NCERT Solution for Class 8 Sanskrit Chapter 11 सावित्री बाई फुले Hindi Translation & English translation
इस पोस्ट में हमने NCERT Solutions for Class 8th Sanskrit Chapter 11 सावित्री बाई फुले में हमने सम्पूर्ण अभ्यास प्रश्न को सरल भाषा में लिखा गया है। हमने Class 8th Sanskrit Chapter 11 सावित्री बाई फुले के Questions and Answer बताएं है। इसमें NCERT Class 8th Sanskrit Chapter 11 Notes लिखें है जो इसके नीचे दिए गए हैं।

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संस्कृत गद्यांश
उपरि निर्मितं चित्रं पश्यत । इदं चित्रं कस्याश्चित् पाठशालायाः वर्तते । इयं सामान्या पाठशाला नास्ति। इयमस्ति महाराष्ट्रस्य प्रथमा कन्यापाठशाला एका शिक्षिका गृहात् पुस्तकानि आदाय चलति । मार्गे कश्चित् तस्याः उपरि धूलिं कश्चित् च प्रस्तरखण्डान् क्षिपति । परं सा स्वदृढनिश्चयात् न विचलति । स्वविद्यालये कन्याभिः सविनोदम् आलपन्ती सा अध्यापने संलग्ना भवति । तस्याः स्वकीयम् अध्ययनमपि सहैव प्रचलति । केयं महिला ? अपि यूयमिमां महिलां जानीथ ? इयमेव महाराष्ट्रस्य प्रथमा महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले नामधेया ।
हिन्दी अनुवाद
हिन्दी अनुवाद – यह साधारण पाठशाला नहीं है। यह है महाराष्ट्र की पहली कन्या पाठशाला। एक अध्यापिका घर से पुस्तकें लेकर चलती है। मार्ग में कोई (उस पर, उसके ऊपर) धूल और कोई उसके ऊपर पत्थर के टुकड़ों को फेंकता है। परन्तु वह अपने दृढ़ निश्चय से विचलित नहीं होती है। अपने विद्यालय में बालिकाओं से हँसी-मजाक से बातें करती हुई वह (उन्हें पढ़ाने में संलग्न होती है। उसका अपना अध्ययन भी साथ ही चलता है। कौन है यह महिला ? क्या तुम सभी इस महिला को जानते हो ? यह ही महाराष्ट्र की प्रथम महिला शिक्षिका, सावित्री बाई फुले है।
English Translation
English translation – This is not an ordinary school. This is the first girls’ school of Maharashtra. A teacher brings books from home. On the way, someone throws dust and someone throws pieces of stone on him. But she does not waver from her determination. She is engaged in teaching the girls in her school while talking to them cheerfully. Her own studies also go on simultaneously. Who is this woman? Do you all know this woman? She is the first lady of Maharashtra. The teacher is Savitri Bai Phule.
संस्कृत गद्यांश
जनवरी मासस्य तृतीये दिवसे 1831 तमे खिस्ताब्दे महाराष्ट्रस्य नायगांव-नाम्नि स्थाने सावित्री अजायत । तस्याः माता लक्ष्मीबाई पिता च खंडोजी इति अभिहितौ । नववर्षदेशीया सा ज्योतिबा फुले महोदयेन परिणीता । सोऽपि तदानीं त्रयोदशवर्षकल्पः एव आसीत् । यतोहि सः स्त्रीशिक्षायाः प्रबल: समर्थकः आसीत अतः सावित्र्या: मनसि स्थिता अध्ययनाभिलाषा उत्साहं प्राप्तवती । इतः परं सा साग्रहम् आङ्ग्लभाषाया अपि अध्ययनं कृतवती।
हिन्दी अनुवाद
हिन्दी अनुवाद-जनवरी मास की तीन तारीख को 1831 ईस्वीय वर्ष में महाराष्ट्र के नायगाँव नामक स्थान पर सावित्री ने जन्म लिया। उसकी माता लक्ष्मीबाई और पिता खंडोजी ये (दोनों) कहे गए हैं। नौ वर्ष की अवस्था में वह ज्योतिबा फुले महोदय के साथ ब्याही गई। वे भी उस समय तेरह वर्ष के ही थे। क्योंकि वे स्त्री शिक्षा के प्रबल समर्थक थे, इसलिए सावित्री के मन में स्थित पढ़ने की इच्छा स्रोत को पा गई। यहाँ से आगे उसने आग्रहपूर्वक अँग्रेजी भाषा का भी अध्ययन किया।
English Translation
English translation – Savitri was born on the 3rd of January in the year 1831 AD at a place called Naigaon in Maharashtra. His mother Lakshmibai and father Khandoji are both mentioned. At the age of nine, she got married to Jyotiba Phule. He was also thirteen years old at that time. Because he was a strong supporter of women’s education, the desire to study in Savitri’s mind found its source. From here onwards he also studied the English language with great insistence.
