पर्यावरण प्रदूषण पर संस्कृत निबंध | पर्यावरण पर संस्कृत निबंध | Sanskrit Essay on Environment Pollution
आज हम इस पोस्ट में पर्यावरण प्रदूषण पर संस्कृत निबंध लेखन करेंगे। This post is an Sanskrit Essay on Environment Pollution. पर्यावरणप्रदूषणस्य इति विषये संस्कृते निबन्ध । पर्संयावरण संस्कृत निबंध । This essay can be referenced by school students and Sanskrit learners. संस्कृत में पर्यावरण प्रदूषण पर 10 वाक्य।
Sanskrit Essay on Environment Pollution
परिचय-अद्य न केवलं भारतं, समग्रं विश्वं पर्यावरणप्रदूषणस्य समस्यायाः पीडितं वर्तते। सम्प्रति जल-वायु-वालुका-मृदा-आदिभिः सह वृक्षाः, वनस्पतयः, कृषिः कीटाः इत्यादयः सर्वे पर्यावरणप्रदूषणेन प्रभाविताः सन्ति । गैस, धूम, धुम, कठोर कोलाहल, विषाक्त अपशिष्टस्य प्रचुरता इत्यादिरूपेण सर्वविधं प्रदूषणं दृश्यते । पर्यावरणदिवसः अपि प्रतिवर्षं जूनमासस्य ५ दिनाङ्के संयुक्तराष्ट्रसङ्घेन विश्वस्वास्थ्यसङ्गठनेन च आचर्यते, परन्तु पर्यावरणप्रदूषणं न्यूनं न भवति ।
पर्यावरणप्रदूषणस्य दुष्प्रभावाः – निरन्तरजनसंख्यावृद्धेः, औद्योगिकीकरणस्य, नगरीकरणस्य च कारणेन प्राकृतिकसंसाधनानाम् अत्यधिकशोषणस्य कारणेन पर्यावरणप्रदूषणं निरन्तरं वर्धमानं वर्तते एतेन मनुष्याणां स्वास्थ्ये अपि च वन्यजन्तुषु प्रतिकूलरूपेण प्रभावः भवति । वर्धमानस्य पर्यावरणप्रदूषणस्य मानवसभ्यतायाः उपरि सर्वाधिकं दुष्प्रभावः भवति, यस्य कारणतः भविष्ये तस्याः विनाशः भवितुम् अर्हति । पृथिव्याः तापमानस्य वृद्धिः, असमयस्य ऋतुपरिवर्तनस्य च कारणेन प्राकृतिकं वातावरणं नष्टं भवति ।
प्रदूषणनिवारणस्य उपायाः : विश्वस्वास्थ्यसङ्गठनम् प्रदूषणनिवारणाय अनेकानि उपायानि कुर्वन् अस्ति । भारतसर्वकारः अपि पर्यावरणसंरक्षणार्थं बहुप्रयत्नाः कुर्वन् अस्ति । यथा हरियालीप्रवर्धनं, वृक्षाणां वर्धनं, कोलाहलनियंत्रणं, पर्यावरणप्रदूषणविषये जनजागरूकीकरणं च इत्यादि। मुक्तशौचात्, नालिकेभ्यः मलिनजलस्य प्रसारात्, कारखानेभ्यः बहिः आगच्छन्तः विषाक्तकचराणां च पर्यावरणस्य रक्षणार्थं बहवः उपायाः क्रियन्ते प्रत्येकं गृहे सीवरेज-शुद्धिकरण-संस्थानानि स्थापितानि, शौचालयानि च निर्मिताः सन्ति । नदीनां स्वच्छतायै अभियानं प्रचलति।
अन्वयः-अस्माकं देशे पर्यावरणसंरक्षणार्थं सर्वकारेण बहवः पदानि क्रियन्ते। देशे पर्यावरणसंरक्षणसम्बद्धाः पाठ्यक्रमाः अपि आरब्धाः सन्ति । बृहत् उद्योगाः प्रदूषणनिवारणार्थं उपायान् स्वीकुर्वन्तु इति कथ्यन्ते। एतेषां सर्वेषां उपायानां माध्यमेन पर्यावरणस्य सन्तुलनं स्थापयितुं प्रयत्नाः क्रियन्ते ।
पर्यावरण प्रदूषण पर हिंदी निबंध
प्रस्तावना-आज भारत ही नहीं, सारा संसार पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से ग्रस्त है। वर्तमान में पानी, हवा,रेत-मिट्टी आदि के साथ-साथ पेड़-पौधे, खेती एवं कृमि-कीट आदि सभी पर्यावरण प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं। गैस, धुआँ, धुंध, कर्णकटु ध्वनि एवं विषाक्त अपशिष्टों की भरमार आदि तरीकों से हर तरह का प्रदूषण देखने को मिल रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रतिवर्ष पाँच जून को पर्यावरण दिवस भी मनाया जाता है, परन्तु पर्यावरण प्रदूषण कम नहीं हो रहा है।
पर्यावरण प्रदूषण का कुप्रभाव-निरन्तर जनसंख्या की वृद्धि, औद्योगीकरण एवं शहरीकरण तथा प्राकृतिक संसाधनों का अतिशय दोहन होने से पर्यावरण में निरन्तर प्रदूषण बढ़ रहा है। इससे मानव के साथ ही वन्य जीवों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण का सबसे अधिक कुप्रभाव मानव सभ्यता पर पड़ रहा है जो कि आगे चलकर इसके विनाश का कारण हो सकता है। धरती के तापमान की वृद्धि तथा असमय ऋतु-परिवर्तन होने से प्राकृतिक वातावरण नष्ट होता जा रहा है।
