दशहरा पर संस्कृत निबंध | संस्कृत में विजयदशमी पर निबंध | Essay on Dussehra in Sanskrit
This post is an essay on Dussehra in Sanskrit. विजयदशमी इति विषये संस्कृते निबन्ध । दशहरा पर संस्कृत निबंध । This essay can be referenced by school students and Sanskrit learners. संस्कृत में दशहरा पर 10 वाक्य।
अत्र हिन्दुनां मुख्यतया चत्वारः उत्सवाः सन्ति – दीपावली, होली, दशहरा, रक्षाबन्धनम् च । सर्वे हिन्दुजातयः चत्वारः अपि उत्सवाः मिलित्वा आचरन्ति । आश्विनस्य (क्वारस्य) शुक्लपक्षस्य दशमीयां दशहरा आचर्यते । एतावता वर्षाऋतुः समाप्तः । आकाशः स्फुटः भवति। शरदस्य आगमनेन वायुमण्डले सर्वः तापः शान्तः भवति ।
उत्सवस्य कारणम् अस्ति यत् अस्मिन् दिने मर्यादा पुरुषोत्तमश्री रामचन्द्रजी लङ्काराजस्य राक्षसराजस्य रावणस्य उपरि विजयं प्राप्तवान् आसीत् । अत एव अस्य उत्सवस्य नाम विजयदशमी इति अभवत्, तस्य स्मृतौ प्रतिवर्षम् अयं उत्सवः आचर्यते।
महत्त्व-दशहरा महता धूमधामेन आचर्यते। देशस्य अनेकेषु भागेषु रामलीलाः बहुदिनानि पूर्वं भवन्ति । इनके अन्तर्गत मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र जी के जीवन से सम्बद्ध अनेक घटनाएँ रामलीला के रूप में प्रदर्शित हैं | विजयदशमीदिने रावणस्य भ्रातुः कुम्भकर्णस्य च प्रतिमाः दह्यन्ते । एवं देशे सर्वत्र अयं उत्सवः महता धूमधामेन आचर्यते ।
यत्र रावणादिप्रतिमाः दह्यन्ते तत्र विशालमेला आयोज्यते । अस्मिन् दिने क्षत्रियजनाः स्वशस्त्राणि पूजयन्ति। दोषाः : अन्यपर्वणां इव अस्मिन् उत्सवे अपि केचन दुष्टाः प्रसृताः सन्ति । रामलीलानामधेयेन प्रायः निम्नस्तरीयनृत्यगीतकार्यक्रमाः आयोज्यन्ते । बाहुबली स्वशस्त्रप्रदर्शनं कृत्वा समाजस्य मनोरञ्जनं करोति। केचन असामाजिकतत्त्वानि रामलीलानामधेयेन अवैधरूपेण दानरूपेण धनं गृह्णन्ति। अयं प्रथा अत्यन्तं निन्दनीयः अस्ति।
दशहरा प्रतिवर्षं अस्माकं कृते पवित्रं सन्देशं आनयति। नैतिकता, न्यायः, धर्मः च अनैतिकतायाः, अन्यायस्य, अधर्मस्य च उपरि विजयं प्राप्नोति इति अस्मान् उपदिशति। अत एव एतान् सर्वान् दुराचारान् परिहृत्य शुभकर्मानुसरणं कृत्वा जीवनं सार्थकं कर्तव्यम् ।
दशहरा पर हिंदी में निबंध | Essay on Dussehra in Hindi
हिन्दुओं के चार मुख्य त्योहार हैं- दीवाली, होली, दशहरा तथा रक्षाबन्धन । चारों त्योहार समस्त हिन्दू जाति मिल-जुलकर मनाती है। दशहरा आश्विन (क्वार) के शुक्लपक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इस समय तक वर्षा ऋतु समाप्त हो चुकी होती है। आकाश स्वच्छ हो जाता है। शरद ऋतु के आगमन से वातावरण की सारी तपन शान्त हो जाती है ।
मनाने का कारण कहते हैं कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी ने लंका-नरेश राक्षसराज रावण पर विजय प्राप्त की थी । इसीलिए इस पर्व का नाम विजयादशमी पड़ा, उसी की स्मृति में यह त्योहार प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
महत्व-दशहरा अत्यन्त धूमधाम से मनाया जाता है। कई दिन पहले से देश के अनेक भागों में रामलीलाएँ होती हैं। इनके अन्तर्गत मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी के जीवन से सम्बन्धित अनेक घटनाओं को रामलीला के रूप में प्रदर्शित किया जाता है । विजयादशमी के दिन रावण एवं उसके भाई कुम्भकर्ण के पुतले जलाये जाते हैं। इस प्रकार यह त्योहार पूरे देश में अत्यन्त धूमधाम से मनाया जाता है।
जिन स्थानों पर रावण के पुतले आदि जलाये जाते हैं, वहाँ बड़ा भारी मेला-सा लग जाता है । क्षत्रिय लोग इस दिन अपने अस्त्र-शस्त्रों का पूजन करते हैं। कुरीतियाँ-अन्य पाँ की भाँति इस पर्व में भी कुछ बुराइयाँ आ गयी हैं। रामलीला के नाम पर प्रायः निम्नस्तरीय नाच-गानों के कार्यक्रम होते हैं। बाहुबली अपने अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन करके समाज को आर्तोकत करते हैं । रामलीला के नाम पर चन्दे के रूप में कुछ असामाजिक तत्व अवैध रूप से धन की जबरन वसूली करते हैं। यह प्रथा अत्यन्त ही निन्दनीय है ।
दशहरा प्रतिवर्ष हमारे समक्ष पावन संदेश लेकर आता है । यह हमें सिखाता है कि अनाचार, अन्याय व अधर्म पर सदाचार, न्याय व धर्म की विजय होती है । इसीलिए हमें इन सभी दोषों से बचना चाहिए और शुभ कर्मों का अनुसरण कर अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।
दशहरा पर अंग्रेजी में निबंध | Essay on Dussehra in English
There are four main festivals of Hindus – Diwali, Holi, Dussehra and Rakshabandhan. All the Hindu castes celebrate all four festivals together. Dussehra is celebrated on the Dashami of Shuklapaksha of Ashwin (Kwar). By this time the rainy season is over. The sky becomes clear. With the arrival of autumn all the heat in the atmosphere calms down.
The reason for celebrating is that on this day Maryada Purushottam Shri Ramchandra ji had won over the demon king Ravana, the king of Lanka. That is why this festival was named Vijayadashami, in its memory this festival is celebrated every year.
Importance-Dussehra is celebrated with great pomp. Ramlilas take place in many parts of the country many days in advance. Under these, many incidents related to the life of Maryada Purushottam Shri Ramchandra ji are displayed in the form of Ramleela. On the day of Vijayadashami, effigies of Ravana and his brother Kumbhakarna are burnt. Thus, this festival is celebrated with great pomp throughout the country.
A huge fair is organized at the places where effigies of Ravana etc. are burnt. Kshatriya people worship their weapons on this day. Evils: Like other festivals, some evils have crept in this festival too. In the name of Ramlila, low level dance and song programs are often organised. Bahubali entertains the society by displaying his weapons. Some anti-social elements illegally extort money in the form of donations in the name of Ramlila. This practice is extremely condemnable.
Dussehra brings a sacred message to us every year. It teaches us that morality, justice and religion triumph over immorality, injustice and unrighteousness. That is why we should avoid all these vices and make our life meaningful by following auspicious deeds.
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