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Shabd Shakti Hindi Aroh Important Questions Bank

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Shabd Shakti शब्द शक्ति की परिभाषा,अर्थ, प्रकार व प्रश्न

Shabd Shakti रिक्त स्थान पूर्ति संबंधी प्रश्न

Contents
Shabd Shakti शब्द शक्ति की परिभाषा,अर्थ, प्रकार व प्रश्नRbse Class 12 Hindi Vyakaran Shabd Shakti | शब्द शक्ति

निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए– 

1. पैसा पावर है। ..……………………………

2. ये ही माँ-बाप रह गए थे, जिनके यहाँ मैं जन्म लेने को था।……………….

3. ये प्रकृति के जवान साधु है………………..

4. मोहन पुस्तक पढ़ रहा है।………………..

5. वाच्यार्थ (मुख्यार्थ) का बोध कराने वाली शब्द शक्ति को ……….कहा जाता है। 

6. “ अँधेरा हो गया है”- सेठ ने नौकर से कहा। वाक्य में………….शब्द शक्ति है। 

7. जहाँ अभीष्ट अर्थ न तो मुख्यार्थ से प्राप्त हो और नहीं लक्ष्यार्थ से, तो उसे….……… कहा जाता है।

8. “यह यमुना पुत्रों का नगर है” वाक्य में……………. शब्द शक्ति का प्रयोग हुआ है।

9. लक्ष्यार्थ का बोध कराने वाली शब्द शक्ति को……….. शब्द शक्ति कहते हैं।

10. राजस्थान वीर भूमि है। वाक्य में…………. शब्द शक्ति है।

उत्तरमाला 1. लक्षणा, 2. व्यंजना, 3. लक्षणा, 4. अभिधा । 5. अभिधा, 6. व्यंजना, 7. व्यंग्यार्थ, 8. लक्षणा, 9. लक्षणा, 10. अभिधा

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Rbse Class 12 Hindi Vyakaran Shabd Shakti | शब्द शक्ति

अतिलघु/लघूत्तरात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. लक्षणा और व्यंजना शब्द-शक्ति के अंतर को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- लक्षणा शब्द-शक्ति में लक्ष्यार्थ ग्रहण किया जाता है, जबकि व्यंजना शब्द-शक्ति में मुख्यार्थ और लक्ष्यार्थ से भी परे अर्थ ग्रहण किया जाता है।

प्रश्न 2. भय जब स्वभावगत हो जाता है तब कायरता या भीरूता। कहलाता है।’ इस वाक्य में किस शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है ?

उत्तर- इस वाक्य में अभिधा शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 3. ‘ऊँचे बाजार का आमंत्रण मूक होता है।’ इस वाक्य में निहित शब्द-शक्ति लिखिए।

उत्तर-इस वाक्य में लक्षणा शब्द शक्ति निहित है।

प्रश्न 4. ‘खेत उनकी हवन शाला है।’ इस वाक्य में कौन-सी शब्द-शक्ति है? लिखिए। 

उत्तर- इस वाक्य में लक्षणा शब्द-शक्ति है।

प्रश्न 5. ‘मैंने उससे कहा- ‘भाई अब मुझे भी भेड़ें दो।’ इस वाक्य में निहित शब्द-शक्ति का परिचय दीजिए।

उत्तर- इस वाक्य व्यंजना शब्द – शक्ति निहित है।

प्रश्न 6. ‘वाशिंगटन उनका देवता था। वाशिंगटन उनका भगवान था।’ इन वाक्यों में कौन सी शब्द-शक्ति है? लिखिए। 

उत्तर- इन वाक्यों में लक्षणा शब्द-शक्ति है।

प्रश्न 7. ‘ओ नये कवियो! ठेले पर लदो।’ इस वाक्य में निहित शब्द-शक्ति को लिखिए।

उत्तर-इस वाक्य में व्यंजना शब्द-शक्ति निहित है।

प्रश्न 8. ‘ऐनक हो तो कौन-सा आपको कुछ दिखाई देता है।’ इस वाक्य में कौन-सी शब्द-शक्ति निहित है? लिखिए।

