संस्कृत प्रत्यय नोट्स | Pratyay in Sanskrit | संस्कृत प्रत्यय की परिभाषा
प्रत्यय ज्ञानम् :- हैलो दोस्तो आज हम इस ब्लॉग में संस्कृत में प्रत्यय किसे है ये प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं उस पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे। आईए जानते हैं संस्कृत के प्रत्यय के बारे मे जानने से पहले हिंदी भाषा में ‘क्रिया’ शब्द से कहीं जाती है, अंग्रेजी में भाषा में जो ’वर्ब’ शब्द से कहीं जाती है, वह क्रिया संस्कृत में ‘धातु’ नाम से कहीं जाती है। धातु से पूर्व जिसका प्रयोग होता है,वह उपसर्ग कहलाता है। धातु के अन्त में जिसका प्रयोग किया जाता है वह प्रत्यय कहलाता है।
प्रत्यय किसे कहते हैं?
धातो: प्रातिपदिकस्य वा पश्चात् यस्य प्रयोग क्रियते प्रत्यय इति कथ्यते। (धातु अथवा प्रातिपदिक (शब्द) के बाद जिसका प्रयोग किया जाता है वह प्रत्यय कहा जाता है
प्रत्यानां भेदा:-
प्रत्ययाना मुख्यरूपेण त्रयो भेदा: सन्ति। ते क्रमशः सन्ति –
1.कृत प्रत्ययाः येषा प्रत्ययानां प्रयोगः धातो (क्रियाया:) पश्चात क्रियते ते कृत् प्रत्यया: कथ्यन्ते।
2. तद्धितप्रत्ययाः येषां प्रत्ययानां प्रयोग सज्ञा सर्वनामादिशब्दानां पश्चात् क्रियते तद्धितप्रत्यया: कथ्यन्ते।
3. स्त्रीप्रत्ययाः- येषां प्रत्ययानां प्रयोग: पुल्लिङ्गशब्दान् स्त्रीलिङ्गे परिवर्तयितुं क्रियते ते स्त्रीप्रत्ययाः कथ्यन्ते ।
- कृत प्रत्यय
- क्त्वा प्रत्यय
- ल्यप् प्रत्यय
- तुमुन् प्रत्यय
- अनीयर् प्रत्यय
- शतृ प्रत्यय
- क्तवतु प्रत्यय
- शानच् प्रत्यय
- तव्यत् प्रत्यय
- क्तिन प्रत्यय
- ल्यूट् प्रत्यय
- क्त प्रत्यय
- तध्दित प्रत्यय
- मतुप् प्रत्यय
- तमप् प्रत्यय
- तरप् प्रत्यय
- इन् – ठन् प्रत्यय
- त्व प्रत्यय
- तल् प्रत्यय
- स्त्रीप्रत्यय
- टाप् प्रत्यय
- ड़ीप् प्रत्यय
👉 इन्हें भी पढ़ें
FAQ
संस्कृत प्रत्यय क्या है?
धातो: प्रातिपदिकस्य वा पश्चात् यस्य प्रयोग क्रियते प्रत्यय इति कथ्यते। (धातु अथवा प्रातिपदिक (शब्द) के बाद जिसका प्रयोग किया जाता है वह प्रत्यय कहा जाता है
संस्कृत में प्रत्यय कितने होते हैं?
प्रत्ययाना मुख्यरूपेण त्रयो भेदा: सन्ति। ते क्रमशः सन्ति – कृत् प्रत्यय, तध्दित प्रत्यय और स्त्रीप्रत्यय