संस्कृत गद्यांश
1848 तमे ख्रिस्ताब्दे पुणेनगरे सावित्री ज्योतिबामहोदयेन सह कन्यानां कृते प्रदेशस्य प्रथम विद्यालयम् आरभत । तदानीं सा केवलं सप्तदशवर्षीया आसीत्। 1851 तमे ख्रिस्ताब्दे अस्पृश्यत्वात् तिरस्कृतस्य समुदायस्य बालिकानां कृते पृथक्तया तया अपर: विद्यालयः प्रारब्धः ।
हिन्दी अनुवाद
हिन्दी अनुवाद -1848 ईस्वी सन् में पुणे नगर में सावित्री ने ज्योतिबा महोदय के साथ कन्याओं के लिए प्रदेश के प्रथम विद्यालय को आरम्भ किया। उस समय वह केवल सत्रह वर्ष की थीं। 1851 ईस्वी सन् में छुआछूत से तिरस्कृत समुदाय की बालिकाओं के लिए अलग से उसने दूसरा विद्यालय आरम्भ किया।
English Translation
English translation – In 1848 AD, Savitri along with Jyotiba sir started the state’s first school for girls in Pune city. At that time she was only seventeen years old. In 1851 AD, he started a separate school for the girls of the community despised by untouchability.
संस्कृत गद्यांश
सामाजिककुरीतीनां सावित्री मुखरं विरोधम् अकरोत् । विधवानां शिरोमुण्डनस्य निराकरणाय सा साक्षात् नापितैः मिलिता। फलत: केचन नापिताः अस्यां रूढी सहभागिताम् अत्यजन्। एकदा सावित्र्या मार्गे दृष्टं यत् कूपं निकषा शीर्णवस्त्रावृताः तथाकथिता: निम्नजातीयाः काश्चित् नार्यः जलं पातुं याचन्ते स्म । उच्चवर्गीयाः उपहासं कुर्वन्तः कृपात् जलोद्धरणं अवारयन्। सावित्री एतत् अपमानं सोढुं नाशक्नोत् । सा ताः स्त्रियः निजगृहं नीतवती। तडागं दर्शयित्वा अकथयत् च यत् यथेष्टं जलं नयत। सार्वजनिकोऽयं तडागः । अस्मात् जलग्रहणे नास्ति जातिबन्धनम्। तया मनुष्याणां समानतायाः स्वतन्त्रतायाश्च पक्षः सर्वदा सर्वथा समर्थितः ।
हिन्दी अनुवाद
हिन्दी अनुवाद-सामाजिक कुरीतियों का सावित्री ने प्रबल विरोध किया। विधवाओं के शिरमुण्डन के निराकरण के लिए वह स्वयं नाई लोगों से मिलीं। (इसके) फलस्वरूप कुछ नाइयों ने इस रिवाज में सहभागिता को त्याग दिया। एक बार सावित्री ने मार्ग में देखा कि कुएँ के पास फटे-पुराने कपड़ों में लिपटी हुई तथाकथित निम्नजाति की कुछ स्त्रियाँ जल पीने के लिए याचना कर रही थीं। उच्च वर्ग वालों ने मजाक उड़ाते हुए कुएँ से जल निकालने से रोका (जल निकालने के लिए रोकते थे)। सावित्री इस अपमान को सह नहीं सकीं। वह उन स्त्रियों को अपने घर ले गई और तालाब को दिखाकर कहा कि इच्छा के अनुसार जल ले जाओ। यह सार्वजनिक तालाब है, इससे जल लेने में जाति का बन्धन नहीं है। उसने मनुष्यों की समानता और स्वतन्त्रता के पक्ष का हमेशा पूर्णरूप से समर्थन किया।
English Translation
English translation: Savitri strongly opposed social evils. She herself met barbers to resolve the issue of head shaving of widows. (As a result) some barbers abandoned participation in this custom. Once Savitri saw on the way that some women of the so-called lower caste, wrapped in tattered clothes, were begging for water near the well. People from the upper class mockingly stopped people from drawing water from the well.