उत्तर-इस वाक्य में व्यंजना शब्द शक्ति है।

प्रश्न 9. लक्षणा शब्द शक्ति की सोदाहरण परिभाषा लिखिए। 

उत्तर-लक्ष्यार्थ का बोध कराने वाली शक्ति को लक्षणा-शक्ति कहा जाता है। जब वक्ता अपने वाक्य में मुख्यार्थ से हटकर कुछ अन्य अर्थ 1 भरने की कोशिश करता है, तब लक्षणों के आधार पर अर्थ-ग्रहण किया जाता है। उदाहरण- डाली-डाली पर फूल हँस रहे हैं।

प्रश्न 10. व्यंजना-शक्ति का प्रयोग किस वाक्य में हुआ है-

  • मोहन धनुर्विद्या में प्रवीण है ।
  • बातें करती गृहिणी ने कहा, “सन्ध्या हो गयी।” 

उत्तर- बातें करती गृहिणी ने कहा, ‘सन्ध्या हो गयी।” (यहाँ ‘सन्ध्या हो गयी’ में बातें बन्द करने एवं गृहकार्य में लगने का व्यंग्यार्थ प्रकट हो रहा है।)

प्रश्न 11.किस वाक्य में ‘पर्वत’ शब्द अभिधेयार्थ प्रकट कर रहा है.

• पर्वत पर चढ़ना सरल कार्य नहीं है।

 • पर्वत जाग रहे हैं।

उत्तर- पर्वत पर चढ़ना सरल कार्य नहीं है।

प्रश्न 12. अभिधा शब्द-शक्ति का प्रयोग किस वाक्य में हुआ है-

  •  वह आस्तीन का साँप है।
  • विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।

उत्तर- विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।

प्रश्न 13. ‘चमेली का पुष्प श्वेत वर्ण का सुगंधित पुष्प है।’ उपर्युक् वाक्य किस शब्द शक्ति का है? स्पष्ट कीजिए ? 

उत्तर- उपर्युक्त वाक्य अभिधा शब्द शक्ति का है क्योंकि इसके द्वारा वाक्य या कथन का मुख्यार्थ ही ग्रहण किया जा सकता है। लक्षणा या व्यंजना का नहीं।

प्रश्न 14. सुरेश हॉकी खेलते समय हवा से बातें करता है।

उत्तर-उपर्युक्त वाक्य लक्षणा शब्द शक्ति का प्रयोग हुआ है। यहाँ ‘हवा से बात करना’ का मुख्य अर्थ न लेकर लक्षण के आधार पर ‘तीव्र गति से दौड़ना’ अर्थ ग्रहण किया गया है । अतः यहाँ लक्षणा शब्द शक्ति निहित है।

प्रश्न 15. आर्थी-व्यंजना शब्द-शक्ति की परिभाषा सोदाहरण लिखिए 

उत्तर- जहाँ व्यंग्यार्थ किसी अर्थ-विशेष पर आधारित होता है, वहाँ आर्थी-व्यंजना होती है। उदाहरण – ‘साहब ! पाँच बज गए हैं। ‘

प्रश्न 16. निम्नलिखित वाक्यों में व्यंजना शब्द शक्ति का प्रयोग किन वाक्य में हुआ है.

