Class 7 Sanskrit Chapter 4 पण्डिता रमाबाई Hindi & English Translation
पण्डिता रमाबाई – रमाबाई संस्कृत और वेदों की महान विदुषी महिला थी। रमाबाई का जन्म सन् 1858 में हुआ। इनके पिता अनन्त शास्त्री डोंगरे और माता लक्ष्मी बाई थी। संस्कृत की विद्वता के कारण रमाबाई ‘पण्डिता’ और ‘सरस्वती’ आदि उपाधियों से विभूषित हुई।
स्त्रीशिक्षाक्षेत्रे अग्रगण्या पण्डिता रमाबाई 1858 तमे ख्रिष्टाब्दे जन्म अलभत । तस्याः पिता अनन्तशास्त्री डोंगरे माता च लक्ष्मीबाई आस्ताम् । तस्मिन् काले स्त्रीशिक्षायाः स्थितिः चिन्तनीया आसीत् । स्त्रीणां कृते संस्कृतशिक्षणं प्रायः प्रचलितं नासीत् । किन्तु डोंगरे रूढिबद्धां धारणां परित्यज्य स्वपत्नी संस्कृतमध्यापयत् । एतदर्थं सः समाजस्य प्रतारणाम अपि असहत । अनन्तरं रमा अपि स्वमातुः संस्कृतशिक्षां प्राप्तवती ।
हिन्दी अनुवाद-नारी शिक्षा के क्षेत्र में अग्रगण्य (सबसे आगे गिनी जाने योग्य) विदुषी रमाबाई ने 1858 ईस्वी में जन्म लिया। उसके पिताजी अनन्त शास्त्री डोंगरे और माताजी लक्ष्मीबाई थीं । उस समय नारी शिक्षा की हालत चिन्ताजनक थी। स्त्रियों के लिए संस्कृत की शिक्षा सामान्यतः प्रचलन में नहीं थी (अर्थात् प्रचलन नहीं था) । परन्तु डोंगरे ने रूढ़िवादी विचार (धारणा) को त्यागकर अपनी पत्नी को संस्कृत पढ़ाई । इसके लिए उन्होंने समाज की प्रताड़ना को भी सहन किया। इसके बाद रमाबाई ने भी अपनी माताजी से संस्कृत की शिक्षा प्राप्त की ।
English i translation – In the field of women’s education, Ramabai, a foremost scholar, was born in 1858 AD. His father was Anant Shastri Dongre and mother was Lakshmibai. At that time the condition of female education was worrying. Sanskrit education for women was generally not in vogue (i.e. was not prevalent). But Dongre abandoned the orthodox thought and taught Sanskrit to his wife. For this, he also tolerated the harassment of the society. After this, Ramabai also received Sanskrit education from her mother.
कालक्रमेण रमायाः पिता विपन्नः सञ्जातः । तस्याः पितरौ ज्येष्ठा भगिनी च दुर्भिक्षपीडिताः दिवङ्गताः । तदनन्तरं रमा स्व-ज्येष्ठभ्रात्रा सह पद्भ्यां समग्रं भारतम् अभ्रमत् । भ्रमणक्रमे सा कोलकातां प्राप्ता । संस्कृतवैदुष्येण सा तत्र ‘पण्डिता’ ‘सरस्वती’ चेति उपाधिभ्यां विभूषिता । तत्रैव सा ब्रह्मसमाजेन प्रभाविता वेदाध्ययनम् अकरोत् । पश्चात् सा स्त्रीणां कृते वेदादीनां शास्त्राणां शिक्षायै आन्दोलनं प्रारब्धवती ।
हिन्दी अनुवाद समय की गति से रमाबाई के पिताजी कि नि हो गए। उसके माता-पिता और बड़ी बहिन अकाल से पीड़ित होकर मर गए (स्वर्ग सिधार गये। इसके पश्चात् रमाबाई ने अपने बड़े भाई के साथ पैदल सम्पूर्ण भारत का भ्रमण किया। घूमते-घूमते (भ्रमण करते हुए) वह कोलकाता पहुँची । संस्कृत की विदत्ता के कारण वह वहाँ ‘पण्डित’ और ‘सरस्वती’ उपाधियों से विभूषित हुई । वहाँ हो उसने ब्रह्म समाज से प्रभावित होकर वेदों का अध्ययन किया । बाद में उसने स्त्रियों के लिए वेद आदि शास्त्रों की शिक्षा के लिए आन्दोलन प्रारम्भ किया ।
English translation Ramabai’s father died due to the speed of time. Her parents and elder sister died suffering from famine (went to heaven. After this, Ramabai along with her elder brother traveled all over India on foot. While roaming around she reached Calcutta. Because there she was honored with the titles of ‘Pandit’ and ‘Saraswati’. While there, she studied the Vedas under the influence of the Brahmo Samaj. Later, she started a movement for the education of Vedas etc. scriptures for women.
