NCERT Solutions for Class 7th: पाठ 5 पापा खो गए Hindi Vasant-2 ( papa kho Gaye )
हम आपके लिए NCERT Solutions for Class 7th: पाठ 5 पापा खो गए हिंदी Aroh Book के प्रश्न उत्तर लेकर आए हैं। यह आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आप जान सकते हैं कि इस कहानी का विषय क्या है। इसे पढ़कर आपको को मदद मिलेगी ताकि वे इस कहानी के बारे में अच्छी तरह से समझ सकें। इसके अलावा आप इस कहानी के अभ्यास प्रश्न भी पढ सकते हो। Papa kho Gaye Summary of NCERT solutions for Class 7th Hindi Vasant Chapter 5.
Class | 7th |
Subject | Hindi |
Book | NCERT |
Chapter | 5 |
Chapter Name | पापा खो गए |
Class 7th | Sanskrit Solution |
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
नाटक से –
प्रश्न 1. नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों ?
उत्तर –
हमको नाटक में सबसे बुद्धिमान पात्र कौआ लगता है । उसी की तरकीब से लड़की को उठाकर लाने वाला डर कर भाग जाता है । वही लड़की को घर पहुँचाने के कई उपाय सुझाता है । सब उसी के सुझाव पर काम करते हैं ।
प्रश्न 2. पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसे हुई ?
उत्तर –
खंभा घमंडी स्वभाव का था। वह पेड़ से बात भी नहीं करता था । एक बार आँधी-पानी में खंभा उखड़कर गिरा तो पेड़ ने उसे सँभाला। इस घटना से खंभे का घमंड दूर हो गया और उन दोनों में दोस्ती हो गई ।
प्रश्न 3. लैटरबॉक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे ?
उत्तर –
लैटरबॉक्स का रंग लाल था । वह बड़ों जैसी समझदारी की बातें करता था । इसलिए सब उसे लाल ताऊ कहकर पुकारा करते थे ।
प्रश्न 4, लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है ?
उत्तर-
लैटरबॉक्स अनेक बातों में अन्य पात्रों से भिन्न दिखाई देता है । उसका व्यक्तित्व घर के बड़े-बूढ़े के समान है । वह पढ़ना और गाना भी जानता है। उसे लड़की की सबसे अधिक चिन्ता रहती है। वह उसे बहलाता और धीरज बंधता है। उसके बड़प्पन और गंभीर स्वभाव के कारण सब उसे लाल ताऊ कहकर पुकारते हैं ।
प्रश्न 5. नाटक में बच्ची को बचाने वाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौनसी बातें आपको मजेदार लगीं ? लिखिए ।
उत्तर-
नाटक के सजीव पात्रों में एक कौआ है। बच्ची को बचाने में उसका महत्वपूर्ण योगदान है । जब बच्ची को उठाकर लाने वाला लौटकर आता है तो सब पात्र घबरा जाते हैं। किसी को बच्ची के बचाने का उपाय नहीं सूझता तब कौआ ही ‘भूत-भूत’ चिल्लाकर उस दुष्ट को डरा देता है। और वह भाग जाता है। कौआ ही बच्ची को उसके घर पहुँचाने की तरकीबें सुझाता है। उसके संवाद, लैटरबॉक्स के साथ मजाक आदि मजेदार लगते हैं।
प्रश्न 6. क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे ?
उत्तर-
लड़की बहुत छोटी थी । उसे अपने पिता का नाम भी पता नहीं था । लैटरबॉक्स ने उसके घर का पता जानने के लिए बहुत प्रयत्न किए, लेकिन वह घर का सही पता नहीं बता सकी । इसी कारण सभी पात्र मिलकर भी उसे उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे।
नाटक से आगे
प्रश्न 2. मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा ? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए ।
उत्तर-
इस नाटक की सबसे अधिक मार्मिक घटना लड़की को उसके पापा से अलग किया जाना है। लड़की के आने के बाद सभी पात्रों की चिंता लड़की को उसके पापा के पास पहुँचाना ही हो जाती है। नाटक का अंत भी दर्शकों से लड़की के पापा को मिलाने की अपील के साथ होता है । अतः इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ सर्वथा उपयुक्त है ।
प्रश्न 3, क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं ?
उत्तर-
नाटक में दिखाया गया बच्ची के पापा को खोजने का तरीका ही उपयुक्त प्रतीत होता है क्योंकि नाटक के पात्र स्वयं कहीं जाकर बच्ची के पिता की खोज नहीं कर सकते। दर्शकों के लिए यह काम कठिन नहीं है ।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. अनुमान लगाइए कि जिस समय बच्ची को चोर ने उठाया होगा वह किस स्थिति में होगी ? क्या वह पार्क / मैदान में खेल रही होगी या घर से रूठकर भाग गई होगी या कोई अन्य कारण होगा ?