  • गिरधारी शेर है । 
  • “अँधेरा हो गया है”, सेठ ने नौकर से कहा ।

उत्तर- “अँधेरा हो गया”, सेठ ने नौकर से कहा ।( भाव है-कार्य समाप्त करो।)

प्रश्न 17.(i) ‘राम सदा चौकन्ना रहता है।’

(ii) ‘सीताहरण की बात जनि, कहियो पितु सन जाइ। जो मैं राम तो कुल सहित, कहहि दसानन आइ ।। उक्त उदाहरणों में प्रयुक्त शब्द-शक्तियों का नामोल्लेख क उनका पारस्परिक अन्तर बताइए।

उत्तर- प्रथम उदाहरण में ‘लक्षणा शब्द-शक्ति’ तथा द्वितीय उदाहरण में ‘व्यंजना शब्द-शक्ति’ का प्रयोग हुआ है अंतर-लक्षणा शब्द-शक्ति से व्यक्त अर्थ मुख्यार्थ से हटकर हुआ करता है। उपर्युक्त उदाहरण में चौकन्ना का मुख्यार्थ ‘चार कानों ‘वाला’ न होकर ‘सतर्क’ लिया जायेगा। व्यंजना शब्द – शक्ति में मुख्यार्थ तथा लक्ष्यार्थ से भिन्न अन्यार्थ (एक नये ही अर्थ ) की अभिव्यक्ति हुआ करती है। उपर्युक्त उदाहरण का भाव है, यदि मैं वास्तव में राम हूँ तो रावण का कुल सहित वधं करूँगा और मेरे हाथों सद्गति पाकर रावण स्वर्ग जायेगा। वहाँ वह पिता दशरथ से स्वयं सीताहरण की बात का निवेदन करेगा।’ यह अर्थ न मुख्यार्थ है और न लक्ष्यार्थ, यह अन्यार्थ या व्यंग्यार्थ है।

प्रश्न 18. लक्ष्यार्थ और व्यंग्यार्थ का अंतर उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए‍ 

उत्तर- जहाँ किसी शब्द का अर्थ उसके मुख्य या प्रचलित अर्थ से भिन्न ग्रहण किया जाता है और वह अर्थ तर्क या अनुमान पर आश्रित होता है, वहाँ उसे लक्ष्यार्थ कहते हैं। यह अर्थ सामान्य अर्थ के लक्षणों पर ही आधारित होता है जैसे- ‘फूल हँसे कलियाँ मुसकाई । ‘ यहाँ हँसने और मुस्काने का सामान्य प्रचलित अर्थ लेने पर अभीष्ट अर्थ सिद्ध नहीं हो सकता। यहाँ तर्क द्वारा और फूलों के खिलने तथा व्यक्ति के हँसने में समता के आधार पर ‘हँसे’ शब्द का अर्थ ‘खिले’ लिया जायेगा, यह लक्ष्यार्थ कहा जायेगा।

जहाँ अभीष्ट अर्थ न तो मुख्यार्थ से प्राप्त हो और न ही लक्ष्यार्थ से, बल्कि एक तीसरे अर्थ की कल्पना करनी पड़े, तो उसे व्यंग्यार्थ कहा जाता है। यह शब्द की व्यंजना शक्ति से प्रकट होता है। जैसे कि कोई मजदूर मालिक से कहे- ‘अब तो पाँच बज गये साहब ! मजदूर का अभीष्ट अर्थ है कि अब काम बन्द करने का समय हो गया है। यह अर्थ अभिधार्थ और लक्ष्यार्थ से भिन्न है। यह व्यंग्यार्थ है जो व्यंजना शब्द-शक्ति से व्यक्त होता है।

प्रश्न 19. निम्नलिखित वाक्यों में किस-किस शब्द-शक्ति का प्र हुआ है ?

(क) प्रेम सदा अन्धा होता है ।

उत्तर- (क) इस वाक्य में व्यंजना शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है

(ख) उफ ! आज तो पत्ता भी नहीं हिल रहा है । 

उत्तर- (ख) इस वाक्य में लक्षणा शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है।

(ग) प्रातःकालीन-भ्रमण स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है।

उत्तर- (ग) इस वाक्य में अभिधा शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 20. निम्नलिखित वाक्यों में किस-किस शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है ?

