Kt Pratyay संस्कृत में क्त प्रत्यय की परिभाषा,उदाहरण
आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में कृत् प्रत्यय के भेद क्त प्रत्यय पर सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्त प्रत्यय का प्रयोग भूतकाल के अर्थ प्रकट करने के लिए धातुओं के साथ प्रयोग किया जाता है। क्त प्रत्यय से बनने वाले शब्द निष्ठा संज्ञा शब्द कहलाते हैं। संस्कृत में क्त प्रत्यय की परिभाषा, क्त प्रत्यय के उदाहरण और क्त प्रत्यय का प्रयोग कब व कहां किया जाता है। इस चर्चा करेंगे।
क्त प्रत्यय का परिचय
क्त प्रत्यय-जब किसी भी कार्य की समाप्ति होती है तब उसकी समाप्ति का बोध कराने के लिए धातु से क्त और क्तवतु प्रत्यय होते हैं। अर्थात् इन दोनों प्रत्ययों का प्रयोग भूतकाल अर्थ में होता है। ये दोनों प्रत्यय व्याकरणशास्त्र में ‘निष्ठा’ संज्ञा शब्द से कहे जाते हैं। ‘क्त’ प्रत्यय के प्रथम वर्ण की अर्थात् ‘क्’ की इत्संज्ञा और लोप होता है। केवल ‘त’ शेष रहता है। यह ‘क्त’ प्रत्यय धातु से भाववाच्य अथवा कर्मवाच्य में प्रयुक्त होता है। ‘क्त’ प्रत्ययान्त शब्दों के रूप पुल्लिंग में ‘राम’ के समान, स्त्रीलिंग में ‘रमा’ के समान और नपुंसकलिंग में ‘फल’ के समान चलते हैं।
क्त प्रत्यय का प्रयोग
किसी कार्य समाप्ति का ज्ञान कराने के लिए अर्थात भूतकाल के अर्थ में क्त प्रत्यय का प्रयोग होता है।
क्त प्रत्यय की पहचान
- क्त प्रत्यय का प्रयोग भूतकाल में किया जाता है।
- इससे बनने वाले शब्द निष्ठा संज्ञा होते हैं।
- इसके रुप तीनों लिंगों में चलते हैं।
धातुओं के अंत में जुड़े वर्ण (Short Tricks)
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग | नपुंसकलिंग |
---|---|---|
त: | ता | तम् |
न: | ना | नम् |
ट: | टा | टम् |
व: | वा | वम् |
क: | का | कम् |
संस्कृत में क्त प्रत्यय के उदाहरण
धातु | प्रत्यय | पुल्लिंग | स्त्रीलिंग | नपुंसकलिंग |
---|---|---|---|---|
पठ् | क्त | पठित: | पठिता | पठितम् |
गम् | क्त | गत: | गता | गतम् |
कथ् | क्त | कथित: | कथिता | कथितम् |
कृ | क्त | कृत: | कृता | कृतम् |
आरभ् | क्त | आरब्ध: | आरब्धा | आरब्धम् |
कम्प् | क्त | कम्पित: | कम्पिता | कम्पितम् |
कुप् | क्त | कुपित: | कुपिता | कुपितम् |
कृष् | क्त | कृष्ट: | कृष्टा | कृष्टम् |
क्री | क्त | क्रीत: | क्रीता | क्रीतम् |
क्रीड् | क्त | क्रीडित: | क्रीडिता | क्रीडितम् |
खाद् | क्त | खादित: | खादिता | खादितम् |
ग्रह् | क्त | गृहीत: | गृहीता | गृहीतम् |
चल् | क्त | चलित: | चलिता | चलितम् |
चिन्त् | क्त | चिन्तित: | चिन्तिता | चिन्तितम् |
चुर् | क्त | चोरित: | चोरिता | चोरितम् |
जन् | क्त | जात: | जाता | जातम् |
ज्ञा | क्त | ज्ञात: | ज्ञाता | ज्ञातम् |
तप् | क्त | तप्त: | तप्ता | तप्तम् |
तृप् | क्त | तृप्त: | तृप्ता | तृप्तम् |
त्यज् | क्त | त्यक्त: | त्यक्ता | त्यक्तम् |
दण्ड् | क्त | दण्डित: | दण्डिता | दण्डितम् |
भुज् | क्त | भुक्त: | भुक्ता | भुक्तम् |
याच् | क्त | याचित: | याचिता | याचितम् |
रक्ष् | क्त | रक्षित: | रक्षिता | रक्षितम् |
लभ् | क्त | लब्ध: | लब्धा | लब्धम् |
शिक्ष् | क्त | शिक्षित: | शिक्षिता | शिक्षितम् |
शी | क्त | शयित: | शयिता | शयितम् |
शुभ् | क्त | शोभित: | शोभिता | शोभितम् |
स्तु | क्त | स्तुत | स्तुता | स्तुतम् |
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