ख) बाला आपणात् भ्रात्रे फलानि आनयति । (भ्रातुः / भ्रात्रे)
(ग) कर्मकराः सेतोः निर्माणस्य कर्तार भवन्ति । (कर्त्तारम्/कर्त्तारः)
(घ) मम पिता तु एतेषां प्रश्नानां उत्तराणि अददात् । (पिता/पितरः)
(ङ) तव भ्रातरौ कुत्र ‘जीविकोपार्जनं कुरुत: ? (भ्रातरः / भ्रातरौ)

  1. चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषातः पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत – (चित्र को देखकर और मंजूषा से शब्द लेकर प्रयोग करके वाक्य-रचना कीजिए।)

धारयन्ति बालाः बसयानम् छत्रम् ते आरोहन्ति वर्षायाम्

उत्तरम् – मेघाः वर्षन्ति ।
बालाः वर्षायां छत्रं धारयन्ति ।
ते बसयानम् आरोहन्ति ।

  1. अधोलिखितानि पदानि आधृत्य वाक्यानि रचयत- (निम्नलिखित पदों के आधार पर वाक्य बनाइए – )

प्रश्नाः, नवीन, प्रातः, आगच्छति, प्रसन्नं

उत्तरम् – प्रश्नाः – अनारिकायाः मनसि बहवः प्रश्नाः सन्ति ।
नवीन :- नद्याः उपरि नवीनः सेतुः निर्मितः ।
प्रातः – प्रातः उत्थाय सा अन्वभवत् ।
आगच्छति-तस्य उद्घाटनार्थं मंत्री आगच्छति ।
प्रसन्नं- तस्याः मनः प्रसन्नं नास्ति ।

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