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Reading: NCERT Class 10 Hindi Kritika Chapter 2 Sana Sana hatha jodi Questions Answers
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NCERT Class 10 Hindi Kritika Chapter 2 Sana Sana hatha jodi Questions Answers

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NCERT Solutions for Class 10th Hindi Kritika Chapter 2 साना साना हाथ जोड़ि

इस पोस्ट में हमने NCERT Solutions for Class 10th Hindi Kritika Chapter 2 Sana Sana hatha jodi में हमने सम्पूर्ण अभ्यास प्रश्न को सरल भाषा में लिखा गया है। हमने Class 10th Hindi Chapter 2 साना साना हाथ जोड़ि के Questions and Answer बताएं है। इसमें NCERT Class 10th Hindi Chapter 2 Notes लिखें है जो इसके नीचे दिए गए हैं।

1.Class 10th All Subjects Solution
2.Class 10th Hindi Solution
3.Class 10th Sanskrit Solution
4.Class 10th Science Solution
5.Class 10th Social science Solution
6.Class 10th Math Solution
7.Class 10th English Solution
Sana Sana hatha jodi
NCERT Solutions for Class 10th Hindi Kritika chapter 2 Sana Sana hatha jodi

प्रश्न 1. झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था ?  

उत्तर- लेखिका ने रात में जब सिक्किम के गंतोक नगर को देखा तो वह उगी-सी रह गई। सारा शहर सितारों भरी रात में रोशनी से जगमगा रहा था। वह अद्भुत दृश्य लेखिका की सुध-बुध भुला रहा था। उसे लग रहा था कि उसकी सारी संवेदनाएँ ठहर-सी गई थीं । उसे अपने भीतर और बाहर एक शून्यता का अनुभव हो रहा था।

प्रश्न 2. गतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा गया ? 

उत्तर- सिक्किम एक पहाड़ी प्रदेश है। वहाँ के निवासियों को जीवन-यापन के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है, फिर भी अपनी परिस्थितियों से उन्हें कोई शिकायत नहीं होती । सारी असुविधाओं के बीच भी वे अपना जीवन एक शाही अंदाज में बिताते हैं । उनके चेहरों पर कहीं से भी दीनता वा होनता नहीं झलकती ।

प्रश्न 3. कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है ?

उत्तर- सिक्किम के लोग बौद्धधर्म के अनुयायी है। धार्मिक परम्परा के अनुसार किसी बौद्ध व्यक्ति की मृत्यु होने पर नगर से दूर किसी पवित्र स्थान पर 108 श्वेत पताकाएँ फहराई जाती हैं। किसी नए कार्य को प्रारंभ करने के अवसर पर भी पताकाएँ फहराई जाती हैं लेकिन वे पताकाएँ रंगीन होती हैं।

प्रश्न 4. जितेन नागँ ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी ? लिखिए। 

उत्तर- जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम के प्राकृतिक सौन्दर्य, वहाँ की भौगोलिक स्थिति और वहाँ के लोगों के जीवन के बारे में अनेक जानकारियाँ दीं। उसने बताया कि रास्ते में गहरी घाटियाँ और फूलों से लदी वादियाँ मिलेंगी। मार्ग में एक स्थान पर सैकड़ों सफेद पताकाएँ लहरा रही थीं । उसने बताया कि किसी बौद्ध धर्म के अनुयायी की मृत्यु होने पर उसकी आत्मा की शांति के लिए 108 सफेद पताकाएँ फहराई जाती हैं। इनको कभी उतारा नहीं जाता ये स्वयं ही नष्ट हो जाती हैं ।