Savitri could not bear this insult. She took those women to her home and showed them the pond and asked them to take water as per their wish. This is a public pond, there is no caste restriction in taking water from it. He always fully supported the equality and freedom of human beings.
संस्कृत गद्यांश
महिला सेवामण्डल’ ‘शिशुहत्या प्रतिबन्धक गृह’ इत्यादीनां संस्थानां स्थापनायां फुलेदम्पत्योः अवदानम् महत्वपूर्णम् । सत्यशोधकमण्डलस्य गतिविधिषु अपि सावित्री अतीव सक्रिया आसीत् । अस्य मण्डलस्य उद्देश्यम् आसीत् उत्पीडितानां समुदायानां स्वाधिकारान् प्रति जागरणम् इति ।
हिन्दी अनुवाद
हिन्दी अनुवाद– ‘महिला सेवामण्डल’ व ‘शिशु हत्या प्रतिबन्ध गृह’ इत्यादि संस्थाओं की स्थापना में फुले दम्पति का योगदान महत्त्वपूर्ण है। सत्यशोधकमण्डल की गतिविधियों में भी सावित्री अत्यधिक सक्रिय थीं। इस मण्डल का उद्देश्य था- सताए गए समुदायों का अपने अधिकारों के प्रति जागरण।
English Translation
English translation – The contribution of Phule couple in establishing institutions like ‘Mahila Sevamandal’ and ‘Infanticide Prohibition Home’ etc. is important. Savitri was also very active in the activities of Satyashodhakmandal. The objective of this group was to awaken the oppressed communities towards their rights.
संस्कृत गद्यांश
सावित्री अनेकाः संस्थाः प्रशासनकौशलेन सञ्चालितवती । दुर्भिक्षकाले प्लेग-काले च सा पीडितजनानाम् अश्रान्तम् अविरतं च सेवाम् अकरोत् । सहायता सामग्री-व्यवस्थायै सर्वथा प्रयासम् अकरोत् । महारोगप्रसारकाले सेवारता सा स्वयम् असाध्यरोगेण ग्रस्ता 1897 तमे ख्रिस्ताब्दे निधनं गता । साहित्यरचनया अपि सावित्री महीयते । तस्या: काव्यसङ्कलनद्वयं वर्तते ‘काव्यफुले’ ‘सुबोधरत्नाकर’ चेति । भारतदेशे महिलोत्थानस्य गहनावबोधाय सावित्रीमहोदयायाः जीवनचरितम् अवश्यम् अध्येतव्यम् ।
हिन्दी अनुवाद
हिन्दी अनुवाद-सावित्री ने अनेक संस्थाओं का प्रशासन कुशलता से सञ्चालन किया। अकाल और प्लेग के समय उसने पीड़ित लोगों की बिना थके हुए और निरन्तर सेवा की। सहायता सामग्री की व्यवस्था के लिए पूर्णरूप से प्रयत्न किया। महारोग के प्रसार के समय सेवा में लीन वह स्वयं असाध्य रोग से ग्रस्त होकर 1897 ईस्वी सन् में मृत्यु को प्राप्त हो गई। साहित्य रचना के द्वारा भी सावित्री बढ़-चढ़कर हैं। उनका दो काव्यों का संकलन है। ‘काव्यफुले’ और ‘सुबोधरत्नाकर’। भारत देश में महिलाओं के उत्थान के गहन अध्ययन के लिए सावित्री महोदया के जीवन चरित का अवश्य अध्ययन करना चाहिए।
English Translation
English translation– Savitri efficiently managed the administration of many institutions. During famine and plague, he served the suffering people tirelessly and continuously. Made full efforts to arrange relief material. While engaged in service during the spread of the great disease, he himself suffered from an incurable disease and died in 1897 AD.
