Class 7 Social Science Chapter 1 हजार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
पाठ का सार
1
- अरब भूगोलवेत्ता अल इद्रीसी ने 1154 ई. में दुनिया का नक्शा बनाया था।
- फ्रांसीसी मानचित्रकार ग्विलॉम द लिस्ले ने सन् 1720 में एक नया विश्व मानचित्र (एटलस नूवो) तैयार किया। यूरोप के नाविक तथा व्यापारी अपनी समुद्री यात्रा के लिए इस नक्शे का इस्तेमाल किया करते थे।
- 13वीं सदी में फारसी इतिहासकार मिन्हाज-ए-सिराज ने ‘हिन्दुस्तान’ शब्द का प्रयोग किया था तो उसका आशय दिल्ली के सुल्तान के अधिकार क्षेत्र में आने वाले पंजाब, हरियाणा और गंगा-यमुना के बीच में स्थित इलाकों से था।
- 1971 ई. तक इतिहासकार इस बात से अनभिज्ञ थे कि चौदहवीं शताब्दी के इतिहासकार जियाउद्दीन बरनी ने अपना वृत्तांत 1358 ई. के अलावा पहली बार 1356 ई. में भी लिखा था।
- सन् 700 और 1750 के बीच के हजार वर्षों में नई प्रौद्योगिकी के दर्शन होते हैं; जैसे-सिंचाई में रहट, कताई में चरखे और युद्ध में बारूद वाले हथियारों का इस्तेमाल।
- आठवीं से चौदहवीं सदी के मध्य जिन समुदाय का महत्त्व बढ़ा, उनमें से एक समुदाय था- राजपूत ।
- 700 ई. से 1750 ई. तक इन हजार वर्षों में इस उपमहाद्वीप के कई क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था इतनी समृद्ध हो गई थी कि उसने यूरोप को व्यापारिक कंपनियों को आकर्षित करना आरम्भ कर दिया।
- 19वीं सदी के मध्य में अंग्रेज इतिहासकारों ने भारत के इतिहास को तीन युगों में बाँटा था- हिन्दू, मुस्लिम और ब्रिटिश ।
पांडुलिपि – अतीत में हाथ से लिखी पुस्तकें पांडुलिपि
कहलाती हैं।
अभिलेख– पत्थर अथवा धातु जैसी अपेक्षाकृत कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किए लेख, अभिलेख कहलाते हैं।
नकलनवीस – पांडुलिपियों की प्रतिकृति तैयार करने वाले लिपिकों को नकलनवीस कहा जाता था ।
राजपूत राजपूत शब्द राजपुत्र (अर्थात् राजा का पुत्र) से निकला है।
उलेमा– इस्लाम धर्म में विद्वान धर्मशास्त्रियों और न्यायशास्त्रियों को ‘उलेमा’ कहा गया है।
शिया – पैगम्बर साहब के दामाद अली को मुसलमानों का विधिसम्मत नेता मानने वाला समुदाय।
सुन्नी– जो खलीफाओं के प्रभुत्व को स्वीकार करते थे। खलीफा – इस्लाम के आरिम्भक दौर में इस धर्म का नेतृत्व करने वाले खलीफा कहलाते थे।
1154 ई. – अरब भूगोलवेत्ता अल-इद्रीसी ने विश्व मानचित्र तैयार किया।
1720 ई- फ्रांसीसी मानचित्रकार विलोम द लिस्ले ने विश्व मानचित्र एटलस नूवो) तैयार किया।
1356 ई. – इतिहासकार जियाउद्दीन बरनी ने अपना
पहला वृत्तांत लिखा।
1358 ई. – इतिहासकार जियाउद्दीन बरनी ने अपना
दूसरा वृत्तांत लिखा।
पाठ्यपुस्तक अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. अतीत में ‘विदेशी’ किसे माना जाता था ?
उत्तर – अतीत (मध्य युग) में किसी गाँव में आने वाला कोई भी अनजाना व्यक्ति, जो उस समाज या संस्कृति का अंग न हो, ‘विदेशी’ कहलाता था।
प्रश्न 2. नीचे उल्लिखित बातें सहीं हैं या गलत :
(क) सन् 700 के बाद के काल के संबंध में अभिलेख
नहीं मिलते हैं।
(ख) इस काल के दौरान मराठों ने अपने राजनीतिक महत्त्व की स्थापना की।
(ग) कृषि – केन्द्रित बस्तियों के विस्तार के साथ कभी-कभी वनवासी अपनी जमीन से उखाड़ बाहर कर दिए जाते थे ।
(घ) सुल्तान गयासुद्दीन बलबन असम, मणिपुर तथा कश्मीर का शासक था।
उत्तर- (क) गलत, (ख) सही, (ग) सही, (घ) गलत।
प्रश्न 3. रिक्त स्थानों को भरें :
(क) अभिलेखागारों में……………रखे जाते हैं।
(ख)…………. चौदहवीं सदी का एक इतिहासकार
था।
(ग) ……….,……….., …………, ………..
और इस उपमहाद्वीप में इस काल के दौरान लाई गई कुछ नई फसलें हैं।
उत्तर– (क) महत्त्वपूर्ण दस्तावेज,
(ख) जियाउद्दीन बरनी,
(ग) आलू, मक्का, मिर्च, चाय, कॉफी ।
प्रश्न 4. इस काल में हुए कुछ प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों की तालिका दें।
उत्तर – सन् 700 और 1750 के बीच निम्नलिखित प्रौद्योगिकी परिवर्तन हुए- सिंचाई में रहट, कताई में चरखे तथा युद्ध में आग्नेयास्त्रों (बारूद वाले हथियार) का इस्तेमाल शुरू हो गया था।
प्रश्न 5. इस काल के दौरान हुए कुछ मुख्य धार्मिक परिवर्तनों की जानकारी दें।
उत्तर– इस काल के दौरान कुछ मुख्य धार्मिक परिवर्तन हुए जो निम्नलिखित हैं-नए देवी-देवताओं की पूजा, राजाओं द्वारा मंदिरों का निर्माण, समाज में पुरोहितों के रूप में ब्राह्मणों का बढ़ता महत्त्व तथा बढ़ती सत्ता आदि।।