NCERT Solutions for Class 7th Science Chapter 12 वन हमारी जीवन रेखा
इस पोस्ट में हमने Class 7th विज्ञान अध्याय 12 वन हमारी जीवन रेखा NCERT Solutions सरल में हमने सम्पूर्ण अभ्यास प्रश्न को सरल भाषा में लिखा गया है। हमने NCERT Solutions for Class 7 Science Chapter अध्याय 12 वन हमारी जीवन रेखा के Questions and Answer बताएं है। इसमें NCERT Class 7th Science Chapter अध्याय 12 वन हमारी जीवन रेखा Notes लिखें है जो इसके नीचे दिए गए हैं।
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प्रश्न 1. समझाइए कि वन में रहने वाले जंतु किस प्रकार वनों की वृद्धि करने और पुनर्जनन में सहायक होते हैं?
उत्तर-कुछ खास तरह के पादपों के बीजों के प्रकीर्णन में जंतु सहायक होते हैं। जंतुओं का क्षयमान गोबर, नवोद्भिदों को उगने के लिए पोषक तत्त्व भी प्रदान करता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि जंतु भी वनों में पादपों को वृद्धि करने और उनके पुनर्जनन में सहायक होते हैं।
प्रश्न 2. समझाइए कि वन, बाढ़ की रोकथाम किस प्रकार करते हैं?
उत्तर-वन द्वारा बाढ़ की रोकथाम-वन, वर्षाजल के प्राकृतिक अवशोषक का कार्य करते हैं और उसे अवस्स्रावित होने देते हैं। यदि वन नहीं हो तो, तो वर्षाजल सीधे भूतल पर गिरकर आस-पास के क्षेत्र में भर सकता है। तेज वर्षा मृदा की ऊपरी उपजाऊ परत को भी क्षति पहुँचा सकती है। वृक्षों तथा अन्य पौधों के मूल सामान्यतः मृदा को एक साथ बाँधे रखते हैं, लेकिन इनकी अनुपस्थिति में मृदा वर्षाजल के साथ बह जाती है, अर्थात् उसका अपरदन हो जाता है। अपरदित मृदा नदियों में जमा होकर उसकी जल ग्रहण एवं प्रवाह क्षमता को प्रभावित कर सकती है, जो बाढ़ का एक बड़ा कारण है। चूँकि वन जल के प्राकृतिक संरक्षक के रूप में काम करते हैं। ये जल को धीरे-धीरे जमीन में रिसने देने में सहायक होते हैं। ये मृदा अपरदन को रोकते हैं। इस प्रकार वन बाढ़ को रोकने में सहायक होते हैं।
प्रश्न 3. अपघटक किन्हें कहते हैं? इनमें से किन्हीं दो के नाम बताइए। ये वन में क्या करते हैं?
उत्तर-(i) अपघटक-पादपों और जंतुओं के मृत शरीर को ह्यूमस में परिवर्तित करने वाले सूक्ष्म जीव, अपघटक कहलाते हैं। बैक्टीरिया और मशरूम अपघटक के रूप में कार्य करते हैं।
(ii) अपघटक, वन में उगने वाले पादपों के लिए पोषक तत्त्वों की आपूर्ति को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
प्रश्न 4. वायुमण्डल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइ- ऑक्साइड के बीच संतुलन को बनाए रखने में वनों की भूमिका को समझाइए।
उत्तर-पादप प्रकाश संश्लेषण के द्वारा ऑक्सीजन निर्मुक्त करते हैं। इस प्रकार पादप जंतुओं के श्वसन के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में सहायक होते हैं। वे वायुमण्डल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइ-ऑक्साइड के संतुलन को बनाए रखते हैं।
प्रश्न 5. समझाइए कि वनों में कुछ भी व्यर्थ क्यों नहीं होता है?
उत्तर-अपघटक मृत पादपों और जंतुओं के पोषक तत्त्व मृदा में निर्मुक्त करते रहते हैं। वहाँ से ये पोषक तत्त्व पुनः सजीव पादपों के मूलों द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। वन में कोई जन्तु मर जाता है तो वह गिद्धों, कौओं, गीदड़ों और कीटों का भोजन बन जाता है। इस प्रकार, पोषक तत्त्वों का चक्र चलता रहता है, जिससे वन में कुछ भी व्यर्थ नहीं जाता है।
प्रश्न 6. ऐसे पाँच उत्पादों के नाम बताइए, जिन्हें हम वनों से प्राप्त करते हैं।
उत्तर-लकड़ी, औषधीय पादप, गोंद, मसाले और जंतुओं का चारा।
प्रश्न 7. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) कीट, तितलियाँ, मधुमक्खियाँ और पक्षी, पुष्पीय
पादपों की …………. में सहायता करते हैं।
(ख) वन परिशुद्ध करते हैं ………….. और ……….. को।
(ग) शाक वन में ……………… परत बनाते हैं।
(घ) वन में क्षयमान पत्तियाँ और जंतुओं की लीद …………….. को समृद्ध करते हैं।
उत्तर-(क) परागण (ख) जल, हवा (ग) सतही ( घ) ह्यूमस।
प्रश्न 8. हमें अपने से दूर स्थित वनों से सम्बन्धित परिस्थितियों और मुद्दों के विषय में चिंतित होने की क्यों आवश्यकता है?
उत्तर-वन, वर्षाजल के प्राकृतिक अवशोषक का कार्य करते हैं और उसे अवस्रावित होने देते हैं। यह वर्ष भर भौमजल स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है। वन न सिर्फ बाढ़ों को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं, बल्कि नदियों में जल के प्रवाह को बनाए रखने में भी सहायक होते हैं, जिससे हमें जल की सतत आपूर्ति मिलती रहती है। वृक्ष तथा अन्य पौधों के मूल सामान्यतः मृदा को एक साथ बाँधे रखते हैं। ये हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और अनेक जन्तुओं को आश्रय प्रदान करते हैं। हमें बहुत-सी उपयोगी वस्तुएँ भी वनों से प्राप्त होती हैं। इसीलिए हमें अपने से दूर स्थित वनों से सम्बन्धित परिस्थितियों और मुद्दों के विषय में चिंतित होने की आवश्यकता है।
प्रश्न १. समझाइए कि वनों में विभिन्न प्रकार के जंतुओं और पादपों के होने की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर-वन में अनेक खाद्य श्रृंखलाएँ पाई जाती हैं। सभी खाद्य श्रृंखलाएँ परस्पर सम्बद्ध होती हैं। यदि किसी एक खाद्य श्रृंखला में कोई विघ्न पड़ता है, तो यह अन्य श्रृंखलाओं को प्रभावित करता है। वन का प्रत्येक भाग अन्य भागों पर निर्भर होता है। यदि वन के किसी घटक, जैसे-वृक्ष को अलग कर दिया जाये, तो इससे अन्य सभी घटक प्रभावित होते हैं। इसी कारण वनों में विभिन्न प्रकार के जंतुओं और पादपों के होने की आवश्यकता होती है।