Savitri is also very active in literary creation. His is a collection of two poems. ‘Kavyaphule’ and ‘Subodhratnakar’. For an in-depth study of the upliftment of women in India, the biography of Savitri Madam must be studied. should do.
अभ्यास प्रश्न
1. एकपदेन उत्तरत- (एक पद में उत्तर दो-)
(क) कीदृशीनां कुरीतीनां सावित्री मुखरं विरोधम् अकरोत् ? (किस प्रकार की कुरीतियों का सावित्री ने प्रबल विरोध किया ? )
उत्तर सामाजिक कुरीतीनां (सामाजिक कुरीतियों का)
(ख) के कूपात् जलोद्धरणम् अवारयन् ? (किसने कुएँ से जल निकालने से रोका ? )
उत्तर उच्चवर्गीया
(ग) का स्वदृढनिश्चयात् न विचलति ? (कौन अपने दृढ़ निश्चय से विचलित नहीं हुई ? )
उत्तर सावित्री
(घ) विधवानां शिरोमुण्डनस्य निराकरणाय सा कैः मिलिता ? (विधवाओं के सिर मुण्डन के निराकरण के लिए वह किनसे मिलीं ? )
उत्तर नापितै:
(ङ) सा कासां कृते प्रदेशस्य प्रथमं विद्यालयम् आरभत ? (उसने किनके लिए प्रदेश का पहला विद्यालय खोला ? )
उत्तर कन्यायानां।
2. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूर्ण वाक्य में उत्तर दें-)
(क) किं किं सहमाना सावित्रीबाई स्वदृढनिश्चयात् न विचलति ? ( क्या-क्या सहते हुए सावित्रीबाई अपने दृढ़ निश्चय से विचलित नहीं हुई ? )
उत्तरम् – धूलिं प्रस्तर खण्डान् च सहमाना सावित्रीबाई स्वदृढ़निश्चयात् न विचलति ।
(ख) सावित्रीबाईफुलेमहोदयायाः पित्रोः नाम किमासीत् ? (सावित्रीबाई फुले महोदया के पिता का क्या नाम था ? )
उत्तरम् -सावित्रीबाईफुलेमहोदयायाः पित्रोः नाम खण्डोजी आसीत्।
(ग) विवाहानन्तरमपि सावित्र्या: मनसि अध्ययनाभिलाषा कथम् उत्साहं प्राप्तवती ? (विवाह के बाद भी सावित्री के मन में स्थित पढ़ने की इच्छा स्रोत को पा गई ?)
