Class 7th Science Chapter 6 जीवों में श्वसन NCERT Solutions Questions
इस पोस्ट में हमने Class 7th विज्ञान पाठ 6 जीवों में श्वसन परिवर्तन NCERT Solutions सरल में हमने सम्पूर्ण अभ्यास प्रश्न को सरल भाषा में लिखा गया है। हमने NCERT Solutions for Class 7 Science Chapter 6 जीवों में श्वसन परिवर्तन के Questions and Answer बताएं है। इसमें NCERT Class 7th Science Chapter 6 जीवों में श्वसन परिवर्तन Notes लिखें है जो इसके नीचे दिए गए हैं।
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पाठगत प्रश्न
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प्रश्न 1. कुछ देर तक साँस रोके रखने के बाद जब हम साँस छोड़ते हैं, तब साँस तेजी से लेनी पड़ती है। क्या आप बता सकते हैं ऐसा क्यों होता है?
उत्तर-कुछ देर तक साँस रोके रखने के कारण हमारे फेफड़ों में कार्बन डाई-ऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ जाती है और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो जाती है। इसीलिए जब हम रोकी हुई साँस छोड़ते हैं, तब बाहर की हवा से पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए हमें तेजी से साँस लेनी पड़ती है।
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प्रश्न 2. जब हमें नींद आती है या झपकी आती है, तो हम जम्हाई क्यों लेते हैं?
उत्तर-नींद अथवा झपकी के समय हमारी श्वसन दर कम हो जाती है। परिणामस्वरूप शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो पाती है। अत: इस कमी को पूरा करने के लिए जम्हाई द्वारा हम ऑक्सीजन की अतिरिक्त मात्रा शरीर के अन्दर पहुँचाते हैं।
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प्रश्न 3. कोई व्यक्ति अपने फेफड़ों में कितनी वायु भर सकता है?
उत्तर-एक स्वस्थ व्यक्ति अपने फेफड़ों में अधिकतम लगभग आधा लीटर वायु भर सकता है।
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प्रश्न 4. क्या कॉकरोच ( तिलचट्टा), घोंघे, मछली, केंचुए, चींटी और मच्छर में भी फेफड़े होते हैं?
उत्तर-नहीं, इन जीवों में फेफड़े नहीं होते हैं, वरन् फेफड़ों के स्थान पर इनमें विशेष श्वसनांग होते हैं, जिनकी सहायता से ये श्वसन करते हैं।
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प्रश्न 5. व्हेल और डॉल्फिन अक्सर पानी की सतह पर ऊपर आ जाती हैं। कभी-कभी ऊपर की ओर आते समय ये पानी की फुहार भी छोड़ती हैं। ये ऐसा क्यों करती हैं?
उत्तर-व्हेल और डॉल्फिन अन्तःश्वसन के समय वायु अन्दर लेती हैं और सतह पर आकर ये वायु को उच्छ्वसित करती हैं। इस प्रक्रम के दौरान जलवाष्प संघनित हो जाती है, जो हमें फुहार के रूप में निकलते हुए दिखाई देती है।
प्रश्न 6. क्या भूमिगत होते हुए भी पादपों की जड़ें ऑक्सीजन ग्रहण करती हैं? यदि ऐसा है, तो वे ऐसा किस प्रकार करती हैं?
उत्तर- हाँ, भूमिगत होते हुए भी पादपों की जड़ें ऑक्सीजन ग्रहण करती हैं। पादपों की जड़ (मूल) मृदा कणों के बीच के खाली स्थानों (वायु अवकाशों) में उपस्थित वायु से ऑक्सीजन ग्रहण करती हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1. कोई धावक दौड़ समाप्त होने पर सामान्य से अधिक तेजी से गहरी साँसें क्यों लेता है?
उत्तर-धावक दौड़ते समय बहुत अधिक ऊर्जा का इस्तेमाल करता है। इसलिए दौड़ समाप्त होने के बाद भी अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है। लेकिन ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए शरीर में ऑक्सीजन सीमित होती है, इस कारण धावक तेजी से गहरी-गहरी साँसें लेता है ताकि अधिक से अधिक ऑक्सीजन ग्रहण कर ऊर्जा प्राप्त कर सके।
प्रश्न 2. वायवीय और अवायवीय श्वसन के बीच समानताएँ और अंतर बताइए।
उत्तर- (क) वायवीय और अवायवीय श्वसन में समानता
(i) दोनों श्वसन प्रक्रियाओं में ऊर्जा मुक्त होती है।
(ii) दोनों श्वसन प्रक्रियाओं में ग्लूकोस के विखण्डन से कार्बन डाई-ऑक्साइड गैस बनती है।
(ख) वायवीय और अवायवीय श्वसन में अन्तर-
वायवीय श्वसन | अवायवीय श्वसन |
(i) इसमें ग्लूकोस का विखण्डन ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है। | (i) इसमें ग्लूकोस के विखण्डन के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती । |
(ii) इसमें ग्लूकोस का पूर्ण विखंडन होता है। | (ii) इसमें ग्लूकोस का पूर्ण विखण्डन नहीं होता है। |
(iii) इसमें ग्लूकोस के विखंडन से कार्बन डाई-ऑक्साइड और जल बनते हैं। | (iii) इसमें ग्लूकोस के विखंडन से ऐल्कोहॉल और कार्बन डाई-ऑक्साइड गैस बनते हैं। |
प्रश्न 3. जब हम अत्यधिक धूल भरी वायु में साँस लेते हैं, तो हमें छींक क्यों आ जाती है?
