paropakaar par nibandh sanskrt mein | परोपकार पर निबंध संस्कृत में
हमने यहां परोपकार पर संस्कृत निबंध बताया गया है। परोपकार पर निबंध संस्कृत में सरल भाषा में लिखा गया है जिसे हर विद्यार्थी को आसानी से समझ में आ सकेगा। इस निबंध को अपनी नोटबुक में में लिखकर याद कर दे जिसे आने वाली परीक्षा में आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।
परेषाम् उपकारः ‘परोपकारः’ भवति । यदा मानवः परेषां हितं करोति सः एव परोपकारः कथ्यते। परोपकारः महान् गुणः अस्ति । परोपकारेण एव सुखं भवति । परोपकारिणः जनाः निर्धनेभ्यः धनं, भोजनं वस्त्राणि च यच्छन्ति । परोपकारिणः जनाः दुःखितानां दुःखानि दूरीकुर्वन्ति । संसारे इदम् एव महत् पुण्यम् अस्ति । परोपकारिणः जनाः अन्येषां प्राणरक्षणाय स्वप्राणान् अपि त्यजन्ति । अस्य उदाहरणं महाराजः शिविः अस्ति । अतः अस्माभिः सदैव परोपकारः कर्तव्यः ॥
हिन्दी अनुवाद ‘‘परोकार’’
दूसरों की मदद करना ‘परोपकारिता’ है जब कोई इंसान दूसरों की भलाई करता है तो उसे परोपकारिता कहा जाता है। परोपकारिता एक महान गुण है. दूसरों की मदद करने से ख़ुशी मिलती है। परोपकारी लोग गरीबों को पैसा, भोजन और कपड़े देते हैं। जो लोग दूसरों के प्रति दयालु होते हैं वे पीड़ित लोगों की पीड़ा दूर करते हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी खूबी है. जो लोग परोपकारी होते हैं वे दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान भी दे देते हैं। इसका उदाहरण महाराज शिव हैं। इसलिए हमें सदैव दूसरों का भला करना चाहिए