उत्तरम् – ज्योतिबाफुले-महोदयः स्त्रीशिक्षायाः प्रबलः समर्थकः आसीत् अतः विवाहनन्तरमपि सावित्र्या: मनसि अध्ययनाभिलाषा उत्सं प्राप्वती।
(घ) जलं पातुं निवार्यमाणाः नारी: सा कुत्र नीतवती किञ्चाकथयत् ? (जल पीने से रोकी गई नारी को वह कहाँ ले गई और क्या कहा ? )
उत्तरम् – जलं पातुं निवार्यमाणाः नारी: सा निजगृहं नीतवती अकथयत् च यत् यथेष्टं जलं नयत।
(ङ) कासां संस्थानां स्थापनायां फुलेदम्पत्योः अवदानं महत्वपूर्णम् ? (किन संस्थाओं की स्थापना में फुले दम्पत्ति का योगदान महत्वपूर्ण है ? )
उत्तरम् – ‘महिला सेवामण्डल’ ‘शिशुहत्या प्रतिबन्धक गृह’ इत्यादीनां संस्थानां स्थापनायां फुलेदम्पत्योः अवदानम् ‘महत्त्वपूर्णम्।
(च) सत्यशोधकमण्डलस्य उद्देश्यं किमासीत् ? (सत्यशोधकमण्डल का क्या उद्देश्य था ? )
उत्तरम् -सत्यशोधकमण्डलस्य उद्देश्यम् आसीत्- उत्पीड़ितानां समुदायानां स्वाधिकारान् प्रति जागरणम् ।
(छ) तस्याः द्वयोः काव्यसङ्कलनयो: नामनी के ? (उसके दोनों काव्य सङ्कलनों के नाम क्या हैं? )
उत्तरम्-तस्याः द्वयोः काव्यसङ्कलनद्वयं ‘काव्यफुले’ सुबोधरत्नाकर चेति नामनी। (उसके दोनों काव्य सङ्कलनों के नाम ‘काव्यफुले’ और ‘सुबोधरत्नाकर’ यह नाम हैं।)
3. रेखांकितपदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत- (रेखांकित पदों को आधार पर प्रश्न निर्माण करो – )
(क) सावित्रीबाई, कन्याभिः सविनोदम् आलपन्ती अध्यापने संलग्ना भवति स्म ।
उत्तर सावित्रीबाई, काभिः सविनोदम् आलपन्ती अध्यापने संलग्ना भवति स्म ?
(ख) सा महाराष्ट्रस्य प्रथमा महिला शिक्षिका आसीत् ?
उत्तर सा कस्य प्रथमा महिला शिक्षिका आसीत्?
(ग) सा स्वपतिना सह कन्यानां कृते प्रदेशस्य प्रथमं विद्यालयम् आरभत ।
उत्तर सा स्वपतिना सह कासाम् कृते प्रदेशस्य प्रथमं विद्यालयम् आरभत ?
(घ) तया मनुष्याणां समानतायाः स्वतन्त्रतायाश्च पक्षः सर्वदा समर्थितः ।
उत्तर तया केषाम् समानतायाः स्वतन्त्रतायाश्च पक्ष सर्वदा समर्थित: ?
(ङ) साहित्यरचनया अपि सावित्री महीयते ।
उत्तरम् -साहित्यरचनया अपि का महीयते ?
4. यथानिर्देशमुत्तरत- (निर्देश अनुसार उत्तर दें-)
(क) इदं चित्रं पाठशालायाः वर्तते अत्र ‘वर्तते’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् ? (यहाँ ‘ वर्तते’ इस क्रियापद का कर्तृ पद क्या है?)
उत्तर चित्रम्।
(ख) तस्याः स्वकीयम् अध्ययनमपि सहैव प्रचलति – अस्मिन् वाक्ये विशेष्यपदं किम् ? (इस वाक्य में विशेष्य पद क्या है?)
उत्तर अध्ययनम्।
(ग) अपि यूयमिमां महिलां जानीथ- अस्मिन् वाक्ये ‘यूयम्’ इति पदं केभ्यः प्रयुक्तम् ? (इस वाक्य में ‘यूयम्’ यह पद किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ? )
उत्तर छात्रेभ्य:।
(घ) सा ताः स्त्रियः निजगृहं नीतवती अस्मिन् वाक्ये ‘सा’ इति सर्वनामपदं कस्यै प्रयुक्तम् ? (इस वाक्य में ‘सा’ यह सर्वनाम पद किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?)