रास्ते में एक स्थान के बारे उसने बताया कि उसका नाम ‘कवी लौंग स्टॉक’ था। यहाँ पर तिब्बत के शासक और लेपचाओं के बीच संधि-पत्र पर हस्ताक्षर हुए थे। यहाँ इसका स्मारक पत्थर भी लगा है । स्कूल से लौटते छात्रों के समूह को देख जितेन ने बताया कि उन बच्चों को कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुँचना पड़ता है। ये बच्चे पढ़ते ही नहीं बल्कि घर के काम-काज में भी हाथ बँटाते हैं । 1 लौटती यात्रा में भी जितेन ने कई नई बातें बताईं। उसने एक स्थान की ओर संकेत करते हुए कहा कि इसका नाम खेदुम है। उस क्षेत्र में देवी-देवताओं का निवास है। यहाँ गन्दगी फैलाने वाला मर जाएगा । उसने कहा कि पहाड़, नदी, झरने आदि की लोग यहाँ पूजा करते हैं, उन्हें गंदा नहीं करते ।

प्रश्न 5. लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी ? 

उत्तर – यूमथांग के मार्ग पर लेखिका ने एक कुटिया के भीतर घूमता चक्र देखा । नार्गे ने उसे बताया कि वह धर्मचक्र था। उसे बौद्ध लोग प्रार्थना के समय घुमाते हैं। इसको घुमाने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। यह सुनकर लेखिका को लगा कि पूरे भारत के निवासियों की आत्मानुभूति एक जैसी है। धार्मिक प्रतीकों के अलग होते हुए भी आस्थाएँ, विश्वास, पाप-पुण्य, अंधविश्वास सब में एक जैसे हैं। चाहे मैदान हो या पहाड़ और चाहे कितनी भी वैज्ञानिक प्रगति हो चुकी हो, यह प्रवृत्ति एक जैसी बनी हुई है। 

प्रश्न 6. जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं? 

उत्तर- गाइड के रूप में नार्गे की भूमिका पर विचार करें तो एक कुशल गाइड के लिए आवश्यक गुण निम्नांकित प्रकार से सामने आते हैं- एक कुशल गाइड में सबसे पहला गुण है अपने क्षेत्र का भौगोलिक ज्ञान होना तभी वह पर्यटकों की महत्त्वपूर्ण स्थानों पर ले जा सकता है। इसके अतिरिक्त उसे उन स्थानों के निवासियों, उनके रीति-रिवाज, इतिहास, धार्मिक विश्वासों, परम्पराओं

आदि का भी ज्ञान होना चाहिए। एक कुशल गाइड को पर्यटकों की रुचि और रुझान की जानकारी भी होनी चाहिए। उसे पर्यटकों से अपनत्व स्थापित करने में कुशल होना चाहिए। कुशल गाइड में विश्वसनीयता का गुण होना भी आवश्यक है। एक कुशल गाइड का महत्त्वपूर्ण गुण वाक्पटुता है। उसके बातचीत करने का ढंग रोचक और मनोरंजक होना चाहिए। इस दृष्टि से देखें तो नार्गे में ये सभी गुण विद्यमान हैं । 

प्रश्न 7. इस यात्रा-वृत्तांत में लेखिका ने हिमालय के जिन-जिन रूपों का चित्र खींचा है, उन्हें अपने शब्दों में लखिए।

उत्तर- लेखिका ने बड़ी रोचक और भावुक शैली में हिमालय के विविध रूपों का चित्रण किया है। गंतोक से आगे ऊँचाई की ओर बढ़ते ही पहाड़ियों के स्थान पर हिमालय के भीमकाय पर्वत सामने आने लगते हैं। गहरी घाटियों, चौड़ी वादियों के साथ ही रंग-बिरंगे फूलों के समूह सामने आने लगते हैं और आगे बढ़ने पर इठलाती नदियों तथा दूध की धारा जैसे हरने मन को मोहने लगते हैं । हिमालय कहाँ हरियाली से ढका होने से हरा कहीं पीला तो कहीं नंगे पर्वतों के कारण प्लास्टर बड़ी दीवार जैसा नजर आता है । कहीं धुंध और बादलों के बीच से सँकरे मार्ग आते हैं। हिमालय की ऊँचाइयों पर ‘टाओ’ जैसे बर्फ से ढँके स्थल हैं जो अपनी प्राकृतिक छटा से स्विट्जरलैण्ड को भी मात करते हैं। हिमालय के ये विविध रूप दर्शक को कभी मस्ती, कभी उल्लास और कभी आध्यात्मिक शांति और पवित्रता का अनुभव कराते हैं।

प्रश्न 8. प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है ?