उत्तर-
नाटक में चोर ने बताया है कि वह बच्ची को एक घर से उठाकर लाया था। वह उस समय सो रही थी । चोर ने उसे बेहोशी की दवा दे दी थी। अतः अन्य कोई अनुमान लगाने की आवश्यकता ही नहीं है ।
प्रश्न 2. नाटक में दिखाई गई घटना को ध्यान में रखते हुए यह भी बताइए कि अपनी सुरक्षा के लिए आजकल बच्चे क्या-क्या कर सकते हैं ? संकेत के रूप में नीचे कुछ उपाय सुझाए जा रहे हैं। आप इनसे अलग कुछ और उपाय लिखिए।
• समूह में चलना ।
• एकजुट होकर बच्चा उठाने वालों या ऐसी घटनाओं का विरोध करना ।
• अनजान व्यक्तियों से सावधानीपूर्वक मिलना ।
उत्तर-
उपाय बच्चों की आयु के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं । नाटक की बच्ची बहुत छोटी है वह अपने पापा का नाम तक नहीं जानती । इस आयु के बच्चे स्वयं कुछ अधिक नहीं कर सकते। माता-पिता उन्हें इतना सिखा सकते हैं कि वे अपरिचित व्यक्तियों से अधिक बात न करें, उनसे काई वस्तु न लें । किसी अपरिचित व्यक्ति द्वारा उठाने की कोशिश किए जाने पर घर के किसी व्यक्ति को पुकारें । अन्य उपाय-
- समझदार बच्चे माता-पिता से पूछे बिना किसी व्यक्ति के साथ अकेले न जायें चाहे वह परिचित ही क्यों न हो।
- अपरिचित व्यक्ति से खाने-पीने की कोई वस्तु ग्रहण न करें ।
- विद्यालय से सीधे घर लौट कर आएँ ।
- किसी अपरिचित व्यक्ति के वाहन पर ले चलने की बात स्वीकार न करें ।
भाषा की बात-
प्रश्न 1. आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है, जैसे- ‘सड़क / रात का समय दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज़ ।’ यदि आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या-क्या करेंगे, सोचकर लिखिए । -मंच पर रात का दृश्य दिखाने के लिए हम मंच पर ।
उत्तर-
बहुत कम प्रकाश कर देंगे। परदों की सहायता से नकली तारे और चंद्रमा दिखा सकते हैं। दूर से चौकीदार की आवाज सुनवा सकते हैं, जैसे- जागते रहो । मंच पर स्थित पात्रों से रात होने की बात कहलवा सकते हैं ।
प्रश्न 2. पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम चिह्नों की ओर गया होगा। आगे दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है। ध्यानपूर्वक पढ़िए ती उपयुक्त चिह्न लगाइए- मुझ पर भी.. थर-थर काँपने लगते हैं
उत्तर-
‘मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे, बाप रे ! वो बिजली थी या आकृत ! याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था, खंभे महाराज ! अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है। अंग थर-थर काँपने लगते हैं । ‘
प्रश्न 3. आसपास की निर्जीव चीजों को ध्यान में रखकर कुछ संवाद लिखिए, जैसे-
• चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद
• कलम का कापी से संवाद
• खिड़की का दरवाजे से संवाद
उत्तर–
एक नमूने का संवाद दिया जा रहा है । शेष छात्र स्वयं लिखें ।
चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद
ब्लैक बोर्ड – (चॉक से) कहो भई गोरे-चिट्टे ! क्या हाल है।
चॉक-कहो भाई श्याम सलोने ! क्या हो रहा है ?
ब्लैक बोर्ड होना क्या है । आज स्कूल की छुट्टी है । आज तुम्हारी घिस-घिस से पीछा छूटा है ।
चॉक-मेरी घिस घिस से ही तुम्हारी पूछ हो रही है। वरना तुम्हारी कब की छुट्टी हो गई होती ।
ब्लैक बोर्ड– अरे, । चुप भी रह ! बित्ते भर की काया और हाथ भर की जबान ! मैं नहीं होता तो तुझे कौन पूछता ? डिब्बे में बंद पड़ा रहता ।
चॉक-बस-बस ज्यादा न बोल । अपने लम्बे चौड़े, काले- कलूटे शरीर से सारी दीवार का रूप बिगाड़ रहा है । मेरे बिना पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती ।
ब्लैक बोर्ड – तेरे बिना ! अरे मेरे बिना विज्ञान और गणित समझ में ही नहीं आते ।
चॉक– (कुछ सोचकर) ठीक कहते हो ही एक-दूसरे की जरूरत है ।
- हम उन्मुक्त गगन के पाठ 1 सोल्यूशन
- हिमालय की बेटियां पाठ 2 सोल्यूशन
- कठपुतली पाठ 3 सोल्यूशन
- मिठाई वाला पाठ 4 सोल्यूशन
अति लयूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. खंभे को बरसात की रातों में क्या-क्या झेलना पड़ता था ?
