गम् (गच्छ्) धातु रुप संस्कृत में – संस्कृत में गम् (गच्छ्)धातु – Sanskrit Gam dhatu roop
इस पोस्ट में गम् (गच्छ्) धातु रुप संस्कृत में दिए गए हैं, धातु (क्रिया) दो प्रकार की होती है 1 परस्मैपदी और आत्मनेपदी इन दोनों के रूप अलग अलग चलते हैं। काल और अवस्था को संस्कृत भाषा में लकार कहते हैं। यहां पांचों लकार में गम् (गच्छ्) धातु रुप (Gam Dhatu Roop Sanskrit Main) दिए हैं। जो इन प्रकार नीचे दिए गए हैं
गम् (गच्छ्) लट् लकार: (वर्तमान काल)
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमपुरुष: | गच्छति | गच्छत: | गच्छन्ति |
मध्यमपुरुष: | गच्छसि | गच्छथ: | गच्छथ |
उत्तमपुरुष: | गच्छामि | गच्छाव: | गच्छाम: |
गम् (गच्छ्) लृट्लकार: (भविष्यकाल)
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमपुरुष: | गमिष्यति | गमिष्यत: | गमिष्यन्ति |
मध्यमपुरुष: | गमिष्यसि | गमिष्यथ: | गमिष्यथ |
उत्तमपुरुष: | गमिष्यामि | गमिष्याव: | गमिष्याम: |
गम् (गच्छ्) लड़् लकार: (भूतकाल)
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमपुरुष: | अगच्छत् | अगच्छताम् | अगच्छन् |
मध्यमपुरुष: | अगच्छ: | अगच्छतम् | अगच्छत |
उत्तमपुरुष: | अगच्छम् | अगच्छाव | अगच्छाम |
गम् (गच्छ्) लोट् लकार: (आज्ञार्थक)
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमपुरुष: | गच्छतु | गच्छताम् | गच्छन्तु |
मध्यमपुरुष: | गच्छ | गच्छतम् | गच्छत |
उत्तमपुरुष: | गच्छानि | गच्छाव | गच्छाम |
गम् (गच्छ्) विधिलिड़् लकार: (चाहिए के अर्थ में)
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमपुरुष: | गच्छेत् | गच्छेताम् | गच्छेयु: |
मध्यमपुरुष: | गच्छे: | गच्छेतम् | गच्छेत |
उत्तमपुरुष: | गच्छेयम् | गच्छेव | गच्छेम |
अन्य धातु रुप