उत्तर सेब के बोध से भर देता है वहीं गगनचुम्बी शिखर अपनी विराटता से उसे स्तब्ध कर देते हैं। ‘सेवन सिस्टर्स’ झरने और उसके साथ बहती तीस्ता नदी के पास बैठकर वह आत्मा का संगीत सुनती है। प्रकृति के नए-नए रूप और रहस्य सामने उत्तर – हिमालय के बीच पहुँचकर लेखिका को अनेकानेक नई-नई अनुभूतियाँ होती हैं । प्रकृति का अपार विस्तार जहाँ

अने पर लेखिका को लगता है कि प्रकृति उसे नई-नई अनुभूतियाँ कराकर अधिक सयानी बनाना चाहती है । प्रकृति की अनंतता और विराटता से एकाकार होकर लेखिका अपने अस्तित्व को भूल जाती है। वह अतीन्द्रिय (इन्द्रियों ) अनुभूति की अवस्था में पहुँच जाती है और स्वयं को ईश्वर के निकट अनुभव करने लगती है । से परे) इस प्रकार प्रकृति के असीम विस्तार और नभस्पर्शी विराटता के बीच लेखिका अनेक अनुभूतियों से गुजरती है।

प्रश्न 9. प्राकृतिक सौन्दर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन-कौन से दृश्य झकझोर देते हैं ?  

उत्तर – हिमालय की प्राकृतिक सुन्दरता लेखिका को एक दिव्य आनंद में लीन कर देती है। वह कभी मुग्ध, कभी चकित, कभी आत्मलीन और कभी काव्यमय होती हुई यात्रा मार्ग पर आगे बढ़ती जाती है, किन्तु मार्ग में कुछ ऐसे दृश्य उपस्थित होते हैं जो उसके हृदय को झकझोर देते हैं। जब वह पहाड़ी स्त्रियों को कोमल हाथों से कठोर पत्थरों को तोड़ते देखतो है तो उसको आनंदमयी भावना को झटका-सा लगता है। उसका इस कठोर सत्य से सामना होता है कि उस दिव्य प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच भी आम आदमी भूख, दीनता और मौत से संघर्ष करने को मजबूर है । कुछ ऐसा ही अनुभव लेखिका को तब भी होता है जब वह कड़कड़ाती ठंड में भारतीय सैनिकों को सीमा की सुरक्षा में तत्पर देखती है। कर्तव्यनिष्ठ प्रहरी अपने आज की हमारे कल के लिए उत्सर्ग कर रहे थे।

प्रश्न 10. सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में किन-किन लोगों का योगदान होता है, उल्लेख करें।

उत्तर- सैलानियों को प्रकृति के मनोहारी रूपों का दर्शन कराने में अनेक प्रकार के लोगों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका होती है । आजकल सैलानियों को सर्वप्रथम ट्रेवल एजेन्सियों से सम्पर्क करना होता है। ये संस्थाएँ पर्यटकों आने-जाने, ठहरने तथा गाइड आदि की व्यवस्थाएँ करती हैं। पर्यटन स्थल तक पहुँचाने वाले वाहन चालक भी इस कार्य में योगदान करते हैं । नार्गे जैसा ‘ड्राइवर कम गाइड’ मिल जाए तो क्या कहने हैं। इनके अतिरिक्त दर्शनीय स्थलों पर स्थि होटल, धर्मशाला या गेस्ट हाउस के प्रबंधकों और कर्मचारियों का भी योगदान होता है। इन प्रत्यक्ष योगदानों के अलावा कुर लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी अपना योगदान करते हैं। पर्वतीय या दुर्गम प्राकृतिक स्थलों तक पहुँचने के लिए जो श्रमिक प्र को संकट में डालकर मार्गों का निर्माण करते हैं; उनका योगदान भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है।