उत्तर-
बरसात की रातों में वह रातभर भीगता रहता था, तेज बौछारों की चोटें सहता था और तेज हवाओं में भी बल्ब को कसकर थामे हुए एक टाँग पर खड़ा रहता था ।
प्रश्न 2. वर्षा, ठंड और धूप में खड़ा रहने पर भी खंभा- बीमार क्यों नहीं पड़ता था ?
उत्तर-
खंभे का तन-मन लोहे का था । इसीलिए उस पर किसी मौसम का असर नहीं होता था ।
प्रश्न 3. खंभे का घमंड कैसे दूर हुआ ?
उत्तर-
आरम्भ में खंभा पेड़ से बात तक नहीं करता था। एक दिन जोर की आँधी में खंभा पेड़ पर जा गिरा। पेड़ ने उसे सँभाल लिया और अपनी चोट की परवाह नहीं की । तभी से खंभे और पेड़ की दोस्ती हो गई ।
प्रश्न 4. लैटरबॉक्स हैडमास्टर बनना क्यों चाहता था ?
उत्तर-
परीक्षित के पिता को लिखे हैडमास्टर के पत्र को पढ़कर लैटरबॉक्स को परीक्षित जैसे छात्रों पर बड़ा गुस्सा आया । यदि वह हैडमास्टर होता तो परीक्षित के होश ठिकाने लगा देता ।
प्रश्न 5. “चिट्ठी जिसकी हो उसी को पढ़नी चाहिए। वह प्राइवेट होती है।” पेड़ के ऐसा कहने पर लैटरबॉक्स ने क्या कहा ?
उत्तर-
लैटरबॉक्स ने कहा कि वह किसी की चिट्ठी अपने पास नहीं रख लेता है। किसी की गुप्त बातें भी वह अपने तक ही रखता है प्रकट नहीं होने देता । अब अगर वह दूसरों की दो चार चिट्ठियाँ पढ़ भी लेता है तो क्या हो गया ?
प्रश्न 6. लैटरबॉक्स ने लड़की से किनके बारे में पूछा और लड़की ने क्या बताया ?
उत्तर–
लैटरबॉक्स ने लड़की से उसके घर, गली, सड़क आदि का पता पूछा, लेकिन लड़की उसे कुछ नहीं बता सकी।
प्रश्न 7. लड़की का डर कैसे दूर हुआ ?
उत्तर–
लड़की ने जब लैटरबॉक्स, खंभे और पेड़ को बोलते सुना तो वह घबरा गई । तब लैटरबॉक्स ने उसे बताया कि वे सब अकेले में चलते, फिरते और बोलते हैं, इंसानों के सामने नहीं । यह सुनकर लड़की का डर दूर हो गया ।
लघुत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. कौए, पेड़ आदि ने लड़की उम्र लाने वाले आदमी को कैसे इराकर भगा दिया ?
उत्तर–
लौटकर आने पर उस दुष्ट आदमी ने लड़की को पकड़कर ले जाने की कोशिश की। तब पहले कौआ और फिर पेड़, खंभा और लैटरबॉक्स’भूत-भूत’ चिल्लाने और नाचने लगे। यह देखकर वह आदमी भी ‘भूत-भूत’ चिल्लाता हुआ भाग गया ।
प्रश्न 2. वह कौन-सी घटना थी, जिसकी याद आने पर पेड़ डर से काँपने लगता था ?
उत्तर–
एक रात आकाश से गर्जन करती बिजली पेड़ पर आ गिरी थी। बिजली गिरने से वहाँ एक बड़ा गड्ढा हो गया था। अब जब कभी बारिश होती थी तो पेड़ को उस रात की वह भयंकर घटना याद आ जाती थी और उसका शरीर डर के मारे थर-थर काँपने लगता था । उसका दिल भी घबराहट से धक-धक करने लगता था ।
प्रश्न 3. पेड़ के जन्म के समय उस स्थान का दृश्य कैसा था ?
उत्तर-
पेड़ जहाँ खड़ा था वहीं पर उसका जन्म हुआ था । उस समय वहाँ से कुछ दूरी पर ऊँचे-ऊँचे घर नहीं थे, न सड़क थी न सिनेमा का वह बड़ा पोस्टर था जिसमें नाचने वाली औरत बनी हुई थी। उस समय सामने केवल समुद्र था। उस समय पेड़ को बहुत अकेलापन महसूस होता था ।
प्रश्न 4. नाटक का कौन-सा पात्र लड़की के बारे में सबसे अधिक चिंतित दिखाई देता है और कैसे ?
उत्तर–
नाटक में लैटरबॉक्स लड़की के बारे में सबसे अधिक चिंतित दिखाई देता है। पहले वह उस दुष्ट व्यक्ति से लड़की को बचाने के बारे में चिंतित रहता है । वह अपनी बातों से लड़की की घबराहट दूर करता है। लड़की को उठाकर लाने वाले आदमी को डराकर भगाने में वह भी साथ देता है । जब लड़की छिप जाती है तो वह बड़ा निराश और दुखी हो जाता है । अत में वही दर्शकों से लड़की के पापा को खोज लाने का आग्रह करता है ।