1880 तमे ख्रिष्टाब्दे सा विपिनबिहारीदासेन सह बाकीपुर- न्यायालये विवाहम् अकरोत् । सार्धैकवर्षात् अनन्तरं तस्याः पतिः दिवङ्गतः । तदनन्तरं सा पुत्र्या मनोरमया सह जन्मभूमिं महाराष्ट्र प्रत्यागच्छत् । नारीणां सम्मानाय शिक्षायै च सा स्वकीयं जीवनम् अर्पितवती । हण्टर-शिक्षा आयोगस्य समक्षं नारीशिक्षाविषये सा स्वमतं प्रस्तुतवती । सा उच्चशिक्षार्थम् इंग्लैण्डदेशं गतवती । तत्र ईसाईधर्मस्य स्त्रीविषयकैः उत्तमविचारैः प्रभाविता जाता ।
हिन्दी अनुवाद –1880 ईस्वी वर्ष में उसने विपिन बिहारी दास के साथ बाकीपुर न्यायालय में विवाह कर लिया। डेढ़ वर्ष के बाद उसका पति स्वर्ग सिधार गया । इसके पश्चात् वह बेटी मनोरमा के साथ जन्मभूमि महाराष्ट्र को लौट आई । नारियों के सम्मान और शिक्षा के लिए उसने अपना जीवन अर्पित कर दिया। हंटर शिक्षा आयोग के सम्मुख स्त्री शिक्षा के विषय में उसने अपना मत प्रस्तुत किया। वह उच्च शिक्षा हेतु इंग्लैण्ड देश को गई । वहाँ ईसाई धर्म के स्त्री विषयक उत्तम विचारों से प्रभावित हुई।
English translation – In the year 1880 AD, she married Vipin Bihari Das in Bakipur court. After a year and a half, her husband went to heaven. After that she returned to her native Maharashtra with daughter Manorama. He devoted his life for the respect and education of women. She presented her views on women’s education before the Hunter Education Commission. She went to England for higher education. There she was influenced by the best ideas about women of Christianity.
इंग्लैण्डदेशात् रमाबाई अमरीकादेशम् अगच्छत् । तत्र सा भारतस्य विधवास्त्रीणां सहायतार्थम् अर्थसञ्चयम् अकरोत्। भारतं प्रत्यागत्य मुम्बईनगरे सा ‘शारदा सदनम्’ अस्थापयत् । अस्मिन् आश्रमे निस्सहायाः स्त्रियः निवसन्ति स्म । तत्र स्त्रियः मुद्रण- टङ्कण-काष्ठकलादीनाञ्च प्रशिक्षणमपि लभन्ते स्म । परम् इदं सदनं पुणेनगरे स्थानान्तरितं जातम् । ततः पुणेनगरस्य समीपे केडगाँव- स्थाने ‘मुक्तिमिशन’ नाम संस्थानं तया स्थापितम्। अत्र अधुना अपि निराश्रिताः स्त्रियः ससम्मानं जीवनं यापयन्ति । 1922 तमे ख्रिष्टाब्दे रमाबाई महोदयायाः निधनम् अभवत् । सा देश-विदेशानाम् अनेकासु भाषासु निपुणा आसीत् । समाजसेवायाः अतिरिक्तं लेखनक्षेत्रे अपि तस्याः महत्त्वपूर्णम् अवदानम् अस्ति । ‘स्त्रीधर्मनीति’ ‘हाई कास्ट हिन्दू विमेन’ इति तस्याः प्रसिद्धं रचनाद्वयं वर्तते ।
हिन्दी अनुवाद- इंग्लैण्ड देश से रमाबाई अमरीका देश गई। वहाँ उसने भारत की विधवा स्त्रियों की सहायता के लिए धन संग्रह किया । भारत लौटकर मुंबई नगर में उसने ‘शारदा सदन’ की स्थापना की । इस आश्रम में बेसहारा स्त्रियाँ रहती थीं। वहाँ स्त्रियाँ छपाई, टंकण और काष्ठकला आदि का प्रशिक्षण भी प्राप्त करती थीं । परन्तु यह सदन पुणे नगर में स्थानान्तरित हो गया। तब पुणे नगर के समीप केड़गाँव स्थान पर ‘मुक्ति-मिशन’ नाम का संस्थान उसके द्वारा स्थापित किया गया । यहाँ आज भी बेसहारा स्त्रियाँ सम्मान के साथ जीवनयापन कर रही हैं । ईस्वी सन् 1922 में महोदया रमाबाई की मृत्यु हो गई । वह देश-विदेश की अनेक भाषाओं में कुशल (पारंगत) थी। समाज-सेवा के अतिरिक्त लेखन के क्षेत्र में भी उसका महत्वपूर्ण योगदान है । ‘स्त्री धर्मनीति’ तथा ‘हाई कास्ट हिन्दू विमेन’ उसकी प्रसिद्ध दो रचनाएँ हैं ।
