NCERT Solutions for Class 7th Chapter 13 लालनगीतम् Hindi Translation & English Translation
इस पोस्ट में हमने Sanskrit Class 7th Chapter 13 लालनगीतम् हिंदी अनुवाद में हमने सम्पूर्ण अभ्यास प्रश्न को सरल भाषा में लिखा गया है। हमने Sanskrit Class 7th Ruchira Chapter 13 लालनगीतम् के Questions and Answer बताएं है। इसमें NCERT Class 7th Sanskrit Chapter 13 Notes लिखें है जो इसके नीचे दिए गए हैं।
1. | Class 7th All Subjects Solution |
2. | Class 7th Sanskrit Solution |
3. | Class 7th Hindi Solution |
4. | Class 7th English Solution |
5. | Class 7th Science Solution |
6. | Class 7th Maths Solution |
7. | Class 7th Social science Solution |
उदिते सूर्ये धरणी विहसति । पक्षी कूजति कमलं विकसति ।। 1 ।। नदति मन्दिरे उच्चैर्दक्का । सरितः सलिले सेलति नौका 11211
हिन्दी अनुवाद-सूर्य के उगने पर धरती मुस्कराती है अर्थात् प्रसन्न हो जाती है । पक्षी (गण) कूजने (कलरव करने) लगते हैं और कमल खिल जाते हैं अर्थात् कमल विकसित हो जाते हैं। ।। 1 ।। मन्दिर में नगाड़े जोर-जोर से आवाज करते हैं। नदी के जल में नाव हिलती-डुलती चलती है ।2।।
English Translation-The earth smiles when it rises, that is, it becomes happy. Birds (ganes) start to collect (color) and lotuses blossom, that is, lotus develops. , 1. In the temple, drums make a loud sound. The boat moves in the river water. 2.
पुष्पे पुष्पे नानारङ्गाः । तेषु डयन्ते चित्रपतङ्गाः ।3।। वृक्षे वृक्षे नूतनपत्रम् । विविधैर्वणैर्विभाति चित्रम् ।4।।
हिन्दी अनुवाद-रंग-बिरंगे या अनेक रंग वाले फूल-फूल पर तितलियाँ उड़ती हैं ।।3।। वृक्ष-वृक्ष पर नए पत्ते विविध रंगों से विचित्र (रंग-बिरंगे) या दृश्य शोभा दे रहे हैं ।। 4।।
English Translations-butterflies fly on flowers with many colored or many colored flowers. 3. New leaves on the tree tree are adorning bizarre (colorful) or visuals with diverse colors. 4.
धेनुः प्रातर्यच्छति दुग्धम् । शुद्धं स्वच्छं मधुरं स्निग्धम् 115 11 गहने विपिने व्याघ्रो गर्जति । उच्चैस्तत्र च सिंहः नर्दति ।16।।
हिन्दी अनुवाद-सुबह गाय शुद्ध (बिना मिलावट) स्वच्छ, मीठा और चिकना दूध देती है। सघन जंगल में बाघ गरजता है और वहाँ शेर जोर से दहाड़ता है ।
English Translation – The cow gives pure (without adulteration) clean, sweet and smooth milk. The tiger roars the tiger in the dense forest and the lion roars it loudly.
हरिणोऽयं खादति नवधासम् । सर्वत्र च पश्यति सविलासम् ।।7।। उष्ट्रः तुङ्गः मन्दं गच्छति । पृष्ठे प्रचुरं भारं निवहति ।।8।।
हिन्दी-अनुवाद यह हिरन नयी घास खाता है और सब तरफ प्रेमपूर्ण दृष्टि से या क्रीड़ा भाव से देखता है । ऊँचा ऊँट धीरे-धीरे चलता है । पीठ पर बहुत अधिक भार ढोता है।
English Translation -discipline eats new grass and looks at a lovingly or sportsmanship everywhere. The high camel moves slowly. Carry a lot of weight on the back.
घोटकराजः क्षिप्रं धावति । धावनसमये किमपि न खादति ।।9।। पश्यत भल्लुकमिमं करालम् । नृत्यति थथथै कुरु करतालम् ।।10।।
हिन्दी अनुवाद-श्रेष्ठ घोड़ा तेज दौड़ता है (और वह) दौड़ते समय कुछ भी नहीं खाता है । इस भयानक भालू को देखो । थाधाथैया करके नाच रहा है, तालियाँ बजाइए।
English Translation -oriented horse runs fast (and that) does not eats anything while running. Look at this terrible bear. Dancing with the austerity, play applause.