प्रश्न 11. “कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापिस लौटा देती हैं।” इस कथन के आधार पर स्पष्ट करें कि आम जनता की देश की आर्थिक प्रगति में क्या भूमिका है ? 

उत्तर- प्रस्तुत कथन लेखिका ने उन पहाड़ी स्त्रियों को लक्ष्य करके कहा है जो पीठ पर अपने दुधमुँहे बच्चे को पत्थर तोड़ने जैसा कठोर श्रम करती हैं। समाज सदा से आम और खास दो वर्गों में विभाजित रहा है। किसान, मजदूर, निमध्यम वर्ग और जनजातीय लोग, ये सभी समाज के आम आदमी हैं और उद्योगपति, डॉक्टर, इंजीनियर, राजनेता आदि आदमियों में गिने जाते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में कठोर श्रम करने वाली महिलाएँ भी आम जनता का अंग है। ये महिलाएँ पारिवारिक दायित्व निभाने के साथ-साथ कठोर परिश्रम करके धन भी अर्जित करती हैं। इस कठोर श्रम और कर्त्तव्यपत्त के बदले इन्हें समाज से क्या मिलता है थोड़ी-सी मजदूरी ? इस प्रकार ये नारियाँ समाज से कितना कम लेकर उसे किल अधिक लौटा देती हैं। देश की आम जनता अर्थात् किसान, मजदूर और सामान्य लोग देश के करोड़ों लोगों के लिए अन्न उपलब्ध कराते हैं।

सारे उद्योग, व्यवसाय और सड़क, पुल, रेलवे लाइन, बाँध आदि के निर्माण इन आम लोगों के ही बल पर चल रहे हैं। आमजन देश की अर्थव्यवस्था और प्रगति की रीढ़ हैं। लेकिन इनके श्रम का उचित मूल्य इन्हें नहीं मिल पाता।

प्रश्न 12. आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है ? इसे रोकने में आपकी भूमिका होनी चाहिए?

उत्तर- आज की पीढ़ी भौतिक सुख-सुविधाओं और मनोरंजन के लिए प्रकृति का निर्ममता से दोहन कर रही है। नई-नई भव्य बस्तियाँ बसाने के लिए वन का विनाश किया जा रहा है, पर्वत विस्फोटों से उड़ाए जा रहे हैं, औ विकास की होड़ से भूमि, जल, वायु सभी प्रदूषित हो रहे हैं। प्रकृति का संतुलन संकट में पड़ गया है। आज की पीड़ गतिविधियाँ प्रकृति से खिलवाड़ करके आगामी पीढ़ियों के लिए विनाश के बीज बो रही हैं। हम लोगों को जागरूक करें और स्वयं प्रकृति से प्रेम करके और उसकी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए जीवन बिता प्रकृति से अनुचित छेड़-छाड़ के दुष्परिणामों से लोगों को परिचित कराएँ ।

प्रश्न 13. प्रदूषण के कारण स्नोफॉल में कमी का जिक्र किया गया है। प्रदूषण के और कौन-कौन से दुध्याणि सामने आए हैं ? लिखें । 

उत्तर- लेखिका लायुंग नामक स्थान पर हिमपात का आनंद लेने की आशा से पहुँची थी, किन्तु वहाँ बर्फ का न था । उससे एक सिक्किमी युवक ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने के कारण स्नोफॉल (बर्फ गिरना) में कमी आ गई। बढ़ते प्रदूषण के फलस्वरूप अनेक संकट और दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं।

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