तत्पुरुष समास, उदाहरण, भेद | तत्पुरुष समास के उदाहरण | तत्पुरुष समास के भेद
तत्पुरुष समास:- जिसमें पहला पद संज्ञा अथवा विशेषण होता है व द्वितीय पद अर्थ की दृष्टि से प्रधान हो और प्रथम पद के साथ विभक्ति का लोप हो जाता हो, वहाँ तत्पुरुष समास होता है। तत्पुरुष समास में कारक चिह्नों का लोप होता है । अतः तत्पुरुष समास में प्रथम शब्द (पद) विशेषण का काम करता है। अतः प्रथम शब्द का अर्थ दूसरे पद पर निर्भर करता है। इस समास में दूसरा पद प्रधान होता है। इस समास के सम्यक् ज्ञान हेतु कारक-चिह्नों का ज्ञान आवश्यक है।
कारक चिह्नों का सामान्य परिचय निम्नलिखित है:-
(1) कर्म कारक तत्पुरुष
(2) करण कारक तत्पुरुष
(3) सम्प्रदान कारक तत्पुरुष
(4) अपादान कारक तत्पुरुष
(5) संबंध कारक तत्पुरुष
(6) अधिकरण तत्पुरुष
| कारक का नाम | कारक का चिह्न |
| कर्ता कारक | ने |
| कर्म कारक | को |
| करण कारण | से ( के द्वारा ) |
| सम्प्रदान कारक | के लिए ( देने के योग्य में ) |
| अपादान कारक | से ( अलग होने के अर्थ में ) |
| सम्बन्ध कारक | का, की, के, रा, रे, री |
| अधिकरण कारक | में, पर |
कर्म कारक तत्पुरुष समास
कर्म कारक का चिह्न ‘को’ का लोप होने वाला समास है। इस समास में विभक्ति चिह्न का लोप हो जाता है उसे कर्म कारक तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण
| समस्त पद | विग्रह पद |
| फलदायी | फल को देने वाला |
| ग्रामगत | ग्राम को गत |
| सर्वप्रिय | सबको प्रिय |
| देशगत | देश को गया हुआ |
| मालगाड़ी | माल को ढोने वाली गाड़ी |
| चिड़ीमार | चिड़ी को मारने वाला |
| कठफोड़वा | काठ को फोड़ने वाला |
| प्राप्तोदक | उदक को प्राप्त हुआ |
| तिलकुटा | तिल को कूटकर बनाया हुआ |
| शरणागत | शरण को आगत |
| हस्तगत | हस्त को गया हुआ |
| जेबकतरा | जेब को कतरने वाला |
| दिनकर | दिन को करने वाला |
| कनकटा | कान को कटवाया हुआ |
| मरणातुर | मरने को आतुर |
| व्यक्तिगत | व्यक्ति को गया हुआ |
| कालातीत | काल से अतीत |
| कमरतोड़ | कमर को तोड़ने वाला |
| महीधर | मही को धारण करने वाला |
| मनोहर | मन को हरने वाला |
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करण तत्पुरुष समास
करण कारक के चिह्न ‘‘से” या ‘‘के द्वारा” के लोप होने वाला कारक है इसे करण तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण
| समस्त पद | विग्रह पद |
| बैलगाड़ी | बैलों द्वारा खींची जाने वाली गाड़ी |
| हस्तलिखित | हाथ से लिखा गया |
| भावपूर्ण | भाव से पूर्ण |
| बाणाहत | बाण से आहत |
| बाढ़पीडित | बाढ़ से पीड़ित |
| गुणयुक्त | गुण से युक्त |
| रेखाकिंत | रेखाओं से अंकित |
| जलावृत | जल से आवृत |
| मदमाता | मद से मत हुआ |
| भयाकुल | भय से आकुल |
सम्प्रदान तत्पुरुष समास
सम्प्रदान कारक चिह्न ‘के लिए’ का लोप हो उसे सम्प्रदान कारक तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण
| समस्त पद | विग्रह पद |
| घुड़साल | घोड़ो के लिए साल |
| देशभक्ति | देश के लिए भक्ति |
| सभामंडप | सभा के लिए मंडप |
| गोशाला | गायों के लिए शाला |