उत्तर-हमारे आस-पास की वायु में अनेक प्रकार के अवांछित कण जैसे-धूम्र, धूल, परागकण आदि होते हैं। जब हम अंत: श्वसन करते हैं, तो ये कण हमारी नासा- गुहा में उपस्थित रोमों में फँस जाते हैं। जब कभी ऐसे कण नासा-गुहा के पार चले जाते हैं, तब ये गुहा की कोमल परत को उत्तेजित करते हैं, जिसक परिणामस्वरूप हमें छींक आती है। छींकने से अवांछित कण वायु के साथ बाहर निकल जाते हैं। इस प्रकार केवल स्वच्छ वायु ही हमारे शरीर में प्रवेश कर पाती है।
प्रश्न 4. तीन परखनलियाँ लीजिए। प्रत्येक को 3/4 भाग तक जल से भर लीजिए। इन्हें A, B तथा C द्वारा चिह्नित कीजिए। परखनली A में एक घोंघा रखिए। परखनली B में कोई जलीय पादप रखिए और C में एक घोंघा और पादप दोनों को रखिए। किस परखनली में कार्बन डाई-ऑक्साइड की सांद्रता सबसे अधिक होगी?
उत्तर-परखनली A में केवल घोंघा है जो श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन ग्रहण कर कार्बन डाइऑक्साइड निर्मुक्त करता है। – परखनली B में जलीय पादप है जो प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण कर ऑक्सीजन निर्मुक्त करता है। परखनली C में जलीय पादप और घोंघा, दोनों हैं। घोंघा जो कार्बन डाइऑक्साइड निर्मुक्त करता है, जलीय पादप उसे प्रकाश संश्लेषण हेतु ग्रहण कर लेता है। इसलिए सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड परखनली A में होगी।
प्रश्न 5. सही उत्तर पर (✔) का निशान लगाइए-
(क) तिलचट्टों के शरीर में वायु प्रवेश करती है, उनके-
(i) फेफड़ों द्वारा
(ii) क्लोमों द्वारा
(iii) श्वास रंध्रों द्वारा (✓)
(iv) त्वचा द्वारा
(ख) अत्यधिक व्यायाम करते समय हमारी टांगों में जिस पदार्थ के संचयन के कारण ऐंठन होती है, वह है-
(i) कार्बन डाई-ऑक्साइड
(ii) लैक्टिक अम्ल (✓)
(iii) ऐल्कोहॉल
(iv) जल
(ग) किसी सामान्य वयस्क व्यक्ति की विश्राम-अवस्था में औसत श्वसन दर होती है-
(i) 9-12 प्रति मिनट
(ii) 15-18 प्रति मिनट (✓)
(iii) 21-24 प्रति मिनट
(iv) 30-33 प्रति मिनट
(घ) उच्छ्वसन के समय, पसलियाँ-
(i) बाहर की ओर गति करती हैं।
(ii) नीचे की ओर गति करती हैं। (✓)
(iii) ऊपर की ओर गति करती हैं।
(iv) बिल्कुल गति नहीं करती हैं।
प्रश्न 6. कॉलम-A में दिए गए शब्दों का कॉलम-B के साथ मिलान कीजिए
कॉलम – A | कॉलम – B |
(क) यीस्ट | ऐल्कॉहॉल |
(ख) डायाफ्राम | वक्ष-गुहा |
(ग) त्वचा | केंचुआ |
(घ) पत्तियां | रंध्र |
(च) मछली | क्लोम |
(छः) मेंढ़क | श्वासप्रणाल |
प्रश्न 7. बताइये कि निम्नलिखित वक्तव्य ‘सत्य’ हैं अथवा ‘असत्य’-
(क) अत्यधिक व्यायाम करते समय व्यक्ति की श्वसन दर धीमी हो जाती है। (असत्य)
(ख) पादपों में प्रकाश संश्लेषण केवल दिन में, जबकि श्वसन केवल रात्रि में होता है। (असत्य)
(ग) मेंढक अपनी त्वचा के अतिरिक्त अपने फेफड़ों से भी श्वसन करते हैं। (सत्य)
(घ) मछलियों में श्वसन के लिए फेफड़े होते हैं। (असत्य)
(च) अन्तःश्वसन के समय वक्ष गुहा का आयतन बढ़ जाता है। (सत्य)