(क) देश की नाव मझधार में है।

उत्तर- (क) इस वाक्य में लक्षणा शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है।

(ख) माता ने छोटे पुत्र से कहा, ‘अँधेरा हो गया है।’

उत्तर- (ख) इस वाक्य में व्यंजना शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है।

(ग) मैं हँसी नहीं कर रहा हूँ, मुझे बड़े जोर की भूख लगी है।

उत्तर- (ग) इस वाक्य में अभिधा शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 21. अभिधा और लक्षणा शब्द-शक्ति का अंतर उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- अभिधा शब्द-शक्ति से शब्द का सामान्य प्रचलित अर्थ व्यक्त हुआ करता है। जैसे- ‘पर्वत को पार करना कठिन होता है।’ यहाँ प्रत्येक शब्द अपने सामान्य प्रचलित अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। यदि यह कहा जाय- ‘जीवन में मनुष्य को अनेक पर्वत पार करने पड़ते हैं।’ तो यहाँ ‘पर्वत’ शब्द का वही अर्थ नहीं होगा जो प्रथम वाक्य में है। यहाँ ‘पर्वत’ का अर्थ ‘बाधा’ या ‘कठिनाई’ लेना होगा। यह अर्थ मुख्यार्थ से हटकर प्राप्त होता है। यही लक्ष्यार्थ है। अतः लक्षणा शब्द-शक्ति से शब्द का मुख्य अर्थ प्रकट नहीं होता है, अपितु लक्षणों से आरोपित अर्थ प्रकट होता है।

प्रश्न 22. उदाहरण देते हुए अभिधा और व्यंजना शक्तियों का अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- ‘अभिधा’ शब्द की वह शक्ति मानी गयी है, जिसके द्वारा शब्द का सामान्य प्रचलित अर्थ प्रकट होता है। जैसे- ‘हिन्दी में अनुवाद करना सरल है।’ यहाँ हर शब्द का प्रचलित या मुख्य अर्थ ग्रहण करके वक्ता की बात समझी जा सकती है।

‘व्यंजना’ शब्द की वह शक्ति है, जिसके द्वारा मुख्यार्थ और लक्ष्यार्थ से भी परे शब्द का अर्थ ग्रहण किया जाता है। अभीष्ट अर्थ की सिद्धि जब अभिधा और लक्षणा शक्तियों से नहीं होती तो वहाँ व्यंजना शक्ति द्वारा अर्थ प्रकट होता है। यथा-‘मुर्गा बोल रहा है।’ इस वाक्य का यथावत् सामान्य अर्थ ग्रहण करने पर वक्ता का भाव नहीं ग्रहण किया जा सकता। लक्षणों के आधार भी इच्छित अर्थ की प्राप्ति नहीं हो सकती। वक्ता का आशय है कि ‘सवेरा हो गया है, अब जाग जाओ।’ यह तीसरी शब्द-शक्ति व्यंजना से ही सिद्ध हो सकती है।

प्रश्न 23.’वह सुख के कंटक-शयन में विकल थी।’ इस वाक्य में निहित शब्द-शक्ति को बताते हुए उसकी परिभाषा भी लिखिए।

उत्तर- इस वाक्य में लक्षणा शक्ति है। परिभाषा – जब वाक्य में निहित मुख्य अर्थ से लक्षित अर्थ प्राप्त नहीं हो पाता और उसी के आधार पर अन्य अर्थ ग्रहण किया जाता है। तो उस अर्थ को व्यक्त करने वाली शब्द-शक्ति ‘लक्षणा शब्दशक्ति कही जाती है।

प्रश्न 24. ‘पिताजी ! क्या भीख न मिलेगी ?’ इस वाक्य में कौन-सी शब्द-शक्ति निहित है ? कारण स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- इसे वाक्य में व्यंजना शब्द-शक्ति है। ममता “के पिता शेरशाह से लिए गए धन को भविष्य के लिए सहायक बता रहे हैं। ममता ने इस पर व्यंग्य किया है कि इस अपवित्र धन को स्वीकार करने से भीख माँग कर जीना अच्छा है। यह अर्थ न अविधा से प्राप्त होता है न लक्षणा से यह एक अन्य ही अर्थ है। अतः • यहाँ व्यंजना शब्द-शक्ति है।