| बलिपशु | बलि के लिए पशु |
| देवालय | देव के लिए आलय |
| हथकड़ी | हाथ के लिए कड़ी |
| विद्यालय | विद्या के लिए आलय |
| रंगमंच | रंग के लिए मंच |
| सभाभवन | सभा के लिए भवन |
अपादान कारक तत्पुरुष समास
आपादान कारक चिह्न ‘से’ ( अलग होने के अर्थ में ) का लोप हो उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण
| समस्त पद | विग्रह पद |
| देशनिकाला | देश से निकाला |
| कामचोर | काम से चोर |
| पापमुक्त | पाप से मुक्त |
| भयभीत | भय से भीत |
| सेवामुक्त | सेवा से मुक्त |
| ऋणमुक्त | ऋण से मुक्त |
| लाभ रहित | लाभ से रहित |
| नेत्रहीन | नत्रों से हीन |
| आकाशपतित | आकाशा से पतित |
| शोभाहीन | शोभा से हीन |
सम्बन्ध तत्पुरुष समास
संबंध कारक चिह्न का, के, की, रा, रे, री का लोप हो वहां संबंध तत्पुरुष समास होता है।
उदाहरण
| समस्त पद | विग्रह पद |
| नरबलि | नर की बलि |
| पशुबलि | पशु की बलि |
| राजसभा | राजा की सभा |
| सेनापति | सेना का पति |
| जलधारा | जल की धारा |
| भारतवासी | भारत का वासी |
| प्राणदान | प्राणों का दान |
| भारतरत्न | भारत का रत्न |
| गोदान | गाय का दान |
| राजकुमार | राजा का कुमार |
अधिकरण तत्पुरुष समास
अधिकरण कारक चिह्न में,पर का लोप हो वहां अधिकरण तत्पुरुष समास होता है।
उदाहरण
| समस्त पद | विग्रह पद |
| आत्मनिर्भर | आत्मा पर निर्भर |
| रणवीर | रण मे वीर |
| जलमग्न | जल में मग्न |
| नराधम | नरों में अधम |
| लोकप्रिय | लोक में प्रिय |
| फलासक्त | फल में आसक्त |
| सिरदर्द | सिर में दर्द |
| देशवासी | देश मे वास करने वाला |
| ग्रामवासी | ग्राम में वास करने वाला |
| घुड़सवार | घोड़े पर सवार |
नञ तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास का एक अन्य भेद नञ तत्पुरुष समास होता है। इस समास का द्वितीया पद प्रधान होता है किन्तु प्रथम पद संस्कृत के नकारात्मक अर्थ को देने वाला अन्य और अ उपसर्ग से युक्त होता है।
उदाहरण
| समस्त पद | विग्रह पद |
| अजन्मा | न जन्म लेने वाला |
| अमर | न मरने वाला |
| अनाथ | न नाथ हो |
| अडिग | न डिगने वाला |
| अनदेखा | न देखा हुआ |
| अकर्म | बिना कर्म का |
| असत्य | न सत्य |
| अचेतन | न चेतन |
| अनादर | नहीं है आदर |
| अधीर | न धीर |
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तत्पुरुष समास की परिभाषा
जिसमें पहला पद संज्ञा अथवा विशेषण होता है व द्वितीय पद अर्थ की दृष्टि से प्रधान हो और प्रथम पद के साथ विभक्ति का लोप हो जाता हो, वहाँ तत्पुरुष समास होता है। तत्पुरुष समास में कारक चिह्नों का लोप होता है । अतः तत्पुरुष समास में प्रथम शब्द (पद) विशेषण का काम करता है। अतः प्रथम शब्द का अर्थ दूसरे पद पर निर्भर करता है। इस समास में दूसरा पद प्रधान होता है। इस समास के सम्यक् ज्ञान हेतु कारक-चिह्नों का ज्ञान आवश्यक है।
तत्पुरुष समास के कितने प्रकार होते हैं
तत्पुरुष समास के 6 भेद होते हैं 1. कर्म कारक तत्पुरुष समास 2. करण तत्पुरुष समास 3.सम्प्रदान तत्पुरुष समास 4. अपादान तत्पुरुष समास 5 सम्बन्ध तत्पुरुष समास 7 अधिकरण तत्पुरुष समास।