इंटरनेट क्या है, परिभाषा, अर्थ, इतिहास
इंटरनेट पत्रकारिता
इंटरनेट जनसंचार का सबसे नवीनतम पर तीव्रगति से लोकप्रिय होता माध्यम है। इस माध्यम में प्रिंट मीडिया, रेडियो, टेलीविजन, पुस्तक, सिनेमा तथा पुस्तकालय के सभी गुण विद्यमान हैं। इसकी पहुँच विश्व के कोने-कोने तक है और इसकी गति तो अकल्पनीय ही है। इंटरनेट पर विश्व के किसी भी क्षेत्र में मुद्रित समाचार-पत्र या पत्रिका में मुद्रित सामग्री को पढ़ सकते हैं, कहीं का भी रेडियो सुन सकते हैं, कहीं का भी सिनेमा देख सकते हैं, किसी भी देश में छपी पुस्तक को पढ़ सकते हैं तथा विश्वव्यापी जाल में छिपे करोड़ों पन्नों में से पलभर में अपने उपयोग की सामग्री को खोजकर निकाल सकते हैं।
इंटरनेट एक अंतरक्रियात्मक माध्यम है अर्थात् इसमें हम मात्र मूकदर्शक नहीं हैं। इसके माध्यम से चर्चाओं-परिचर्चाओं, तर्क-वितर्क आदि में भाग ले सकते हैं, चैट कर सकते हैं और पुरानी फाइलों का पुनरावलोकन कर सकते हैं।
इंटरनेट पत्रकारिता क्या होती है
इंटरनेट पर समाचार-पत्रों के प्रकाशन तथा समाचारों के आदान-प्रदान को इण्टरनेट पत्रकारिता कहते हैं। इंटरनेट पर जब हम किसी भी रूप में समाचारों, लेखों, चर्चाओं, परिचर्चाओं, फीचरों, झलकियों, डायरियों आदि के माध्यम से अपने समय की धड़कनों को महसूस करने या दर्ज करने का काम करते हैं तो इसको इण्टरनेट पत्रकारिता कहा जाता है। आज अधिकांश समाचार-पत्र इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। विश्व के अनेक प्रकाशन समूहों ने तथा निजी कंपनियों ने इंटरनेट पत्रिका से स्वयं को जोड़ लिया है। इंटरनेट पत्रकारिता आजकल बहुत लोकप्रिय हो गई है क्योंकि इससे न केवल समाचारों का संप्रेषण, पुष्टि, सत्यापन होता है। अपितु समाचारों के बैकग्राउंडर तैयार करने में तत्काल सहायता भी मिलती है।
इंटरनेट पत्रकारिता का इतिहास-
विश्व स्तर पर इंटरनेट पत्रकारिता का प्रथम दौर 1982 से 1992 तक, दूसरा दौर 1993 से 2001 तक तथा 2002 से तीसरा दौर आज तक चल रहा है। प्रथम दौर प्रयोगों का दौर था। वास्तविक रूप से इंटरनेट पत्रिकारिता का प्रारंभ 1983 से 2002 के मध्य हुआ। इसी दौरान नयी वेब भाषा एचटीएमएल आई, इंटरनेट ईमेल आया, इंटरनेट एक्सप्लोरर और नेटस्केप नाम के ब्राउजर – वह औजार जिसके माध्यम से विश्वव्यापी जाल में गोते लगाए जा सकते हैं– आए। विश्व के अनेक घरानों ने अपने प्रकाशनों एवं प्रसारणों के इंटरनेट संस्करण निकाले। 2002 से प्रारंभ हुआ इंटरनेट पत्रकारिता का तीसरा दौर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
1 रेडियो
2 टेलीविजन