Sanskrit Dhara VahiniSanskrit Dhara VahiniSanskrit Dhara Vahini
Notification Show More
Font ResizerAa
  • Home
  • Class 12
  • Class 11
  • Class 10
  • Class 9
  • Class 8
  • Class 7
  • Class 6
  • Class 1-5
  • Grammar
    • Hindi Grammar
    • English Grammar
    • Sanskrit Vyakaran
  • Free Notes
Reading: Yamak Alankar | यमक अलंकार परिभाषा
Share
Sanskrit Dhara VahiniSanskrit Dhara Vahini
Font ResizerAa
  • Home
  • Class 12
  • Class 11
  • Class 10
  • Class 9
  • Class 8
  • Class 7
  • Class 6
  • Class 1-5
  • Grammar
  • Free Notes
Search Class notes, paper ,important question..
  • Classes
    • Class 12
    • Class 11
    • Class 10
    • Class 9
    • Class 8
  • Grammar
    • English Grammar
    • Hindi Vyakaran
    • Sanskrit Vyakaran
  • Latest News
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Sanskrit Dhara Vahini > Hindi Vyakaran > Yamak Alankar | यमक अलंकार परिभाषा
Hindi Vyakaran

Yamak Alankar | यमक अलंकार परिभाषा

Share
5 Min Read
SHARE

Yamak Alankar-परिभाषा, अर्थ उदाहरण

Yamak alankar:- यमक अलंकार की परिभाषा

Contents
Yamak Alankar-परिभाषा, अर्थ उदाहरणYamak alankar | यमक अलंकार | यमक अलंकार के प्रकार, उदाहरण अलंकारों के महत्वपूर्ण 100 उदाहरण

यमक अलंकार किसे कहते हैं 

परिभाषा – जहाँ एक या एक से अधिक शब्दों की आवृत्ति हो, किन्तु उनके अर्थ भिन्न-भिन्न हों, वहाँ यमक अलंकार होता है।

उदाहरण 1.

‘काली घटा का घमण्ड घटा, नभ-मण्डल तारक-वृन्द खिले । ‘ उपर्युक्त काव्य पंक्ति में शरद ऋतु के आगमन पर उसके सौन्दर्य का चित्रण किया गया है। वर्षा की समाप्ति पर शरद ऋतु के आने पर काली घटा का घमंड घट गया है। ‘घटा’ शब्द की आवृत्ति दो बार हुई है, किन्तु प्रथम ‘घटा’ शब्द का अर्थ ‘बादल की घटा’ है जबकि द्वितीय ‘घटा’ शब्द का अर्थ ‘कम हो गया’ है। अतः यहाँ यमक अलंकार का प्रयोग है।

उदाहरण 2.

“सुन्यौ कहूँ तरु अरक ते, अरक समान उदोतु ।’ उपर्युक्त काव्य पंक्ति में ‘अरक’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। यहाँ पहले ‘अरक’ शब्द का अर्थ ‘आक’ (पौधा) तथा दूसरे ‘अरक’ शब्द का अर्थ ‘सूर्य’ है, अतः इस पंक्ति में यमक अलंकार का सौन्दर्य है।

उदाहरण 3.

कहै कवि बेनी, बेनी ब्याल की चुराई लीनी, रति-रति सोभा सब रति के सरीर की।

पहली पंक्ति में ‘बेनी’ शब्द की दो बार आवृत्ति हुई है। पहली बार प्रयुक्त ‘बेनी’ शब्द कवि का नाम है तथा दूसरी बार प्रयुक्त ‘बेनी’ का अर्थ ‘चोटी’ है। इसी प्रकार द्वितीय पंक्ति में ‘रति’ शब्द तीन बार प्रयुक्त हुआ है। पहली बार ‘रति-रति’ का अर्थ रत्ती-रत्ती अर्थात् सारी और दूसरे स्थान पर प्रयुक्त रति का अर्थ- कामदेव की परम सुंदरी पत्नी रति है। इस प्रकार ‘बेनी’ और ‘रति’ शब्दों की आवृत्ति से काव्य सौन्दर्य उत्पन्न हो गया है तथा यमक अलंकार है।

उदाहरण 4.

