चुर् धातु के रुप || चुर् ( चुराना) धातु रुप || संस्कृत में चुर् धातु रुप || Chur Dhatu Roop all Lakar
आज हम इस पोस्ट में चुर् धातु के रुप सभी लकारो में पढ़ेंगे। चुर् धातु रुप (Chur Dhatu Roop) परस्मैपदी धातु कहलाती है इसके रुप पांचों लकारो में पठ्, हस्, गम् , खाद् धातु के समान ही चलते हैं। इसे याद करना बहुत ही सरल है।
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परिभाषा-क्रिया का निर्माण जिससे होता है, उसके मूल रूप को संस्कृत में ‘धातु’ कहा जाता है। जैसे पठ् या लिख धातु है और इनसे पठति, लिखतु आदि क्रियापद बनते हैं। संस्कृत में दस लकार होते हैं।पाठ्यक्रम में पाँच लकार निर्धारित हैं, जिनका परिचय इस प्रकार है-
- लट् लकार-वर्तमान काल की क्रिया में लट् लकार आता है। अर्थात् जिस क्रिया से वर्तमान काल का बोध होता है, उसमें लट् लकार आता है। जैसे-छात्रः पठति, त्वं लिखसि, आवां क्रीडावः आदि।
- लोट् लकार-आज्ञा काल या आज्ञा देने के अर्थ में क्रिया के रूप लोट् लकार में चलते हैं। जैसे सः पठतु, त्वम्, पठ, अहं पठानि आदि।
- लङ् लकार-भूतकाल के लिए यह लकार आता है। इसमें धातु से पहले सर्वत्र ‘अ’ जुड़कर क्रिया-पद बनता है। जैसे-अपठत्, अपठः आदि।
- विधिलिङ् लकार-‘चाहिए’ अर्थ में, प्रार्थना या निवेदन करने के अर्थ में विधिलिङ् लकार प्रयुक्त होता है।
- लुट् लकार-भविष्यत् काल की क्रिया में लुट् लकार आता है। इसमें सेट् धातुओं में ‘स्य’ तथा अनिट् धातुओं में ‘इस्य’ लगता है। जैसे-पठिष्यति, भविष्यति, दास्यामि, वक्ष्यसि आदि।
लकार के पुरुष-प्रत्येक लकार के तीन पुरुष होते हैं-
(1) प्रथम पुरुष या अन्य पुरुष,
(2) मध्यम पुरुष और
(3) उत्तम पुरुष
चुर् धातु रुप लट् लकार-वर्तमान काल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | चोरयति | चोरयत: | चोरयन्ति |
मध्यम पुरुष: | चोरयसि | चोरयथ: | चोरयथ |
उत्तम पुरुष: | चोरयामि | चोरयाव: | चोरयाम: |
चुर् धातु रुप लृट् लकार-भविष्यत् काल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | चोरयिष्यति | चोरयिष्यत: | चोरयिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष: | चोरयिष्यसि | चोरयिष्यथ: | चोरयिष्यथ |
उत्तम पुरुष: | चोरयिष्यामि | चोरयिष्याव: | चोरयिष्याम: |
चुर् धातु रुप लङ् लकार-भूतकाल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | अचोरयत् | अचोरयताम् | अचोरयन् |
मध्यम पुरुष: | अचोरय: | अचोरयतम् | अचोरयत |
उत्तम पुरुष: | अचोरयम् | अचोरयाव | अचोरयाम |
चुर् धातु रुप लोट् लकार-आज्ञा काल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | चोरयतु | चोरयताम् | चोरयन्तु |
मध्यम पुरुष: | चोरय | चोरयतम् | चोरयत |
उत्तम पुरुष: | चोरयाणि | चोरयाव | चोरयाम |
चुर् धातु रुप विधिलिङ् लकार-‘चाहिए’ अर्थ में
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | चोरयेत् | चोरयेताम् | चोरयेयु: |
मध्यम पुरुष: | चोरये: | चोरयेतम् | चोरयेत |
उत्तम पुरुष: | चोरयेयम् | चोरयेव | चोरयाम |
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