उत्तर सावित्रीबाई फुले।
(ङ) शीर्णवस्त्रावृताः तथाकथिताः निम्नजातीयाः काश्चित् नार्यः जलं पातु याचन्ते स्म – अत्र ‘नार्यः’ इति पदस्य विशेषणपदानि कति सन्ति, कानि च इति लिखत । (यहाँ ‘नार्य:’ इस पद के कितने और कौन-से विशेषण हैं? लिखें।)
उत्तर चत्वारि,शीर्णवस्त्रावृता:, तथाकथित, निम्नजातीय,काश्चित्।
5. अधोलिखितानि पदानि आधृत्य वाक्यानि रचयत- (निम्नलिखित पदों के आधार पर वाक्यों की रचना करो – )
उत्तरम् – स्वकीयम् – स्वकीयं कार्यं स्वयं कुरु । सविनोदम् – रमेश : सविनोदं कार्याणि करोति ।
सक्रिय – सावित्री अतीव सक्रिया आसीत् ।
प्रदेशस्य – राजस्थान प्रदेशस्य राजधान जयपुरम् अस्ति ।
मुखरम्– -महर्षि दयानन्दः मूर्तिपूजनं मुखरं विरोधम् अकरोत् ।
गादयानन्द सरस्वती सर्वथा वेद समर्थकः आसीत् ।
6. (अ) अधोलिखितानां पदानि आधृत्य वाक्यानि रचयत- (नीचे लिखे पदों को आधार बनाकर वाक्यों की रचना करें।)
उत्तरम् – (क) उपरि – जनाः तस्योपरि धूलिं क्षिपति ।
(ख) आदानम् – सा आंग्लभाषाया ज्ञानम् अपि आदानम् ।
(ग) परकीयम – परकीयम् कार्यं सविनोदं करोति । सः
(घ) विषमता – सामाजिक कुरीतीनां अस्माकं समाजस्य महा विषमता अस्ति ।
(ङ) व्यक्तिगतम् – केवलं पशु एव व्यक्तिमतम् उत्थानाय
कार्यं करोति स्म ।
(च) आरोह: सा संख्यान् आरोहः क्रमे अलिखति ।
(आ) अधोलिखितपदानां समानार्थकपदानि पाठात् चित्वा लिखत- (नीचे लिखे पदों के समानार्थक पद पाठ से छाँटकर लिखो।)
मार्गे, अविरतम्, अध्यापने, अवदानम्, यथेष्टम्, मनसि
(क) शिक्षणे = अध्यापने (ख) पथि = मार्गे
(ग) ह्रदय = मनसि (घ) इच्छानुसार = यथेष्टम्
(ड़) योगदानम् = अवदानम् (च) निरन्तरम् = अविरतम्
7. (अ) अधोलिखितानां पदानां लिङ्गं विभक्तिं वचनं च लिखत- (निम्नलिखित पदों के लिङ्ग, विभक्ति और वचन लिखो – )
उत्तरम् – पदानि लिङ्गम् विभक्तिः वचनम्
धूलिम् = स्त्रीलिंग द्वितीया एकवचनम्
नाम्नि = नपुंसकलिंग सप्तमी एकवचनम्
अपरः = पुल्लिंग प्रथमा एकवचनम्
कन्यानाम् = स्त्रीलिंग षष्ठी बहुवचनम्
सहभागिताम् = स्त्रीलिंग द्वितीया एकवचनम्
नापितैः = पुल्लिंग तृतीया बहुवचनम्
(आ) उदाहरणमनुसृत्य निर्देशानुसारं लकारपरिवर्तनं कुरुत – (उदाहरण के अनुसार लकार परिवर्तन करो – )
यथा-सा शिक्षिका अस्ति । (लङ्लकारः)
सा शिक्षिका आसीत् ।
उत्तर (क) सा अध्यापने संलग्ना भविष्यति।
(ख) सः त्रयोदशवर्षकल्पः आसीत्।
(ग) महिलाः तड़ागात् जलम् नयन्तु।
(घ) वयं प्रतिदिनं पाठम् पठेम।
(ङ) किं यूयं विद्यालयम् गमिष्यथ ।
(च) ते बालकाः विद्यालयात् गृहं अगच्छन् ।