भजन कह्यौ ताते भज्यौ, भज्यौ न एको बार। दूरि भजन जाते कह्यौ, सो तू भज्यौ गँवार ।।

उपर्युक्त दोहे में ‘भजन’ और ‘भज्यौं’ शब्दों की आवृत्ति हुई है। ‘भजन’ शब्द के दो अर्थ हैं, पहले भजन का अर्थ भजन-पूजन और दूसरे भजन का अर्थ भाग जाना। इसी प्रकार पहले ‘भज्यौ’ का अर्थ भजन किया तथा दूसरे ‘भज्यौ’ का अर्थ भाग गया, इस प्रकार भजन एवं भज्यौ शब्दों की आवृत्ति ने दोहे में चमत्कार उत्पन्न कर दिया है। कवि अपने मन को संबोधित करते हुए कहता है- हे मेरे मन ! जिस परमात्मा का मैंने तुझे भजन करने को कहा, तू उससे भाग खड़ा हुआ और जिन विषय-वासनाओं से भाग जाने के लिए कहा, तू उन्हीं का सेवन करने लगा। इस प्रकार इन भिन्नार्थक शब्दों की आवृत्ति से दोहे में सौन्दर्य (यमक अलंकार है) उत्पन्न हो गया है ।

Yamak alankar | यमक अलंकार | यमक अलंकार के प्रकार, उदाहरण

यमक अलंकार के भेद-

यमक अलंकार के दो भेद होते हैं-

1. अभंग यमक – जहाँ शब्दों की आवृत्ति भंग न हो, क्रम से हो, अभंग यमक होता है।

उदाहरण–

“कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय । वा खाये बौराय जग, या पाये बौराय ।।”

उपर्युक्त दोहे में ‘कनक’ शब्द की आवृत्ति क्रम से दो बार हुई है। किन्तु प्रथम ‘कनक’ शब्द का अर्थ ‘धतूरा’ है तथा द्वितीय ‘कनक’ शब्द ‘स्वर्ण’ (सोने) के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है।

अतः यहाँ अभंग यमक अलंकार का प्रयोग है। 

2. सभंग यमक – जहाँ शब्दांश की आवृत्ति पूर्वक्रम के अनुसार होती है परन्तु शब्द को तोड़कर आवृत्ति देखी जाती है-

उदाहरण–

तो पर वारौं उरबसी सुनि राधिके सुजान।

तू मोहन के उरबसी हवै उरबसी समान ।। 

उपर्युक्त पंक्तियों में प्रथम ‘उरबसी’ उर्वशी अप्सरा, द्वितीय ‘उर + बसी’ क्रिया (हृदय में बसने वाली) तथा तृतीय आभूषण विशेष के अर्थ में प्रयुक्त है। अतः यहाँ ‘उरबसी’ शब्द के तीन भिन्न अर्थों में प्रयोग होने से सभंग यमक अलंकार है।

👉 अन्य अलंकार

अलंकारों के महत्वपूर्ण 100 उदाहरण

1 अनुप्रास अलंकार

2 श्लेष अलंकार

3 उपमा अलंकार

4 रूपक अलंकार

5 उत्प्रेक्षा अलंकार

6 विरोधाभास अलंकार

7 उदाहरण अलंकार

You Might Also Like

समास की परिभाषा, अर्थ, उदाहरण,भेद

Rbse Class 12 Hindi जनसंचार प्रिंट माध्यम

अव्ययीभाव समास की परिभाषा/Avyayibhav Samas in Hindi Hindi

उत्प्रेक्षा अलंकार Utpreksha alankar

फीचर लेखन क्या है

TAGGED:Yamak alankarYamak alankar ki Paribhashaअलंकारयमंक अलंकार
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp LinkedIn Telegram Email Copy Link
Previous Article श्लेष अलंकार Shlesh Alankar | श्लेष अलंकार की परिभाषा, अर्थ, उदाहरण
Next Article उपमा अलंकार उपमा अलंकार परिभाषा | Upma Alankar 

Follow US

Find US on Social Medias
2.7k Like
547 Follow
1.9k Subscribe
1.2k Follow
Also Read
RRB NTPC Admit Card 2025

RRB NTPC Admit Card 2025: Sarkari Result Link, Release Date, Official Download & CBT 1 Details

RBSE Class 10 download 5 years old paper
राजस्थान बोर्ड कक्षा 11वी की अर्धवार्षिक परीक्षा का टाइम टेबल जारी 2024, RBSE 11th Class Time Table 2024: यहां से डाउनलोड करें
RBSE Class 11th Time Table Download 2024,जिलेवार कक्षा 11वीं वार्षिक परीक्षा समय सारणी डाउनलोड करें-
NEET MDS Results 2024 Download Check scorecard, नीट एमडीएस का रिजल्ट इस तारीख को होगा जारी

Find Us on Socials

Follow US
© SanskritDharaVahni. All Rights Reserved.
  • Home
  • NCERT Books
  • Half Yearly Exam
  • Syllabus
  • Web Story
  • Latest News
adbanner
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account