पण्डिता रमाबाई Class 7 Sanskrit Chapter 4 Questions Answers
English translation – Ramabai went to America from the country of England. There he collected money to help the widowed women of India. Returning to India, he established ‘Sharda Sadan’ in Mumbai city. Destitute women lived in this ashram. There women also received training in printing, typing and woodcraft etc. But this house was shifted to Pune city. Then an institution named ‘Mukti-Mission’ was established by him at Kedgaon near Pune city. Here even today destitute women are living with dignity. Madam Ramabai died in the year 1922. She was proficient in many languages of the country and abroad. Apart from social service, he also has an important contribution in the field of writing. ‘Stree Dharmaneeti’ and ‘High Caste Hindu Women’ are two of his famous works.
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1. एकपदेन उत्तरत (एक शब्द में उत्तर दीजिए)-
(क) ‘पण्डिता’ ‘सरस्वती’ इति उपाधिभ्यां का विभूषिता ? (‘पण्डिता’’सरस्वती’ इन उपाधियों से कौन विभूषित हुई ? )
उत्तर रमाबाई (रमाबाई)।
(ख) रमा कुतः संस्कृतशिक्षां प्राप्तवती ? (रमा ने संस्कृत की शिक्षा कहाँ से प्राप्त की ? )
उत्तर स्वमातुः (अपनी माता से)।
(ग) रमाबाई केन सह विवाहम् अकरोत् ? (रमाबाई ने किसके साथ विवाह किया ?)
उत्तर विपिनबिहारीदासेन सह (विपिन बिहारी दास के साथ।)
(घ) कासां शिक्षायै रमाबाई स्वकीयं जीवनम् अर्पितवती ? (किनकी शिक्षा के लिए रमाबाई ने अपने जीवन को अर्पित कर दिया ?)
उत्तर नारीणाम् (नारियों की)।
(ङ) रमाबाई उच्चशिक्षार्थं कुत्र अगच्छत् ? (रमाबाई उच्च शिक्षा के लिए कहाँ गई ? )
उत्तर इंग्लैण्डदेशम् (इंग्लैण्ड देश को) ।
2. रेखाङ्कितपदानि आवृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत – (रेखांकित शब्दों के आधार पर प्रश्न निर्माण कीजिए) –
(क) रमायाः पिता समाजस्य प्रतारणाम् असहत।
उत्तर कस्याः पिता समाजस्य प्रतारणाम् असहत ?
(ख) पत्युः मरणानन्तरं रमाबाई महाराष्ट्रं प्रत्यागच्छत्।
उत्तर कस्य मरणानन्तरं रमाबाई महाराष्ट्रं प्रत्यागच्छत् ?
(ग) रमाबाई मुम्बईनगरे ‘शारदा सदनम्’ अस्थापयत् ।
उत्तर रमाबाई कुत्र ‘शारदा-सदनम्’ अस्थापयत् ?
(घ) 1922 तमे ख्रिष्टाब्दे रमाबाई महोदयायाः निधनम् अभवत्।
उत्तर 1922 तमे ख्रिष्टाब्दे कस्याः निधनम् अभवत्?
(ङ) स्त्रियः शिक्षां लभन्ते स्म ।
उत्तर के शिक्षां लभन्ते स्म ?
3. प्रश्नानामुत्तराणि लिखत- (प्रश्नों के उत्तर लिखिए)-
(क) रमाबाई किमर्थम् आन्दोलनं प्रारब्धवती ? (रमाबाई ने किसलिए आन्दोलन प्रारम्भ किया ?)
उत्तरम् – रमाबाई स्त्रीणां कृते वेदादीनां शास्त्राणां शिक्षायै आन्दोलनं प्रारब्धवती।
(ख) निःसहायाः स्त्रियः आश्रमे किं किं लभन्ते स्म ? (असहाय स्त्रियाँ आश्रम में क्या-क्या करती थीं?)