प्रश्न 25. ‘प्रजातंत्रवाद की सम्यक् सफलता के लिए विरोधी पक्ष का होना एक अनिवार्य शर्त है।’ इस वाक्य में कौन-सी शब्द शक्ति निहित है? उसकी परिभाषा भी लिखिए।

उत्तर- इस वाक्य में अभिधा शब्द शक्ति है। परिभाषा – शब्द में निहित जिस शक्ति से शब्द के मुख्यार्थ का बोध होता है उसे अभिधा शब्द शक्ति कहा जाता है। इस शक्ति के रहते हुए किसी अन्य अर्थ का अनुमान नहीं करना पड़ता है।

प्रश्न 26. “तिल भर न आगे बढ़ रहे हाँ वीर हो निश्चय बड़े।” प्रस्तुत वाक्य में निहित शब्द-शक्ति का नाम लिखते हुए उक्त शब्द-शक्ति की परिभाषा लिखिए।

उत्तर- यहाँ ‘व्यंजना शब्द शक्ति’ है । परिभाषा – बुद्धि के जिस व्यापार से संदर्भ, व्यक्ति व स्थिति के अनुसार शब्द के कल्पना आधारित अर्थ निकले तथा जो अभिधेय अर्थ और लक्ष्यार्थ से परे हो, वह व्यंजना शब्द शक्ति है ।

प्रश्न 27.अभिधा एवं लक्षणा का अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- अभिधा एवं लक्षणा का अंतर निम्नलिखित है-

अभिधा-1. इसमें प्रचलित अर्थ प्रकट होता है ।

2. मूल अर्थ वही रहता है । 3. वाच्यार्थ पर आधारित उक्ति होती है । 

लक्षणा-1. इसमें लाक्षणिक अर्थ प्रकट होता है । 2. मूल अर्थ बाधित होता है ।3. लक्ष्यार्थ पर आधारित उक्ति होती है।

प्रश्न 28. रूढ़ा लक्षणा तथा प्रयोजनवती लक्षणा शब्द-शक्ति में अंतर स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर- जहाँ लक्षणा शब्द-शक्ति का प्रयोग किसी रूढ़ि या परम्परा पर आधारित होता है, वहाँ रूढ़ा लक्षणा कही जाती है तथा जब किसी . विशेष प्रयोजन से लक्षणा शब्द-शक्ति का प्रयोग होता है, तो वहाँ ‘प्रयोजनवती लक्षणा’ होती है । यथा- (1) इंग्लैण्ड दो विकेट से हारा। (रूढ़ा लक्षणा) (2) तू तो निरा गधा है। (प्रयोजनवती लक्षणा)

प्रश्न 29.व्यंजना शब्द-शक्ति की परिभाषा लिखकर उसका एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर-शब्द की जो शक्ति मुख्यार्थ तथा लाक्षणिक

अर्थ से भिन्न किसी अन्य अर्थ को व्यक्त करती है, उसे व्यंजना शब्द-शक्ति कहा जाता है । यथा- ‘पता है, सात बज गये। ‘यहाँ ‘सात बज गए’ का इष्ट अर्थ ‘बहुत विलम्ब हो गया’ है। व्यंजना शब्द-शक्ति से ही यह अर्थ व्यक्त हो सकता है, अभिधा या लक्षणा से नहीं।

प्रश्न 30. प्रयोजनवती लक्षणा शब्द-शक्ति की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर-जब किसी शब्द का मुख्यार्थ न लेकर प्रयोजन से उसका लक्ष्यार्थ लिया जाता है, उसे प्रयोजनवती लक्षणा कहा जाता है। उदाहरण- (1) अशोक गधा है (2) श्यामू सिंह है ।

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