Dhirgh Sandhi- दीर्घ संधि की परिभाषा, नियम और उदाहरण || दीर्घ संधि संस्कृत, हिंदी, परिभाषा, उदाहरण
दीर्घ संधि सूत्र:- अकः सवर्णे दीर्घः– जब (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ) स्वरों के पश्चात् (आगे) ह्रस्व या दीर्घ ‘अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ॠ स्वर आयें तो दोनों सवर्ण (एक जैसे) स्वरों को मिलाकर एक ‘दीर्घ वर्ण ‘आ’, ‘ई’, ‘ऊ’, ‘ॠ’ हो जाता है। जैसे-रत्न + आकरः + रत्नाकरः । यहाँ पर रत्न के ‘न’ में ह्रस्व अकार है, उसके बाद ‘आकर:’ का दीर्घ ‘आ’ आता है, अतः ऊपर के नियम के अनुसार दोनों (ह्रस्व ‘अ’ और दीर्घ ‘आ) के स्थान में दीर्घ ‘आ’ हो गया।
- अ/आ+अ/आ = आ
- इ/ई+इस/ई = ई
- उ/ऊं+उ/ऊं = ऊं
- ऋ/ऋ+ऋ/ऋ = ऋ
दीर्घ संधि के उदाहरण
परमार्थ: | परम+अर्थ: |
विद्यालय: | विद्या+आलय: |
जर्जरावस्था | जर्जर+अवस्था |
तवाकार: | तव+आकार: |
कवीश्वर: | कवि+ईश्वर: |
श्रीश: | श्री+ईश: |
अतीव: | अति+इव |
राज्ञीह | राज्ञी+इह |
भानूदय: | भानु+उदय: |
साधूचु: | साधु+ऊचु: |
चमूर्ज: | चमू+ऊर्जा: |
वधूपरि: | वधू+उपरि |
कृकार: | कृ+ऋकार: |
होतृकार: | होतृ+ऋकार: |
अ+अ = आ
मुर+अरि: | मुरारि: |
अद्य+अहम् | अद्याहम् |
दैत्य+अरि: | दैत्यारि: |
दु:ख+अन्त: | दु:कान्त: |
शश+अंक: | शशांक: |
क्व+अपि | क्वापि |
अ+आ = आ
हिम+आलय: | हिमालय: |
रत्न+आकार: | रत्नाकार: |
देव+आलय: | देवालय: |
परम+आनन्द: | परमानन्द: |
आ+अ = आ
तथा+अपि | तथापि |
विद्या+अर्थी | विद्यार्थी |
महा+असुर: | महासुर: |
यदा+अहम् | यदाहम् |
आ+आ = आ
महा+आशय: | महाशय: |
सुधा+आकार: | सुधाकार: |
इ+इ = ई
रवि+इन्द्र: | रवीन्द्र: |
अभि+इष्ट: | अभीष्ट: |
कवि+इन्द्र: | कवीन्द्र: |
क्षिति+इन्द्र: | क्षितीन्द्र: |
मुनि+इन्द्र: | मुनीन्द्र: |
गिरि+इन्द्र: | गिरीन्द्र: |
इ+ई = ई
हरि+ईश: | हरीश: |
अधि+ईश्वर: | अधीश्वर: |
क्षिति+ईश: | क्षितीश: |
गिरि+ईश: | गिरीश: |
मुनि+ईश्वर: | मुनीश्वर: |
मुनि+ईश: | मुनीश: |
ई+इ = ई
मही+इन्द्र: | महीन्द्र: |
मही+इन्दु: | महीन्दु: |
लक्ष्मी+इन्दु: | लक्ष्मीन्दु: |
महती+इच्छा | महतीच्छा |
देवी+इयम् | देवीयम् |
नारी+इव | नारीव |
ई+ई = ई
श्री+ईश: | श्रीश: |
नारी+ईश्वर: | नारीश्वर: |
मही+ईश: | महीश: |
गौरी+ईश: | गौरीश: |
रजनी+ईश: | रजनीश: |
लक्ष्मी+ईश: | लक्ष्मीश: |
उ+उ = ऊ
लघु+उपाय: | लघूपाय: |
गुरु+उपदेश: | गुरूपदेश: |
लघु+उपदेश: | लघूपदेश: |
विष्णु+उदय: | विष्षूदय: |
सु+उक्ति: | सूक्ति: |
भानु+उदय: | भानूदय: |
उ+ऊ = ऊ
सिन्धु+उर्मि: | सिन्धूर्मि: |
विधु+ऊर्ध्वम् | विधूर्ध्वम् |
लघु+उर्मि: | लघूर्मि: |
लघु+ऊर्ण: | लघूर्णि: |
ऊ+उ = ऊ
वधू+उपदेश: | वधूपदेश: |
वधू+उवाच | वधूवाच |
वधू+उत्सव: | वधूत्सव: |
वधू+उक्ति: | वधूक्ति: |
ऊ+ऊ = ऊ
भू+ऊर्ध्वम् | भूर्ध्वम् |
वधू+ऊचे | वधूचे |
ऋ+ऋ = ऋ
पितृ+ऋणम् | पितृणम् |
मातृ+ऋणम् | मातृणम् |