उत्तरम् – निःसहायाः स्त्रियः आश्रमे मुद्रण- टङ्कण- काष्ठकलादीनाञ्च प्रशिक्षणं लभन्ते स्म ।
(ग) कस्मिन् विषये रमाबाई महोदयायाः योगदानम् अस्ति ? (किस विषय में रमाबाई महोदया का योगदान है ? )
उत्तरम् – लेखनक्षेत्रे रमाबाई महोदयाः योगदानम् अस्ति ।
(घ) केन रचनाद्वयेन रमाबाई प्रशंसिता वर्तते ? (किन दो रचनाओं से रमाबाई प्रशंसनीय हैं ? )
उत्तरम् –‘स्त्री-धर्मनीति” हाई कास्ट हिन्दू विमेन’ इति रचनाद्वयेन रमाबाई प्रशंसिता वर्तते।
4. अधोलिखितानां पदानां निर्देशानुसारं पदपरिचयं लिखत- (निम्नलिखित पदों का निर्देश के अनुसार पद-परिचय दीजिए – )
पदानि | मूलशब्द: | लिंगम् | विभक्ति: | वचनम् |
वेदानाम् | वेद | पुल्लिंगम् | षष्ठी | बहुवचनम् |
पिता | पितृ | पुल्लिंगम् | प्रथमा | एकवचनम् |
शिक्षायै: | शिक्षा | स्त्रीलिंगम् | चतुर्थी | एकवचनम् |
कन्या: | कन्या | स्त्रीलिंगम् | प्रथमा | बहुवचनम् |
नारीणाम् | नारी | स्त्रीलिंगम् | षष्ठी | बहुवचनम् |
मनोरमया | मनोरमा | स्त्रीलिंगम् | तृतीया | एकवचनम् |
5. अधोलिखितानां धातूनां लकारं पुरुषं वचनञ्च लिखत- (निम्नलिखित धातुओं के लकार, पुरुष और वचन लिखिए – )
पदानि | धातु: | लकार: | पुरुष: | वचनम् |
आसीत् | अस् | लङ् | प्रथम: पुरुष: | एकवचनम् |
कुर्वन्ति | कृ | लट् | प्रथम: पुरुष: | बहुवचनम् |
आगच्छत् | गम् | लङ् | प्रथम: पुरुष: | एकवचनम् |
निवसन्ति | नि+वस् | लट् | प्रथम: पुरुष: | बहुवचनम् |
गमिष्यसि | गम् | ऌट् | प्रथम: पुरुष: | एकवचनम् |
अकरोत् | कृ | लङ् | प्रथम: पुरुष: | एकवचनम् |
6. अधोलिखितानि वाक्यानि घटनाक्रमानुसारं लिखत- (निम्नलिखित वाक्यों को घटनाक्रम के अनुसार लिखिए – )
(क) रमाबाई महोदयायाः विपिनबिहारीदासेन सह विवाहः अभवत्।
(ख) 1858 तमे ख्रिष्टाब्दे रमाबाई जन्म अलभत।
(ग) सा उच्चशिक्षार्थम् इंग्लैण्डदेशं गतवती ।
(घ) 1922 तमे ख्रिष्टाब्दे रमाबाई महोदयायाः निधनम् अभवत् ।
(ङ) सा मुम्बई नगरे ‘शारदा सदनम्’ अस्थापयत्।
(च) सा स्वमातुः संस्कृतशिक्षां प्राप्तवती ।
उत्तरम् – (क) 1858 तमे ख्रिष्टाब्दे रमाबाई जन्म अलभत।
(ख) सा स्वमातुः संस्कृतशिक्षां प्राप्तवती।
(ग) रमाबाई- महोदयायाः विपिनबिहारीदासेन सह विवाहः अभवत् ।
(घ) सा उच्चशिक्षार्थम् इंग्लैण्डदेशं गतवती ।
(ङ) सा मुम्बई नगरे ‘शारदा-सदनम्’ अस्थापयत् ।
(च) 1922 तमे ख्रिष्टाब्दे रमाबाई – महोदयायाः निधनम् अभवत् ।
- पहला पाठ सुभाषितानि सोल्यूशन
- दूसरा पाठ दुर्बुध्दि विनश्यति सोल्यूशन
- तीसरा पाठ स्वावलंबनम् सोल्यूशन
- पांचवां पाठ सदाचार सोल्यूशन