Raksh Dhatu Roop || रक्ष् [रक्षा करना] धातु रुप संस्कृत में – Raksh dhatu ke Roop all Lakar
रक्ष् [रक्षा करना] धातु रुप संस्कृत में परस्मैपदी धातु के रुप सभी लकारो में पढ़ेंगे। यहां रुच् धातु के रुप नीचे सरल तरीके से समझाया गया है। रक्ष् रक्षा करना धातु पठ् धातु की तरह ही रुप चलते हैं।
परिभाषा-क्रिया का निर्माण जिससे होता है, उसके मूल रूप को संस्कृत में ‘धातु’ कहा जाता है। जैसे पठ् या लिख धातु है और इनसे पठति, लिखतु आदि क्रियापद बनते हैं। संस्कृत में दस लकार होते हैं।पाठ्यक्रम में पाँच लकार निर्धारित हैं, जिनका परिचय इस प्रकार है-
- लट् लकार-वर्तमान काल की क्रिया में लट् लकार आता है। अर्थात् जिस क्रिया से वर्तमान काल का बोध होता है, उसमें लट् लकार आता है। जैसे-छात्रः पठति, त्वं लिखसि, आवां क्रीडावः आदि।
- लोट् लकार-आज्ञा काल या आज्ञा देने के अर्थ में क्रिया के रूप लोट् लकार में चलते हैं। जैसे सः पठतु, त्वम्, पठ, अहं पठानि आदि।
- लङ् लकार-भूतकाल के लिए यह लकार आता है। इसमें धातु से पहले सर्वत्र ‘अ’ जुड़कर क्रिया-पद बनता है। जैसे-अपठत्, अपठः आदि।
- विधिलिङ् लकार-‘चाहिए’ अर्थ में, प्रार्थना या निवेदन करने के अर्थ में विधिलिङ् लकार प्रयुक्त होता है।
- लुट् लकार-भविष्यत् काल की क्रिया में लुट् लकार आता है। इसमें सेट् धातुओं में ‘स्य’ तथा अनिट् धातुओं में ‘इस्य’ लगता है। जैसे-पठिष्यति, भविष्यति, दास्यामि, वक्ष्यसि आदि।
लकार के पुरुष-प्रत्येक लकार के तीन पुरुष होते हैं-
(1) प्रथम पुरुष या अन्य पुरुष,
(2) मध्यम पुरुष और
(3) उत्तम पुरुष
लट् लकार-वर्तमान काल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | रक्षति | रक्षत: | रक्षन्ति |
मध्यम पुरुष: | रक्षसि | रक्षथ: | रक्षथ |
उत्तम पुरुष: | रक्षामि | रक्षाव: | रक्षाम: |
लुट् लकार-भविष्यत् काल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | रक्षिष्यति | रक्षिष्यत: | रक्षिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष: | रक्षिष्यसि | रक्षिष्यथ: | रक्षिष्यथ |
उत्तम पुरुष: | रक्षिष्यामि | रक्षिष्याव: | रक्षिष्याम: |
लङ् लकार-भूतकाल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | अरक्षत् | अरक्षताम् | अरक्षन् |
मध्यम पुरुष: | अरक्ष: | अरक्षतम् | अरक्षत |
उत्तम पुरुष: | अरक्षम् | अरक्षाव | अरक्षाम |
लोट् लकार-आज्ञा काल
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | रक्षतु | रक्षताम् | रक्षन्तु |
मध्यम पुरुष: | रक्ष | रक्षतम् | रक्षत |
उत्तम पुरुष: | रक्षाणि | रक्षाव | रक्षाम |
विधिलिङ् लकार-‘चाहिए’ अर्थ में
पुरुष: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष: | रक्षेत् | रक्षेताम् | रक्षेयु: |
मध्यम पुरुष: | रक्षे: | रक्षेतम् | रक्षेत |
उत्तम पुरुष: | रक्षेयम् | रक्षेव | रक्षेम |
👉 इन्हें भी पढ़ें