कर्मधारय समास परिभाषा, 10 उदाहरण
कर्मधारय समास में एक पद विशेषण ( उपमान-जिसके द्वारा उपमा दी जाए ) और दूसरा पद विशेषण ( उपमेय-जिसकी तुलना की जाए ) होता है। देखा जाय तो यह समास तत्पुरुष समास का ही अंग है। इस समास के दो रूप हैं। 1. विशेषता वाचक कर्मधारय 2. उपमान वाचक कर्मधारय
जैसे:- कमलाक्ष, शिष्टाचार,वीरबाला, महाराज,खुशबू आदि।
कर्मधारय समास के 20 उदाहरण
- उच्चायोग – उच्च है जो आयोग
- अंधकूप – अंधा है जो कृप कृष्ण सर्प
- कृष्ण सर्प – कृष्ण है जो सर्प
- नीलोत्पल – नील है जो उत्पल (कमल)
- कुमारगंधर्व – कुमार है जो गंधर्व
- रक्तलोचन – रक्त (लाल) हैं जो लोचन
- प्रभुदयाल – दयालु है जो प्रभु
- परमाणु – परम है जो अणु
- नीलगाय – नीली है जो गाय
- श्वेताम्बर – श्वेत है जो अम्बर
- हताश – हत है जिसकी आशा
- महापुरुष – महान् है जो पुरुष
- अधपका – आधा है जो पका
- महाजन – महान् है जो जन
- महादेव – महान् है जो देव
- लाल टोपी – लाल है जो टोपी
- सधर्म – सत् है जो धर्म
- महर्षि – महान् हैं जो ऋषि
- कालीमिर्च – काली है जो मिर्च
- कमतोल – कम तोलता है जो, वह
- महात्मा – महान है जो आत्मा
- परमानन्द – परम है जो आनन्द
- पिछवाड़ा – पीछे है जो वाड़ा
- महासागर – महान् है जो सागर
- नीलकमल – नीला है जो कमल
- बड़भागी – बड़ा है भाग्य जिसका
- नवयुवक – नव है जो युवक
- दीर्घायु – दीर्घ है जिसकी आयु
- अधमरा – आधा मरा हुआ
- परमात्मा – परम है जो आत्मा
- नीलगगन – नीला है जो गगन
- नीलाम्बर – नीला है जो अम्बर
- जलपरी – जल में रहती है जो प्री
- सज्जन – सत् है जो जन
- उड़नखटोला – उड़ता है जो खटोला
- कृष्णपक्ष – कृष्ण है जो पक्ष
- महाराजा – महान् है जो राजा