चल् धातु || चल् धातु के रुप || Chal dhatu roop all Lakar – Chal dhatu
इस पोस्ट में Chal dhatu roop in sanskrit में दिए गए हैं, Dhata (क्रिया) दो प्रकार की होती है 1 परस्मैपदी और आत्मनेपदी इन दोनों के रूप अलग अलग चलते हैं। काल और अवस्था को संस्कृत भाषा में लकार – Lakar कहते हैं। यहां पांचों लकार मेंचल् धातु रूप ( Chal Dhatu Sanskrit Main ) दिए हैं। जो इन प्रकार नीचे दिए गए हैं
धातुओं के रूप प्रायः दस लकारों में बनते हैं, निम्नलिखित पाँच लकार मुख्य हैं : धातु – क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। जैसे- भू, पठ्, गम्, नम्, दृश्, लभ् आदि।
लट् – वर्तमान काल के लिए।
लङ् – भूतकाल के लिए।
लृट् – भविष्यत् काल के लिए।
विधि लिङ् – सम्भावना या आज्ञा के लिए (चाहिए वाले प्रेरणार्थक वाक्य)
लोट् – आज्ञा देने या माँगने तथा आशीर्वाद के लिए।
धातुओं के रूप बनाने के लिए उनके आगे दो प्रकार के प्रत्यय लगाये जाते हैं- परस्मैपद और आत्मनेपद। कई धातुएँ केवल परस्मैपद में, कई केवल आत्मनेपदं में और कई दोनों में आती हैं। जो उभयपदी कहलाती हैं।