प्रदूषण-निवारण के उपाय-विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रदूषण रोकने के अनेक उपाय कर रहा है। भारत सरकार भी पर्यावरण-निवारण के लिए कई प्रयास कर रही है। जैसे- हरियाली को बढ़ावा देना, वृक्ष उगाना, शोर पर नियंत्रण करना तथा पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जनचेतना को जाग्रत करना आदि। खुले में शौच करने, नालियों का गन्दा जल फैलने तथा कारखानों से निकलने वाले विषैले अपशिष्टों से पर्यावरण को बचाने के अनेक उपाय किये जा रहे हैं। सीवरेज ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट लगाये जा रहे हैं, घर-घर में शौचालय बनाये जा रहे हैं। नदियों की स्वच्छता का अभियान चलाया जा रहा है।
उपसंहार-हमारे देश में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार द्वारा अनेक कदम उठाये जा रहे हैं। देश में पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित पाठ्यक्रम भी प्रारम्भ किया गया हैं। बड़े उद्योगों को प्रदूषण रोकने के उपाय अपनाने के लिए कहा जा रहा है। इन सब उपायों से पर्यावरण में सन्तुलन रखने का प्रयास किया जा रहा है
पर्यावरण प्रदूषण पर अंग्रेजी में निबंध | Essay on Environment Pollution in English
Introduction-Today not only India, the whole world is suffering from the problem of environmental pollution. At present, along with water, air, sand and soil etc., trees and plants, agriculture and insects etc. are all being affected by environmental pollution. All types of pollution are being seen in the form of gas, smoke, smog, harsh noise and abundance of toxic wastes etc. Environment Day is also celebrated every year on 5th June by the United Nations and the World Health Organization, but environmental pollution is not decreasing.
Bad effects of environmental pollution – Due to continuous population growth, industrialization and urbanization and excessive exploitation of natural resources, environmental pollution is continuously increasing. This is adversely affecting the health of humans as well as wild animals. The increasing environmental pollution is having the biggest adverse effect on human civilization, which may lead to its destruction in the future. Due to increase in earth’s temperature and untimely seasonal changes, the natural environment is getting destroyed.
Pollution prevention measures: The World Health Organization is taking many measures to prevent pollution. The Indian government is also making many efforts for environmental protection. Like promoting greenery, growing trees, controlling noise and awakening public awareness about environmental pollution etc. Many measures are being taken to protect the environment from open defecation, spread of dirty water from drains and toxic wastes coming out of factories. Sewerage treatment plants are being set up and toilets are being built in every house. A campaign to clean rivers is being run.
Conclusion-Many steps are being taken by the government for environmental protection in our country. Courses related to environmental protection have also been started in the country. Big industries are being asked to adopt measures to prevent pollution. Efforts are being made to maintain balance in the environment through all these measures.
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