- गीतं सस्वरं गायत । (गीत को सस्वर गाइये – ) नोट-छात्र स्वयं गाएँ ।
- एकपदेन उत्तरत (एक शब्द में उत्तर दीजिए) –
(क) का विहसति ? (कौन मुस्कराता है ?)
उत्तर धरणी।
(ख) किम् विकसति ? (क्या खिलता है ?)
उत्तर पुष्पम्।
(ग) व्याघ्रः कुत्र गर्जति ? (बाघ कहाँ गरजता है ? )
उत्तर विपिने।
(घ) हरिणः किं खादति? (हिरन क्या खाता है ?)
उत्तर नवघासम्
(ङ) मन्दं कः गच्छति ? (धीरे-धीरे कौन जाता है ?)
उत्तर उष्ट्र: ।
- रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत- (रेखांकित पदों को आधार मानकर प्रश्न निर्माण करो- )
(क) सलिले नौका सेलति। (जल में नाव चलती है।)
उत्तर सलिले का सेलति ?
(ख) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते। (फूलों पर तितलियाँ उड़ती हैं।)
उत्तर केषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते ।
(ग) उष्ट्रः पृष्ठे भारं वहति। (ऊँट पीठ पर भार ढोता है।)
उत्तर कः पृष्ठे भारं वहित ?
(घ) धावनसमये अश्वः किमपि न खादति । (दौड़ते समय घोड़ा कुछ भी नहीं खाता है।)
उत्तर कदा अश्वः विमपि न खादति ?
(ङ) सूर्ये उदिते धरणी विहसति । (सूर्य के उगने पर पृथ्वी मुस्कराती है।)
उत्तर कस्मिन् उदिते धरणी विहसति ?
- मञ्जूषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत- (मंजूषा से समानार्थी पद चुनकर लिखिए-)
पृथिवी, देवालये, जले, वने, मृगः भयङ्करम् धरणी, करालम्, विपिने, मन्दिरे, सलिले, हरिण:
उत्तर
धरणी = पृथिवी
मन्दिरे = देवालये
करालम् = भयंकरम्
सलिले = जले
विपिने = वने
हरिण: = मृग:
- विलोमपदानि मेलयत (विलोम पदों को मिलाओ) –
मन्दम् = क्षिप्रम्
नीचैः = उच्चैः
कठोर : = स्निग्धम्
पुरातनम् = नूतनम्
अपर्याप्तम् = पर्याप्तम्
- उचितकथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुचितकथनानां समक्षम् ‘न’ इति लिखत- (उचित कथनों के सामने ‘आम्’ (हाँ), अनुचित कथनों के सामने ‘न’ (नहीं) लिखिए)-
(क) धावनसमये अश्वः खादति। (न)
(ख) उष्टुः पृष्ठे भारं न वहति। (न)
(ग) सिंहः नीचैः क्रोशति। (न)
(घ) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते। (आम्)
(ङ) वने व्याघ्रः गर्जति। (आम्)
(च) हरिणः नवघासं न खादति। (न)
- अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत- (निम्नलिखित पदों को निर्देशानुसार परिवर्तन कीजिए-) यथा- चित्रपतङ्गः (प्रथमा बहुवचने) – चित्रपतङ्गाः ।
भल्लुकः (तृतीया एकवचने) भल्लुकेन
उष्ट्र: (पञ्चमी द्विवचने) उष्ट्राभ्याम्
हरिण: (सप्तमी बहुवचने) हरिणेषु
व्याघ्रः (द्वितीया एकवचने) व्याघ्रम्
घोटकराजः (सम्बोधन एकवचने) = हे घोटकराज ! - चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषातः पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत- (चित्र को देखकर और मंजूषा से पदों का प्रयोग कर वाक्यों की रचना कीजिए) –
उत्तरम् – 1. प्रातः सूर्यः उदेति ।
- सूर्योदये कमलानि विकसन्ति ।
- वाटिकायां बालाः क्रीडन्ति ।
- वृक्षेषु खगाः कूजन्ति ।
- पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते ।